उद्गीथ प्राणायाम

सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। और लंबी सास लेके मुँह से ओउम का जाप करना है।

उद्गीथ प्राणायाम करने के लाभ

  • पॉजिटिव एनर्जी तैयार करता है।
  • सायकीक पेंशेट्स को फायदा होता है।
  • मायग्रेन पेन, डिप्रेशन, ऑर मस्तिष्क के सम्बधित सभी व्याधिओं को मिटाने के लिये।
  • मन और मस्तिष्क की शांति मिलती है।
  • ब्रम्हानंद की प्राप्ति करने के लिये।
  • मन और मस्तिष्क की एकाग्रता बढाने के लिये।

लेग वर्कआउट के फायदे रीढ़ को मजबूत करे

पैरों की यह एक्सरसाइज आपके रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत करने का काम करती है। जब आप लेग वर्कआउट करते है तो इसमें पीठ को सीधा रख कर पैरों से वजन को उठाना होता है जो रीढ़ को मजबूत करता है।

लेग्स मसल्स

पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने से पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि लेग्स मसल्स कौन-कौन सी होती है। पैरो की मांसपेशियां मुख्य तीन प्रकार की होती है जो निम्न हैं।

मुदगल व्यायाम करने के लाभ हाथों को मजबूत करने में

अपने हाथों को मजबूत करने और मजबूत पकड़ बनाने के लिए आप मुदगल व्यायाम को करें। जब आप मुगदर को अपने सिर के चारों ओर घुमाते है तो इससे आपके हाथों की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है। जो सामने के हाथ और पकड़ को मजबूत बनाता है।

This Daily Routine Stretching Workout Can Change Your Life ! | Yoga Workout #contortion #yoga

Hello EVERYONE ! I'm Mirra Chubarova and I'm so glad to have you here . I am a Fashion Model and I love Sport and Yoga and Stretching and Flexibility . This is a place where I post my workouts and healthy life style videos My goal is to help inspire everyone at all fitness and levels to get up, get moving and reach their goals ! Please Do NOT forget to Subscribe & Like & Comment to support my channel ( ˘ ³˘)♥︎ Your Comments and Ideas help me to achieve my goal faster . Thank you so much for being one part of this community .

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।