क्या है क्रिया योग ?
संस्कृत के शब्द 'क्रिया' का मतलब 'करना' है। इसलिये क्रिया योग का मतलब है कि वे प्रणालियां जिनके द्वारा सेहद, आध्यात्मिक विकास, या एकता-चेतना का अनुभव हो। पतांजली के २००० साल पुराने 'योग सूत्र' में लिखा है कि क्रिया योग का मतलब है कि मन और इन्द्रियों को वश मे रखना, स्वयं विल्क्षेषण, स्वाध्याय, ध्यान का अभ्यास, और अहंकार की भावना का ईशवर प्राप्ति के लिये त्याग।
- Read more about क्या है क्रिया योग ?
- Log in to post comments
स्कन्द पुराण में एक अद्भुत श्लोक है
*अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्*
*न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान् ।*
*कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च. पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।।*
*अश्वत्थः = पिपल*
*पिचुमन्दः = नीम*
*न्यग्रोधः = वट वृक्ष*
*चिञ्चिणी = इमली*
*कपित्थः = कविट*
*बिल्वः = बेल*
*आमलकः = आवला*
*आम्रः = आम*
*(उप्ति = पौधा लगाना)*
अर्थात- जो कोई इन वृक्षों के पौधो का रोपण करेगा, उनकी देखभाल करेगा उसे नरक के दर्शन नही करना पड़ेंगे।
*इस सीख का अनुसरण न करने के कारण हमें आज इस परिस्थिति के स्वरूप में नरक के दर्शन हो रहे हैं।*.
- Read more about स्कन्द पुराण में एक अद्भुत श्लोक है
- Log in to post comments
मानसिक क्षमताओं का विकास
स्मरण शक्ति एवं बौद्धिक क्षमता जीवन में प्रगति के लिए प्रमुख साधन माने जाते हैं. योग से मानसिक क्षमताओं का विकास होता है और स्मरण शक्ति पर भी गुणात्मक प्रभाव होता है. योग मुद्रा और ध्यान मन को एकाग्र करने में सहायक होता है. एकाग्र मन से स्मरण शक्ति का विकास होता है. प्रतियोगिता परीक्षाओं में तार्किक क्षमताओं पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं. योग तर्क शक्ति का भी विकास करता है एवं कौशल को बढ़ता है. योग की क्रियाओं द्वारा तार्किक शक्ति एवं कार्य कुशलता में गुणात्मक प्रभाव होने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है
- Read more about मानसिक क्षमताओं का विकास
- Log in to post comments
15 Yoga Poses That'll Change Your Body In Less Than a Month
Practicing yoga regularly is known to improve your physical, mental, and spiritual health. We’ve put together the most effective yoga poses that can transform your body and help you lose weight with no dieting or extensive workouts. Not only do these poses help you get the body of your dreams fast, but also improve your digestion, relieve back and neck pain, and stretch your hips, thighs and ankles. They are also great at relieving stress.
मानसिक सुकून के लिए करें वृक्षासन
वृक्षासन यानी पेड़ के समान। यह आसन करने से मनुष्य की आकृति पेड़ के समान हो जाती है। यही कारण है कि इसे वृक्षासन कहते हैं। इस आसन से न सिर्फ शारीरिक रूप से हमें लाभ पहुंचाता है वरन इसके करने से हमें मानसिक सुकून भी मिलता है। जहां एक ओर वृक्षासन से हमारे शरीर के विभिन्न अंग विशेषों को लाभ पहुंचता है, वहीं दूसरी मानसिक तनाव को भी यह आसन दूर रखता है। कहने का मतलब यह कि मानसिक सुकून चाहिए तो वृक्षासन कीजिए। इस आसन के लाभ वृक्षासन के असंख्य लाभ है बशर्ते इसे नियमानुसार किया जाए। साथ ही इसकी सावधानियां भी बरती जाएं। योग विशेषज्ञों की मानें तो वृक्षासन सुबह उठकर किया जाए तो इसका हमें फायदा पहुंचता
- Read more about मानसिक सुकून के लिए करें वृक्षासन
