पुल अप्स लेग राईस एक्सरसाइज

पुल अप्स लेग राईस एक्सरसाइज करने के लिए आप सबसे पहले एक पुल-अप्स की रोड के नीचे खड़े हो जाएं। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और पुल-अप्स की रोड को पकड़ लें। अपने दोनों हाथों और शरीर के ऊपर के हिस्से को सीधा रखें। अब केवल कमर से पैर को ऊपर उठायें और नीचे करें, यही पुल अप्स लेग राईस एक्सरसाइज हैं।

पुल-अप्स क्या है

पुल-अप्स एक प्रकार की एक्सरसाइज है जो कि हमारे सम्पूर्ण शरीर के लिए लाभदायक होती है। पुल-अप्स एक्सरसाइज को बीम लगाना या बीम मारना भी कहा जाता हैं। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको एक पुल-अप्स रोड की आवश्यकता होती हैं। इस पुल-अप्स रोड पर आपको अपने बॉडी वेट को लिफ्ट करना होता हैं। आइये पुल-अप्स एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे को विस्तार से जानते हैं।

पुल-अप्स एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे

ल-अप्स एक्सरसाइज हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही अच्छा बॉडी वर्कआउट है। पुल-अप्स एक्सरसाइज को करने के बाद आपको अधिक कोई भी एक्सरसाइज करने की आवश्यकता नहीं होती हैं। यह एक्सरसाइज आपके शरीर को फिट रखती और आपके हाथों, कंधों, बाइसेप्स और वी शेप सभी पर कार्य करती है। पुल-अप्स एक्सरसाइज को एक बॉडी वेट लिफ्ट एक्सरसाइज माना जाता हैं। पुल अप एक्सरसाइज को करने के लिए आपको एक पुल-अप्स की रोड पर अपने शरीर के वजन को ऊपर उठाना होता है। किसी भी डिफेंस जॉब के लिए आपको पुल-अप्स एक्सरसाइज करना अनिवार्य होता है,

ग्रिप स्ट्रेंथ एक्सरसाइज के प्रकार

बॉल स्क्वीज एक्सरसाइज – Ball Squeeze Exercise in Hindi
क्रश ग्रिप – Crush Grip in Hindi
बैंड हैंड एक्सटेंशन्स – Band Hand Extensions in Hindi
सपोर्ट क्रश ग्रिप – Supporting Crush Grip in Hindi
ओपन क्रश ग्रिप – Open Crush Grip in Hindi
ऊपर हैण्ड ग्रिप एक्सरसाइज को करने का सामान्य तरीका दिया गया है, आप इसे और भी कई प्रकार से कर सकते हैं। ग्रिप स्ट्रेंथ  के लिए एक्सरसाइज के अन्य प्रकार निम्न हैं।

हैण्ड ग्रिप एक्सरसाइज करने का तरीका

हैण्ड ग्रिप एक्सरसाइज को करना बहुत ही सरल है और कोई भी व्यक्ति इसे बहुत आसानी से कर सकता हैं। आपको इस एक्सरसाइज को करने के लिए बस एक हैण्ड ग्रिप डिवाइस की आवश्यकता होती हैं जिसे आप आसानी से बाजार या ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। आइये इसे करने के तरीके को निम्न स्टेप्स में जानते है।

हैण्ड ग्रिप एक्सरसाइज क्या हैं

हैण्ड ग्रिप एक हाथों की उँगलियों की एक्सरसाइज हैं जो कि आपके हाथों की पकड़ को मजबूत करती है। आपके हाथों की पकड़ आपको अन्य एक्सरसाइज जैसे वेट लिफ्टिंग और पुल अप एक्सरसाइज आदि को करने में मदद करती है। इस एक्सरसाइज को आप कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपके पास हैण्ड ग्रिप उपकरण होना आवश्यक होता हैं। आइये उँगलियों की इस एक्सरसाइज को करने तरीके को विस्तार से जानते हैं।

हैण्ड ग्रिप एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे

ग्रिप स्ट्रेंथ को विकसित करने का सबसे आसान तरीका हैण्ड ग्रिप एक्सरसाइज है। एक मजूबत पकड़ आपको दैनिक जीवन के कई प्रकार के कार्यों को करने में मदद करती है। आप अपनी जेब में हमेशा हैंड ग्रिपर रखें और जब भी आप बेकार बैठे हों तब उनका उपयोग करें। सभी लोग जो अपनी बॉडी को मजबूत करना चाहते है और अपने मांसपेशियों का विकास करना चाहते है वह अक्सर उँगलियों की मजबूती और उनकी पकड़ को मजबूत करने के बारे में भूल जाते हैं। हैण्ड ग्रिप एक्सरसाइज एक ऐसी एक्सरसाइज जो आपकी पकड़ को मजबूत करती है साथ साथ आपके पूरे हाथों की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं

नवासना

नवासना योग को नौसकाना के रूप में भी जाना जाता है। यह योग आसन आपके स्टेमिना को बढ़ाने में आपकी मदद करता है। नवासना योग आसन को करने के लिए जांघों और पेट को लक्षित करने के लिए बहुत अधिक धैर्य और स्टेमिना की आवश्यकता होती है। यह आसन वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा है और एक बेहतरीन स्टैमिना बूस्टर भी है।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।