ਯੋਗ
4 ਕਮਰ ਦਰਦ ਲਈ ਯੋਗਾਸਨ
ਕਮਰ ਦਾ ਡਰਮੇਸ ਕਮਰ ਨੂੰ ਤੋੜਦਾ ਹੈ. ਕਮਰ ਦਰਦ ਅਸਹਿ ਹੈ. ਕਮਰ ਦਰਦ, ਕਮਰ ਦਰਦ, ਬੱਚੇਦਾਨੀ ਅਤੇ ਕਮਰ ਨਾਲ ਜੁੜੀਆਂ ਹੋਰ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਆਮ ਹੋ ਗਈਆਂ ਹਨ. ਡਾਕਟਰ ਇਹ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਇਸਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਇਲਾਜ ਹੈ ਪਿੱਠ ਦੇ ਦਰਦ ਦਾ ਯੋਗਦਾਨ. ਆਓ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਆਸਣ ਹਨ, ਜਿਹੜੀਆਂ ਪਿੱਠ ਦੇ ਦਰਦ ਨੂੰ ਠੀਕ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ. ਇਹ ਚਾਰੇ ਆਸਣ- ਮਕਰਸਾਨਾ, ਭੁਜੰਗਸਾਨਾ, ਹਲਸਾਨਾ ਅਤੇ ਅਰਧਾ ਮਤਯੇਦ੍ਰਾਸਨਾ।
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कमर दर्द के लिए 4 योगासन
कमर का दर्म कमर तोड़ देता है। कमर का दर्द असहनीय होता है। पीठ दर्द, कमर दर्द, सरवाइकल और कमर से जुड़ी अन्य समस्याएं आम हो गई है। डॉक्टर भी कहते हैं कि इसका सबसे अच्छा इलाज योग (Yoga for Back pain) ही है। आओ जानते हैं कि वह कौन से आसन हैं जिससे कमर का दर्द ठीक हो जाता है। ये चार आसन है- मकरासन, भुजंगासन, हलासन और अर्ध मत्येन्द्रासन।
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सर्वाइकल की समस्या के लिए योग करने के दौरान किन-किन बातों का रखें ख्याल?
किसी भी योग का सही लाभ मिले इसके लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
योग शब्द संस्कृत धातु युज से निकला है
योग शब्द संस्कृत धातु 'युज' से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है । हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग शरीर को मोडते, मरोड़ते, खिंचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सतही पहलू हैं। योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है|
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योग की परिभाषा
योग संतुलित तरीके से एक व्यक्ति में निहित शक्ति में सुधार या उसका विकास करने का शास्त्र है। यह पूर्ण आत्मानुभूति पाने के लिए इच्छुक मनुष्यों के लिए साधन उपलब्ध कराता है। संस्कृत शब्द योग का शाब्दिक अर्थ 'योक' है। अतः योग को भगवान की सार्वभौमिक भावना के साथ व्यक्तिगत आत्मा को एकजुट करने के एक साधन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। महर्षि पतंजलि के अनुसार, योग मन के संशोधनों का दमन है।
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तंदुरुस्ती के बारे में कुछ मायने और जॉंच
फिटनेस या तंदुरुस्ती यह अब जीवन का एक नया मंत्र है। इसके बारे में अपने परिवार और मित्रों में जागृती करे। लेकिन पहले आप स्वयं फिट रहने की जरुरत है। तंदुरुस्ती से अनेक बीमारियाँ टलती है और जीवनका सही आनंद भी इसी से मिलता है। बचपन से इसका चस्का लगना चाहिए। आप स्वयं सोचे की आप फिट या तंदुरुस्त है या नहीं। उम्र और कामकाज के अनुरुप फिटनेस के मायने बदलते है। हर एक खेल के लिए फिटनेस की अलग जरूरतें होती है। फिटनेस के लिए हमको अलग अलग व्यायाम जरुरी है। आमतौर पर ऐसे व्यायाम के लिए शरीर में सिंपथॅटीक तंत्रिका तंत्र कृतीशील होती है। इसके चलते एक मस्ती का अनुभव होता है।
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योगअभ्यास के लिए सामान्य दिशानिर्देश
योगाभ्यास करते समय योग के अभ्यासी को नीचे दिए गए दिशा निर्देशों एवं सिद्धांतों का पालन अवश्य करना चाहिए :
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योग से अवसाद का निदान
बढ़ती अवसाद की बीमारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विश्व मानसिक स्वास्थ्य सर्वे 2011 पर आधारित एक अध्ययन के अनुसार विश्व स्तर पर भारत में अवसाद की दर सबसे ज्यादा है। अधिक चिंताजनक स्थिति यह है कि सभी आयु के लोग, किशोर से लेकर प्रौढ़ तक, अवसाद से ग्रस्त हो रहे हैं। यह सभी आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को प्रभावित कर रहा है। चाहे एक अभावग्रस्त व्यक्ति जो एक शाम के भोजन के लिए जद्दोजहद कर रहा है या एक अमीर व्यक्ति जो विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा है। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि अवसाद ग्रस्त व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर मानसिक स्थिति में अपना जीवन ही समाप्त कर
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क्या सुबह जिम जाना शाम मे जाने से बेहतर है?
मुझे लगता है शाम का समय बेहतर होगा क्योंकि सुबह सुबह चाहे जिम जाना अच्छा हो पर जल्दी जल्दी ऑफिस/स्कूल आदि काम पर जाने का जो मानसिक तनाव होगा वो शारीरिक मज़बूती से कही ज्यादा गुना होगा। ऐसा मेरा मानना है और दूसरा मेरे हसाब से सुबह सुबह meditaion करना अर्थात ध्यान करना उस ईश्वर का जिसने आपको जीवन दिया ज्यादा बेहतर होगा मानसिक स्वास्थ्य के लिए। शुक्रिया, सवाल पूछने के लिए।
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योग करें,हृदय-रोग से मुक्त रहें
आज की लाइफ स्टाइल में अपनी सेहत का खयाल रखने के लिए भी हम पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते। व्यस्त दिनचर्या का असर धीरे-धीरे हमारे दिल पर भी पड़ने लगता है जिससे बाद में बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। अगर योग का थोड़ा सहयोग लें तो हम अपने दिल का खयाल रख सकते हैं।
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