- Log in to post comments
गुर्दे और मूत्र विकारों दूर करें धनुरासन
धनुरासन संस्कृत शब्द धनुष का अर्थ है घुमावदार या मुड़ा हुआ? इस आसन को करने से शरीर की आकृति खींचे हुए धनुष के समान हो जाती है, इसीलिए इसको धनुरासन कहते हैं।
आसन विधि :
स्टेप 1- सर्वप्रथम मकरासन में लेट जाएं। मकरासन अर्थात पेट के बल लेट जाएं।
स्टेप 2- ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। हाथ कमर से सटे हुए और पैरों के पंजे एक-दूसरे से मिले हुए। तलवें और हथेलियां आकाश की ओर रखें।
स्टेप 3- घुटनों को मोड़कर दाहिने हाथे के पंजे से दाहिने पैर और बाएं हाथ के पंजे से बाएं पैर की कलाई को पकड़ें।
- Read more about गुर्दे और मूत्र विकारों दूर करें धनुरासन
- Log in to post comments
योग भगाए रोग
बरसात में भीगना और बीमार होना आम बात है, ऎसे में इन दिनों योगासनों के जरिए रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर अधिक स्वस्थ रहा जा सकता है।
मानसून में बारिश की गिरती बूंदे अमृत के समान लगती हैं, लेकिन इन दिनों हमारी थोड़ी-सी लापरवाही कई बीमारियों का सबब बन जाती है। इन दिनों संक्रमण के कारण पेट दर्द, सर्दी, अस्थमा, त्वचा रोग, जोड़ो में दर्द आदि बीमारियों का खतरा बना रहता है। ऎसे में योग के जरिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
हस्त उत्तानासन
- Read more about योग भगाए रोग
- Log in to post comments
कमर को बनाये लचकदार
यदि आपकी कमर और पेट लचकदार तथा संतुलित हैं तो स्फूर्ति और जोश तो कायम रहेगा ही साथ ही आप कई तरह के रोग से बच जाएंगे। अनियमित और अत्यधिक खान-पान के कारण कमर के कमरा बनने में देर नहीं लगती। कमर के छरहरा होने से व्यक्ति फिट नजर तो आता ही है साथ ही उसमें फूर्ति भी बनी रहती है। कमर को छरहरा बनाए रखने के लिए यहाँ प्रस्तुत है कुछ योगा टिप्स।
- Read more about कमर को बनाये लचकदार
- Log in to post comments
दुनिया भर में आज 'योग' का 'महायोग'
भारत समेत विश्व के 192 देश रविवार को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएंगे। राजधानी दिल्ली भी योग दिवस के लिए तैयार है। इस अवसर पर आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित 35 मिनट का कार्यक्रम सुबह साढ़े छह बजे शुरू होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजपथ पर होने वाले भव्य कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। अनुमान है कि 37 हजार लोग राजपथ पर आकर योगाभ्यास करेंगे। सरकार को उम्मीद है कि एक ही जगह पर सबसे ज्यादा लोगों द्वारा योग करने का रिकॉर्ड बन जाएगा, जिसे गिनीजवर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिलेगी।
- Read more about दुनिया भर में आज 'योग' का 'महायोग'
- Log in to post comments
ಹಲ್ಲಾಸನ್
ಈ ಭಂಗಿಯಲ್ಲಿ ದೇಹದ ಆಕಾರವು ನೇಗಿಲಿನಂತೆ ಆಗುತ್ತದೆ. ಇದರಿಂದ ಇದನ್ನು ಹಲಾಸನ ಎಂದು ಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ. ನಮ್ಮ ದೇಹವನ್ನು ಸುಲಭವಾಗಿ ಹೊಂದಿಸಲು ಹಲಾಸನ್ ಮುಖ್ಯವಾಗಿದೆ. ಇದು ನಮ್ಮ ಬೆನ್ನುಮೂಳೆಯನ್ನು ಯಾವಾಗಲೂ ಚಿಕ್ಕದಾಗಿರಿಸುತ್ತದೆ.
ಈ ಭಂಗಿಯಲ್ಲಿ, ಆಕಾರವು ನೇಗಿಲನ್ನು ಹೋಲುತ್ತದೆ, ಆದ್ದರಿಂದ ಇದನ್ನು ಹಲಾಸನ ಎಂದು ಕರೆಯಲಾಗುತ್ತದೆ.
ಹಲಾಸನ ಮಾಡುವ ವಿಧಾನ:
- Read more about ಹಲ್ಲಾಸನ್
- 1 comment
- Log in to post comments
“योग विज्ञान है” – ओशो
योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है।
जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।
नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।