शरीर की शक्ति का ध्यान में उपयोग

शरीर को इतना शिथिल छोड़ देना है कि ऐसा लगने लगे कि वह दूर ही पड़ा रह गया है, हमारा उससे कुछ लेना-देना नहीं है। शरीर से सारी ताकत को भीतर खींच लेना है। हमने शरीर में ताकत डाली हुई है। जितनी ताकत हम शरीर में डालते हैं, उतनी पड़ती है; जितनी हम खींच लेते हैं, उतनी खिंच जाती है।

 

पढ़ाई का सही वक्त

पढ़ाई के लिए रूटीन जब भी बनाए तो सुबह का समय को ज़्यादा महत्व दे. सुबह का वक्त सबसे अच्छा है पढ़ने के लिए। इस समय माइंड पूरा फ्रेश रहता हैं और ग्रॅसपिंग पावर ज़्यादा होती हैं। दिन का 5 घंटा और सुबह का 1 घंटा बराबर हैं।

ध्यान

 ध्यान महर्षि महर्षि पतंजलि अष्टांग योग साधना पद्धति का सप्तम मंगल योग दर्शन का उद्देश्य आत्म साक्षात करना यह समाधि की प्राप्ति करना है ध्यान समाधि से पूर्व की अवस्था है जब ध्यान अमृत रूप से प्रभावित होता रहता है तो यह समाधि का सादर करा देता है अष्टांग योग के दो भाग बजरंग कथा अंतरंग योग है बहिरंग योग में यम यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार आते हैं जबकि अंतरंग योग साधना में धारणा ध्यान तथा समाधि आते हैं दाना में अपने इस चंचल मन को किसी एक स्थान पर केंद्रित किया जाता है जब किसी स्थान विशेष पर हमारा मन नियंत्रण केंद्रित रहने लगता है तब वह धारणा ध्यान में परिवर्तित होने लगती है महर्षि पतंजलि ध्

प्रार्थना

कोई भी कार्य किया योगाभ्यास प्रारंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम परमपिता परमात्मा का स्मरण आवश्यक करना चाहिए योगाभ्यास से प्रारंभ में सौहार्दपूर्ण वातावरण का भी होना आवश्यक है यह वातावरण प्रार्थना श्लोक धुन गीत मंत्र आदि के द्वारा सहायता से उत्पन्न किया जा सकता है अभ्यास की पूर्ण पूर्ण भावना से युक्त होकर जब मंत्रियों प्रार्थना का उच्चारण किया जाता है तो इससे हमारा मन शांत हो जाता है एकाग्रता शक्ति बढ़ती है तथा हमारा मन कुछ भी अच्छा सीखने का ग्रहण करने के लिए तैयार रहता है

यौगिक क्रियाएं

योगिक क्रिया शरीर की आंतरिक शुद्धि की विशेष तकनीक है जिसका वर्णन हठयोग के ग्रंथों में पाया जाता है योगी को योगी ने अपने अनुभव और अभ्यास द्वारा इंहें भी विकसित किया है जिस प्रकार हम सामान्य मनुष्य अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दांतो की सफाई वालों की सफाई स्नान धुले वस्त्र पहनना आदि दैनिक नित्य कर्म करते हैं उसी प्रकार एक योगी योग साधना में लीन होने से पूर्व शरीर की आंतरिक शुद्धि के लिए श्रेष्ठ कर्मों का सहारा लेता है एवं का योग साधना में योग का अभ्यास करता है उन्हें कहते हैं कपालभाति योग द्वारा शरीर में तत्वों को बाहर निकालने का प्रयास किया जाता है अनावश्यक मानवाधिकार शरीर में जमा हो गया त

योग करें, धूम्रपान से छुटकारा पाएं

धूम्रपान के नुकसान से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन इस लत को छोड़ पाने में सभी बेहद लाचार साबित होते हैं। लेकिन ताजा अध्ययन में पता चला है कि योग के जरिए धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने में आसानी होती है। प्राण योग के विशेषज्ञ दीपक झा ने बताया कि योग, धूम्रपान छोड़ने का एक समग्र समाधान है। साथ ही दीपक यह भी बताते हैं कि योग केवल धूम्रपान की आदतों से ही लोगों को दूर नहीं रखता बल्कि शरीर पर हुए दुष्प्रभाव को भी दूर कर देता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए यूं तो बाजार में तमाम तरह के रासायनिक विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन इनके सहारे धूम्रपान छोड़ना उतना आसान नहीं होता।

रोज सुबह करें ये 5 योगासन, दिनभर रहेंगे तरोताजा

योग एक ऐसी प्रकिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। योग के जरिए आपके शरीर और मस्तिष्‍क का मिलन होता है। योग तनाव कम करने से लेकर बीमारियों को कंट्रोल करने और वजन घटाने से लेकर तुरंत ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होता है। योग की सरल मुद्राएं आपको व्‍यायाम के तनाव से बचने और तुरंत एनर्जी देने में मदद करती हैं। योग आपको अपने किसी भी काम में सफलता हासिल करने में मदद करता है क्‍योंकि इसके आप आसानी से अपने विचारों पर ध्‍यान लगा सकते हैं।

बालासन

योग से संभव है , साइनोसाइटिस का इलाज

साइनोसाइटिस गालों एवं ललाट की हड्डियों के साइनस (गड्ढों) में जलन या सूजन की स्थिति को कहते हैं। जब किसी कारणवश साइनस के संकरे प्रवेश मार्ग में रुकावट आ जाती है तो सिर दर्द, भारीपन, गालों एवं ललाट पर सूजन तथा आंखों में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। यौगिक क्रियाओं के नियमित अभ्यास से इससे मुक्ति पाई जा सकती है।

योगाभ्यास के लाभ

योगाभ्यास के बहुत सारे लाभ है नियमित रूप से योग करने से हमारे शरीर की लचक बनी रहती है , और योग के अलग-अलग आसन का प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों पर पड़ता है | अतः प्रातः काल प्रतिदिन योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है शरीर के स्वस्थ रहने से विचार करने की क्षमता एवं मन भी प्रसन्न रहता है विद्यार्थियों के लिए तो योग करना अत्यंत आवश्यक है योग करने से विद्यार्थियों की एकाग्रता भी बढ़ती है जो लोग कहीं नौकरी करती हैं या दिनभर एक ही जगह पर बैठे रहते हैं और कोई व्यायाम नहीं कर पाती हैं ऐसे लोग प्रातः काल या जब भी उचित समय मिले नियमित रूप से योगाभ्यास के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं |

योग और व्यायाम में मुख्यत: क्या अंतर है?

व्यायाम आपके शरीर को स्वस्थ बनाने में सहायक है.

योगा का मतलब जोड़ना.

योगा में अलग अलग आसन होते है जो करते समय श्वास लेते और छोड़ते है. इससे शरीर और मन दोनोंको फायदा पहुँचता है.

योगा करते समय सामान्यता जब शरीर को आगे की ओर झुकना पड़ता है उस समय श्वास बाहर छोड़ते है और जब शरीर पीछे की ओर झुकना पड़ता है, उस समय श्वास को अंदर लेते है.

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।