Website + Android App

अगर आप किसी भी तरीके का व्यापार करते हैं या कोई काम करते हैं तो आज के समय में कम से कम एक वेबसाइट आपके पास होनी ही चाहिए, जिस प्रकार सभी के पास एक फोन नंबर और एक ईमेल आईडी होती है उसी प्रकार सभी के पास एक वेबसाइट होनी चाहिए आने वाले समय में वेबसाइट का महत्व बढ़ता ही चला जाएगा |

अगर आपके पास वेबसाइट है तो एक ANDROID APP जरूर रखें क्योंकि जब आप किसी को वेबसाइट के बारे में बताते हैं तो उसे वेबसाइट पर जाने के लिए बार-बार गूगल क्रोम में वेबसाइट की स्पेलिंग टाइप करनी पड़ती है अगर उसके मोबाइल में आपका ऐप होगा तो वह एप्लीकेशन को ओपन करके तुरंत आप से जुड़ सकता है

पैंक्रियास के लिए योग हलासन

हलासन एक और बेहतरीन योग आसन है जो थकान और तनाव को कम करने में मदद करता है। पैंक्रियास के लिए हलासन योग बहुत ही लाभदायक होता है। इसके अलावा, यह पाचन में भी सुधार करता है और भूख को नियंत्रित करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछा के सीधे हाथ पैर कर के लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। अपने दोनों हाथों को सीधा जमीन पर ही रखें रहने दें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे अपने सिर के पीछे की ओर जमीन से लगाने की कोशिश करें। एक मिनट के लिए इस स्थिति में रहें, फिर साँस छोड़ें और अपने पैरों को नीचे लाएं।

पैंक्रियास के लिए योग गोमुखासन

पैंक्रियास के लिए योग गोमुखासन बहुत ही लाभदायक माना जाता है यह मूत्राशय को सक्रिय करता है, गुर्दे की कार्यप्रणाली में सुधार करता है और मधुमेह को भी नियंत्रित करता है। गोमुखासन विश्राम को प्रेरित करने के लिए उत्कृष्ट आसन है। यह आसन न केवल छाती के क्षेत्र को खोलता है बल्कि पीठ दर्द, थकावट, तनाव और चिंता को कम करता है। इस आसन को करने के लिए आप आप सबसे एक योगा मैट बिछा के सुखासन में बैठ जाएं। अपने दाएं पैर को खिंच के अपने शरीर के पास लाएं फिर अपने बाएं पैर को भी खिंच के दाएं पैर की जांघ के ऊपर से अपने पास लाएं। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर से पीठ पर ले जाएं और बाएं हाथ को कोहनी के यह से मोड़े

पादहस्तासन योग करने करते समय यह सावधानी रखें

पादहस्तासन योग एक मध्यम स्तर का योग है इसे थोड़े अभ्यास के साथ अच्छी तरह से किया जा सकता है। पादहस्तासन योग करने के लिए आप निम्न बातों को अपने ध्यान में रखें-

  • यदि आप सायटिका की समस्या से परेशान हैं तो आप इस आसन को ना करें।
  • अगर आप पीठ के दर्द से परेशान हैं तो आप इस आसन को ना करें।
  • अगर आपकी जांघों में दर्द या हैमस्ट्रिंग में समस्या हैं तो आपको इस योग को करने से बचना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाएं इस आसन को करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

पादहस्तासन योग करने फायदे शारीरिक ग्रंथि को उत्तेजित करने में

शारीरिक ग्रंथि को उत्तेजित करने में पादहस्तासन योग लाभदायक होता है। यह योग पीनियल और अधिवृक्क ग्रंथि को उत्तेजित करके उनकी कार्य प्रणाली को बेहतर बनता है। पादहस्तासन योग लीवर और गुर्दों को स्वस्थ रखने के लिए एक अच्छा आसन हैं। लीवर और किडनी हमारे शरीर का मुख्य अंग होते हैं यह हमारे शरीर में विभिन्न प्रक्रार के महत्वपूर्ण कार्य जैसे पोषक तत्वों का भंडारण, पदार्थों को छानना, अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकलना आदि कार्य करते हैं। इस अंगों का अच्छे से काम करने पर हमें भोजन का अधिक लाभ मिलता हैं।

पादहस्तासन योग के लाभ रक्त परिसंचरण में

रक्त परिसंचरण में सुधार करने में पादहस्तासन योग फायदेमंद होता है। इस योग को करने के लिए आपको आगे की ओर झुकना होता है जो विशेष रूप से शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।

पादहस्तासन योग करने फायदे हाईट बढ़ाने में

यदि आप अपनी हाईट बढ़ाने के लिए कोई योग खोज रहें है तो पादहस्तासन योग आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। यह योग आपकी जांघ की मांसपेशियों को एक अच्छा खिंचाव देता है। पादहस्तासन संतुलन, मुद्रा और लचीलेपन में सुधार करता है। इसका नियमित अभ्यास आपके कद को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है।

पादहस्तासन योग करने लाभ पाचन सुधारने में

पाचन को सुधारने और चयापचय की क्रिया को बढ़ाने के लिए पादहस्तासन योग बहुत ही फायदेमंद होता है। हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले लगभग सभी रोगों का कारण पेट के पाचन तंत्र में खराबी होता हैं। अगर आप पादहस्तासन योग को करते हैं तो एक प्रकार से आपके पेट की मालिश होती हैं और यह पेट की कार्य प्रणाली को अधिक क्रियाशील बनता हैं।

पादहस्तासन योग करने फायदे तनाव कम करे

तनाव को कम करने के लिए पादहस्तासन योग बहुत ही लाभदायक है। वैसे तो सभी योग अपने तनाव को कम करने में मदद करते हैं पर यह योग आपके शरीर की थकान को खत्म करता हैं और तनाव को कम कर के मन को शांति प्रदान करता हैं।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।