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ਯੋਗ

योग से समृद्ध होता जीवन

योग का ही परिणाम है पूरी सृष्टि। गणित के योग की तरह ही यह हमारे गुणों की अभिवृद्धि करता है। हमारे भीतर की चेतना को जगाकर हमें संस्कारवान और हृष्ट-पुष्ट बनाता है। योग के महत्व पर डॉ. प्रणव पण्ड्या का आलेख... बाहरी धन-संपदा से ज्यादा महत्वपूर्ण है भीतर कीसंपदा। अंतस के धनी बनकर ही हम सही मायने में

सफल कहलाएंगे...

 

योग क्या है योगासनों के गुण एवं योगाभ्यास के लिए आवश्यक बातें

चित्तवृत्तियों का निरोध ही योग है।
(मृत्यु) दु:ख से छूटने और (अमृत) आनन्द प्राप्त करने का साधन (योग) ईश्वर उपासना करना है।

योग शब्दों के बारे में भाष्यकारों के अपने-अपने मत हैं। कुछ भाष्यकारों ने योग शब्द को ‘वियोग’, ‘उद्योग’ और ‘संयोग’ के अर्थों में लिया है, तो कुछ लोगों का कहना है कि योग आत्मा और प्रकृति के वियोग का नाम है। कुछ कहते हैं कि यह एक विशेष उद्योग अथवा यत्न का नाम है, 

योगासन दिलाए पीरियड्स के दर्द में आराम

कई महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शरीर, खासतौर कमर में काफी दर्द होता है। इस दर्द को दूर करने के लिये आप योगासनों का सहारा ले सकती हैं। योग के पास हर बीमारी का इलाज है इसलिये इन्‍हें एक बार जरुर आजमाइये। नियमित तौर पर इन आसनों को करने से आपकी कमर और अन्‍य हिस्‍से मजबूत बनेंगे। आसन करने से शरीर के हर हिस्‍से स्‍ट्रेच होते हैं तथा खून का संचार अच्‍छी प्रकार से होने लगता है, जिससे शरीर की थकान, पेट की सूजन, गैस और दर्द आदि दूर होते हैं। आइये जानते हैं कि कौन-कौन से हैं वे योगासन जिन्‍हें करने से मासिकधर्म का दर्द दूर हो सकता है।

योग के आसन दूर कर सकते हैं डिप्रेशन

अक्सर किसी को खोने या जीवन में छोटी-बड़ी घटनाएं घटने से हम डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। कई बार हम लंबे समय तक इसे नजरंदाज करते रहते हैं। इस तरह ना तो हम प्रफेशनली अपना बेस्ट दे पाते हैं और न ही निजी जिंदगी में खुश रह पाते हैं। ऐसा माना गया है कि डिप्रेशन का इलाज योग में भी है। आइए जानें कि किस तरह दिनचर्या से कुछ वक्त निकालकर योग के जरिए हम डिप्रेशन को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं- 

ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਕਮਜ਼ੋਰ ਯਾਦਦਾਸ਼ਤ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ, ਤਾਂ ਭਾਦ੍ਰਸਣਾ ਕਰੋ

ਭਾਵੇਂ ਤੁਸੀਂ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ, ਤੁਸੀਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਯਾਦ ਕਰਨ ਵਿਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੋ. ਜੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਵੀ ਇਹ ਸਮੱਸਿਆ ਹੈ, ਤਾਂ ਹਰ ਰੋਜ ਆਪਣੇ ਚਲ ਰਹੇ ਰੁਕਾਵਟ ਵਿਚੋਂ ਥੋੜਾ ਸਮਾਂ ਕੱ spendੋ ਅਤੇ ਭਦਰਸਨਾ ਕਰੋ. ਕਮਜ਼ੋਰ ਯਾਦਦਾਸ਼ਤ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੌਲੀ ਹੌਲੀ ਖਤਮ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ.

