न्यूड योगा के फायदे मन को शांत रखने के लिए

कई विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूड योगा मेडिटेशन का कार्य करता है। यह न सिर्फ आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि न्यूड योगा करने से आप अपने शरीर, अपने को एवं शरीर के विभिन्न हिस्से से परिचित पाते हैं। यह योगा करने से मन बेहद शांत रहता है। किसी से ईर्ष्या या द्वेष का भाव मन से निकल जाता है और मन एवं मस्तिष्क को एक आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है।

नेकेड योगा के लाभ तनाव दूर करने में

जीवन के लिए तनाव साइलेंट किलर का काम करता है। इससे बचने के लिए योग करना बेहद जरूरी होता है। वैसे तो कई योग क्रियाएं तनाव दूर करने में सहायक होती हैं लेकिन न्यूड योगा स्ट्रेस दूर करने का एक सबसे अच्छा माध्यम है। एक रिसर्च के मुताबिक बिना कपड़ो के होने की वजह से लोग खुद को फ्री फील करते हैं। इससे उनका स्ट्रेस लेवल कम होने लगता है। अगर आप नियमित रुप से न्यूड योगा का अभ्यास करते हैं तो तनाव, डिप्रेशन और चिंता आपके जीवन से दूर हो जाएगा। इसके अलावा यदि आपको काम का बहुत अधिक तनाव हो रहा है तो न्यूड योगा का अभ्यास जरूर करें। इस योग से दिमाग शांत रहता है। इससे शरीर-आत्मा और मन का तालमेल मजबूत होता है

न्यूड योगा के फायदे नकारात्मक विचार दूर करने में

नकारात्मक भावनाओं एवं विचारों के कारण हमारा मन एवं मस्तिष्क बहुत जल्दी थक जाता है जिसके कारण हमारी ऊर्जा भी नष्ट हो जाती है। न्यूड योगा का अभ्यास करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति का अनुभव होता है और मन में सकारात्मक विचार एवं ऊर्जा उत्पन्न होती है जिसके कारण जीवन आनंदमय होता है।

योग मुद्राएं सुधारने में न्यूड योगा के फायदे

आमतौर पर योग और आसन की ऐसी बहुत सी मुद्राएं हैं जिसे कपड़े पहनकर करने पर कोई भी व्यक्ति यह नहीं समझ पाता है कि वह गलत है या सही। लेकिन न्यूड योगा करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बिना कपड़ों के आप इसे स्वतंत्र होकर कर सकते हैं और अपनी योग मुद्राओं की गलतियों को सुधार सकते हैं। यह प्राकृतिक रुप से आपको बेहतर बनाने में भी मदद करता है।

न्यूड योगा करने के फायदे बॉडी इमेज बेहतर करने में

आपको यह जानकर यकीन नहीं होगा लेकिन न्यूड योगा आपकी बॉडी इमेज और आत्मसम्मान को बढ़ाने में काफी मदद करता है। आप चाहे घर पर, अकेले में या फिर न्यूड योगियों से भरे रुम में योगा करें, यह अंततः अपने शरीर से प्यार करना सिखाने में बेहद लाभकारी होता है। कुछ लोग अपने शरीर की तुलना दूसरों से करते हैं और फिर हीन भावना से ग्रसित हो जाते हैं। न्यूड योगा का अभ्यास करने के बाद अपने शरीर से लगाव बढ़ जाता है और आपको खोया हुआ आत्मसम्मान भी लौट आता है। न्यूड योगा आपको अपने ही शरीर को देखने का पाजिटिव नजरिया हासिल करने का मौका देता है।

यौन क्रिया समझने में न्यूड योगा के फायदे

न्यूड योगा सेक्स से जुड़ा हुआ नहीं है लेकिन यह आपको अपनी कामुकता से परिचित करवाने में मदद करता है। सेक्स हमारी प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे समझने के लिए समय देने की जरूरत होती है। नियमित रुप से न्यूड योगा का अभ्यास करने से पार्टनर के साथ अंतरंगता बढ़ती है और रिश्तों में सुधार होता है। इसके अलावा यौन जीवन भी सुखमय होता है। न्यूड योगा के जरिये सेक्स पावर को बढ़ाया जाता है।

न्यूड योगा के फायदे शरीर एवं मस्तिष्क को जोड़ने में

वास्तव में न्यूड योगा को आध्यात्म का एक रुप माना जाता है। जब आप बिना कपड़ों के न्यूड योगा करते हैं तो आपको उन सभी गलतियों का पता चलता है जो आप कपड़े पहनकर करते समय नहीं पकड़ पाते हैं। न्यूड योगा करते समय जब आप अपने अंगों को स्पर्श करते हैं तब आपके शरीर और मस्तिष्क के बीच जुड़ाव बढ़ता है और अधिक गहरा भी होता है। यही कारण है कि आत्मा और शरीर के मिलन के लिए न्यूड योगा फायदेमंद होता है।

न्यूड योगा के फायदे

वैसे तो ज्यादातर लोगों के लिए न्यूड योगा करना संभव नहीं हो पाता है लेकिन इसके फायदे अनेक हैं। हालांकि कुछ लोग इसे अश्लील नहीं मानते हैं और इसके महत्व को समझते हुए न्यूड योगा का अभ्यास करते हैं। आइये जानते हैं न्यूड योगा करने से क्या फायदा होता है।

न्यूड योगा कैसे करें

न्यूड योगा को करने से पहले इसे समझना बेहद जरूरी है। वास्तव में बिना कपड़ों के न्यूड योगा का अभ्यास करने का अर्थ कामुकता से है ना कि यौन क्रिया से।
नेकेड योगा प्रशिक्षकों का मानना है कि इस दौरान उत्तेजना होना बहुत आम बात है और इसमें शर्मिंदगी महसूस नहीं होनी चाहिए।
न्यूड योगा का अभ्यास करने के लिए आपको खुद को मानसिक रुप से तैयार करने की जरूरत के अलावा एक चटाई, एक प्रशिक्षक और स्नान या शॉवर लेने की आवश्यकता पड़ेगी।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।