लंबी उम्र के लिए करे नियमित एक्सरसाइज

लंबा जीवन जीने के लिए अपने दैनिक जीवन में एक्सरसाइज शामिल करें। व्‍यायाम आपके शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्य दोनों को बढ़ावा देते हैं। आपके द्वारा की जाने वाली शारीरिक गतिविधि या व्‍यायाम शरीर को मजबूत करने और वजन प्रबंधन में सहायक होती हैं। आप अपने दैनिक जीवन में व्‍यायाम को शामिल कर शारीरिक संतुलन और समन्‍वय को भी बेहतर बना सकते हैं। लंबी उम्र जीने के लिए आप एरोबिक एक्‍सरसाइज को अपना सकते हैं। यह आपकी हृदय गति और धीरज को बेहतर बनाता है।

शाम को एक्सरसाइज करने के फायदे मधुमेह से बचाये

शाम के समय एक्‍सरसाइज करना आपको कई गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से भी बचा सकता है। मधुमेह भी एक ऐसी समस्‍या है जिसे नियंत्रित करने में व्‍यायाम आपकी मदद कर सकता है। कसरत करने से ग्‍लूकोज असहिष्‍णुता और इंसुलिन प्रतिरोध से बचाव होता है। ये कारक मधुमेह प्रकार 2 के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। यदि आप भी मधुमेह के प्रकोप से बचना चाहते हैं शाम के समय की जाने वाली कसरत को अपने दैनिक जीवन शामिल करें।

व्यायाम के फायदे आपको सक्रिय रखें

एक्‍सरसाइज करने से आप अपने शरीर को अधिक क्रियाशील और सक्रिय बना सकते हैं। नियमित रूप से सुबह के समय जल्‍दी उठकर व्यायाम करना आपके शरीर की मांसपेशियों को आराम दिलाता है। जिससे थकान कम करने और शरीर को क्रियाशील बनाए रखने में मदद मिलती है। एक अध्‍ययन के अनुसार जो लोग रोज व्यायाम करते हैं वे अन्‍य लोगों की अपेक्षा अधिक सक्रिय होते हैं।

मजबूत पाचनतंत्र के लिए एक्सरसाइज स्विमिंग

स्विमिंग करना सबको पसंद होता है पर क्या आपको पता है कि स्विमिंग करना आपकी पाचन क्रिया को मजबूत करता है। आप बेहतर पाचन तंत्र के लिए तैराकी सहित विभिन्न प्रकार के एरोबिक अभ्यासों में से किसी को भी चुन सकते हैं। इन गतिविधियों की मूवमेंट पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती हैं।

मुगदर व्यायाम की सावधानियां

मुदगल या मुदगल व्यायाम को करते समय आपको बहुत सावधानी रखने की जरूरत होती है। इंडियन क्लब ट्रेनिंग एक्सरसाइज के दौरान आपको सिर में चोट लगाने की संभावना होती है। यदि आप एक बिगिनर है तो कम वजन वाले मुगदल को इस्तेमाल करें। मुगदर व्यायाम को किसी ट्रेनर के सामने ही करना प्रारंभ करें।

बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज

बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज करने के लिए आप एक एक्सरसाइज मैट को फर्श पर बिछा कर उस पर लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर सिर के पीछे रख लें। इसके बाद अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर को सीधा रहने दें। फिर बाएं पैर को मोड़ें और दाएं पैर को सीधा कर लें। इस व्यायाम को करते समय आपको ऐसा महसूस होगा की आप साइकिल चला रहे हों। बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज के 20 रेप्स के 3 सेट करें।

क्रंच एक्सरसाइज के अन्य प्रकार

बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज – Bicycle Crunch Exercise in Hindi
रिवर्स क्रंच एक्सरसाइज – Reverse Crunch Exercise In Hindi
क्रॉसओवर क्रंच एक्सरसाइज – Crossover Crunch Exercise In Hindi
ओब्लिक क्रंच एक्सरसाइज – Oblique Crunch Exercise In Hindi
मेडिसिन बॉल क्रंच एक्सरसाइज – Medicine Ball Crunch Exercise In Hindi

क्रंच एक्सरसाइज करने का तरीका और उसके फायदे

जब भी हम अपने वजन और भारी पेट को कम करने के तरीकों के बारे में सोचते है तो हमारे मन में क्रंच एक्सरसाइज का ख्याल आता हैं। क्रंच एक्सरसाइज आपके पेट को कम करने और सिक्स पेक एब्स के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती हैं। क्रंच एक्सरसाइज सभी व्यायामों का एक आधार है आप इसे एक कोर स्ट्रेंथ वर्कआउट या टोटल बॉडी वर्कआउट के लिए अपनी नियमित दिनचर्या में जोड़ सकते हैं। यदि आप अपने पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने का एक तरीका खोज रहे हैं, तो क्रंचेस एक आसान और एक प्रभावी विकल्प है। क्रंच एक्सरसाइज को करना आपको कुछ कुछ सिट-अप एक्सरसाइज की तरह लग सकता है पर यह व्यायाम उससे थोड़ा अलग होता है। आइये क्रंच एक्सरसाइज

महिलाओं का बेली फैट कम करने की एक्सरसाइज सिट-अप

सिट-अप एक्सरसाइज महिलाओं का पेट कम करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत और टोन करने के लिए एक एब्डोमिनल एंड्यूरेंस ट्रेनिंग एक्सरसाइज है। यह एक क्रंच एक्सरसाइज के समान है, लेकिन सिट-अप में गति और स्थिति अतिरिक्त मांसपेशियों की एक पूरी श्रृंखला होती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर सीधे लेट जाएं और दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे रख लें। अब पैरों को स्थाई रखे हुए सीधे बैठे और फिर से लेट जाएं। यह क्रिया आपको 3 सेट्स में करना है, प्रत्येक सेट में 15 बार में इस क्रिया को करना है।

महिलाएं पेट की चर्बी कम कैसे करे बेसिक पुशअप एक्सरसाइज से

बेसिक पुशअप एक्सरसाइज महिलाओं के पेट की चर्बी कम करने में फायदेमंद है। यह हाथों की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं और उनको फिट रखता है। अपने शरीर को फिट रखने के लिए पुशअप्स सबसे प्रभावी बॉडीवेट मूव्स में से एक है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों की हथेलियों को फर्श पर अपनी छाती के पास रखें। अब दोनों हाथों और पैर की उंगलियों पर वजन डालते हुए शरीर को ऊपर करें और फिर से हाथ की कोहनी को मोड़ें और शरीर को नीचे करें। अब आप इसके 3 सेट पूरा करें। यदि आप अच्छे फॉर्म के साथ एक मानक पुशअप नहीं कर सकते हैं तो अपने घुटनों को आप फर्श पर रख सकते हैं।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।