ਭਦਰਸਾਨਾ

कमजोर याददाश्त से छुटकारा चाहिए तो करे भद्रासन

 आप चाहकर भी आप बातों को याद नहीं रख पाते। यदि आपके साथ भी यह समस्या है तो रोजाना कुछ समय अपनी भागदौड़ भरी दिनचर्या में से थोड़ा वक्त निकालकर भद्रासन करें। कमजोर याददाश्त की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।

भद्रासन

हाइट एवं परफेक्ट पर्सनालिटी बनाने के लिए ताड़ासन

परफेक्ट पर्सनालिटी पाने के लिये लंबी हाइट होनी बहुत जरुरी है। जिन लोगों की हाइट कम होती है वे लोग अपने पर्सनालिटी में कुछ कमी सी महसूस करते हैं। लंबाई कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे महत्‍वपूर्ण रोल आनुवांशिक गुण अदा करते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी हाइट बढ जाए तो इसमें योग आपकी निश्चित रूप से सहायता कर सकता है। माना जाता है कि प्रोटिन युक्त भोजन करने से व नियमित रूप से दस मिनट ताडा़सन करने से हाइट बढती है। लेकिन यह आसन २३ साल की उम्र तक ही हाइट बढाने में मददगार है। ताड़ासन की खासियत यह है कि बच्चों की लंबाई निश्चित रूप से बढ़ती है

मन की शांति और सुकून के लिये करें सुखासन

अगर आप योगा करते हैं तो आपको पता होगा कि सुखासन करना कितना आसान होता है। जो लोग सुखासन करते हैं उनका मन एक दम शांत हो जाता है। चित्त की एकाग्रता से धारणा सिद्ध होती है। यह योग श्वास प्रश्वास और ध्यान पर आधारित है। यह योगा की सबसे आसान विधि है इसलिए इसे सुखासन के नाम से जानते हैं। इसको करने से घुटने 90 डिग्री मुडते हैं, जिससे उन्‍हें दर्द से आराम मिलता है। यह आसान प्रणायाम करने से पहले किया जाता है। सुखासन से पैरों का रक्त-संचार कम हो जाता है और अतिरिक्त रक्त अन्य अंगों की ओर संचारित होने लगता है जिससे उनमें क्रियाशीलता बढ़ती है। यह तनाव हटाकर चित्त को एकाग्र कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।

विपरीत करनी आसन से पाइये मां बनने का सुख

वे महिलाएं जिन्‍हें स्‍ट्रेस की वजह से बच्‍चा नहीं हो पा रहा है, उनके लिये विपरीत करनी मुद्रा बहुत ही फायदेमंद है। विपरीत करनी योग मुद्रा करने से मानसिक तनाव दूर होता है। इस करने में मन को शांति और मन स्‍थ‍िर हो जाता है। इस योग मुद्रा को करते समय मन को शांत रखें और चाहें तो हल्‍का सा म्‍यूजिक चला लें। यह मुद्रा करने से शरीर का हार्मोन प्राकृतिक रूप से बैलेंस होता है। इसके अलावा भी पैरों में थकान एवं दर्द की स्थिति में इस योग से लाभ होता है। यह आसन रक्त संचार को सुचारू बनाता है। अनिद्रा सम्बनधी रोग में इस आसन का अभ्यास लाभकारी होता है। गर्दन और कंधों में मौजूद तनाव को दूर करने के लिए भी यह व

​​कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन’ अर्थात कर्म योग

श्रीमद्भगवद्​गीता में योग शब्द का प्रयोग  व्यापक रूप में हुआ है | गीता के प्रत्येक अध्याय के नाम के साथ योग शब्द लगाया गया है जैसे ‘अर्जुन विषाद योग, सांख्य योग, कर्म योग, ज्ञान कर्म सन्यास योग आदि। एक विद्वान् के अनुसार गीता में इस शब्द उपयोग एक उद्देश्य़ से किया गया है। उन का कहना है कि जिस काल में गीता कही गयी थी, उस समय कर्म का अर्थ प्रायः यज्ञादि जैसे अनुष्ठानों के सन्दर्भ में किया जाता था। इसलिए गीता में कर्म के साथ योग शब्द जोड़ कर इसे अनुष्ठानों से अलग कर दिया। इस योग में कर्म को ईश्वर प्राप्ति का एक साधन बताया गया है। गीता में कर्म योग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस के अनुसार कर्म के