Basic techniques of back massage / How to make correct massage movements?

Hello everyone! This is Stanislav Chernonog. Today I will tell you about the basic massage movements, because many of our subscribers are interested in how to massage the back. You will learn how to do massage properly to make it effective. I will show you the techniques of classic massage, explain how the massage will change depending on how you stand over the client, and I will also tell you how the vibration in the massage affects the sensation.

Yoga & Gymnastics — Full Body Strech | VICKY ROSS

This short and well balanced sequence provides you with everything you need to get your daily dose of flexibility, mobility & relaxation. You can do it any time of the day, whenever you want. I do it every day before and after my workout. Let's do it together) THE ORDER OF EXERCISES : 1. STRETCH TO THR RIGHT 2. POINT YOUR TOE UP + HOLD 3. STRETCH TO THE LEFT 4. POINT YOUR TOE UP + HOLD 5. SPLIT 6. BEND TO THE LEFT LEG 7. BEND TO THE RIGHT LEG IMPORTANT DISCLAIMER: Please note that all of my videos are titled according to SEO best practices for content discoverability.

OSHO: I Must Have Been Four Years

With humor and insight, dotted with anecdotes, Osho tells yet another story of his early childhood. "I have met remarkable men, but the more remarkable a man was, the more alert I was not to be influenced, because I want to remain myself -- good, bad, famous, notorious, but I want to be just myself. And I have retained my individuality, not even a dent on it. I don't like even a dent on my car." Osho Excerpt form an interview with Osho by Denise Kovacevic KATU TV, Channel 2 Portland, Oregon, USA.

शुरुआती योगा अभ्यास दिन 21

यह शुरुआती योगा अभ्यास का दिन 21 है । यह सीरीज़ इस तरह से बनाया गया है कि कोई भी व्यक्ति योगा को आराम से समझ पाए और योग का लाभ उठा सके । इस वीडियो में मैंने समझाया गया है * सुखासन * योगी सांस * नाड़ी शुद्धि * कपालभाति * भस्त्रिका * शवासन ========================== आप मुझसे इंस्टाग्राम पे कनेक्ट कर सकते हैं https://www.instagram.com/prakash.shristi/

किसे बालायाम योग से बचना चाहिए

2 महीने से अधिक की गर्भवती महिला को इस योग को करने से बचना चाहिए क्योंकि नाखूनों को रगड़ने से गर्भाशय का संकुचन हो सकता है।
जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनके लिए बालायाम योग हानिकारक हो सकता है।
त्वचा या नाखून संक्रमण, घाव, रोगग्रस्त या भंगुर नाखूनों से पीड़ित लोगों को इस योग को करने से बचना चाहिए , क्योंकि यह आपकी स्थिति को और अधिक खराब कर सकता है।
शल्यचिकित्सा की स्थिति जैसे एंजियोग्राफी, एपेंडिसाइटिस, आदि से परेशान लोगों को नाख़ून रगड़ने से बचना चाहिए, रक्तचाप में वृद्धि से ये स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और बढ़ सकती हैं।
 

बालायाम योग का साइड इफेक्ट

बालायाम योग शून्य साइड इफेक्ट के साथ आता है। इसे करने से किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य या मानसिक समस्या या कोई भी विकार नहीं होता हैं। हालाँकि नाखूनों को अत्यधिक और जबरदस्ती रगड़ना आपके नाखूनों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। और इसके अलावा इस योग का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

बालायाम योग करने फायदे

बालायाम योग करना हमारे बालों के लिए कई प्रकार से लाभदायक होता है आइये नेल रबिंग एक्सरसाइज करने से होने वाले सभी फायदों को विस्तार से जानते हैं।

नाखून रगड़ने के पीछे योगिक और आयुर्वेदिक सिद्धांत

नाखून रगड़ने के पीछे योग और आयुर्वेदिक सिद्धांत है क्योंकि बालायाम योग की उत्पत्ति भारत में योग के रूप में हुई है। भारतीय चिकित्सा विज्ञान और आयुर्वेद पूरी तरह से इस बात को स्पष्ट करता है कि बालायाम योग कैसे काम करता है।

आयुर्वेद में, बालों और नाखूनों को चयापचय प्रक्रियाओं की मसल्स के रूप में माना जाता है जो अस्थि धातू (Asti Dhatu) (हड्डियों / कंकाल प्रणाली) के गठन के लिए जाने जाते हैं। इस प्रकार अस्थि धातू पर तीन दोषों (वात, पित्त, कफ) का प्रभाव बालों और नाखूनों पर भी पड़ता है।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।