कैफीन

कैफीन पुरुषों का स्‍टेमिना बढ़ाने में फायदेमंद हो सकती है। कैफीन एक कॉफ़ी और चाय में पाया जाने वाला पाया जाने वाला पदार्थ हैं। कॉफी एक उत्तेजक पेय पदार्थ है इसलिए कॉफ़ी पुरुषों का स्‍टेमिना बढ़ाकर आपकी सेक्स ड्राइव को भी बढ़ाती है। कॉफी मस्तिष्क को उत्तेजित करने के लिए उत्तेजित कर सकती है। कैफीन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है। इसी कारण दुनिया भर में इतने सारे लोग अपने दिन की शुरुआत एक कप कॉफी से करते हैं।

स्टेमिना बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ

कैफीन – Caffeine in Hindi
सालमन मछली – Salmon Fish in Hindi
बादाम – Almonds in Hindi
अंडा – Eggs in Hindi
हरी सब्जियां – Green vegetables in Hindi
अपने स्टेमिना को बढ़ाने और शरीरिक क्षमताओं का विकास करने के लिए आप निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करें-

स्टेमिना क्या है

स्टेमिना वह ताकत और ऊर्जा है जो आपको लंबे समय तक शारीरिक या मानसिक प्रयास (effort) को बनाए रखने की अनुमति देती है।  जब आप कोई गतिविधि कर रहे होते हैं, तो आपको उसे करने में आपको असुविधा या तनाव सहना पड़ता है, यह आपके स्टेमिना की कमी के कारण होता है। बढ़ा हुआ स्टेमिना थकान और थकावट को भी कम करता है। उच्च सहनशक्ति होने से आप कम ऊर्जा का उपयोग करते हुए अपनी दैनिक गतिविधियों को उच्च स्तर पर कर सकते हैं।

स्टेमिना बढ़ाने के उपाय

किसी भी कार्य को बेहतर तरीके से और लंबे समय तक करने के लिए स्टेमिना की आवश्यकता होती है। आपका अच्छा स्टेमिना रनिंग, वेट लिफ्टिंग और अच्छे सेक्स में आपकी मदद करता हैं। अपनी शरीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक अच्छे स्टेमिना बहुत ही जरूरी होता हैं। स्टेमिना को बढ़ाने के लिए आप  संतुलित आहार, व्यायाम और योग का सहारा ले सकते हैं। किसी भी खेल के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने से लेकर घर और ऑफिस के कार्य को बेहतर तरीके से करने लिए भी एक अच्छे स्टेमिना की जरूरत होती हैं। बढ़ा हुआ स्टेमिना अपने आप को फिट रखने के लिए और शिथिलता, थकावट, चिंता और कई अन्य दुर्बलता की भावना को समाप्त करता है। नीचे स्टेमिना बढ़ाने

बदबूदार कपड़े और गंदे जूते पहन कर जिम में ना जायें

जिम जाते समय सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह याद रखें की कभी भी गंदे और बदबूदार कपड़े और जूते पहन कर जिम में ना जायें इससे अन्य व्यक्तियों को परेशानी हो सकती है साथ ही आपकी छवि भी ख़राब होगी और जिम के अंदर गन्दगी भी फैलेगी जिससे आपको और सभी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

जिम के अंदर बैठकर स्नैक्स ना खाएं

अक्सर लोग एक्सरसाइज ख़त्म हो जाने के बाद वहीं पर बैठ कर स्नैक्स खाने लगते है लेकिन ऐसा करना बिलकुल गलत है। ऐसा करने से जिम के अंदर गन्दगी तो होगी ही साथ ही अन्य लोगों को एक्सरसाइज करने में भी दिक्कत होगी और आपकी छवि भी ख़राब होगी इसलिए हमेशा एक्सरसाइज ख़त्म करने के बाद जिम से बाहर आकर ही अपना स्नैक्स खाएं।

एक्सरसाइज इक्विपमेंट को हमेशा सही जगह रखें

जिम में जब भी आप एक्सरसाइज करने के लिए किसी इक्विपमेंट का इस्तेमाल करें जैसे डम्बबेल, प्लेट्स, रोड्स आदि तो उसे इस्तेमाल करने के बाद हमेशा उसी स्थान पर रखें जहाँ से आपने उसे उठाया था क्योकि इन चीजों को इधर उधर रखने से किसी और को या आपको चोट लग सकती है और किसी भी तरह का शारीरिक कष्ट हो सकता है।

जिम के पहले दिन हाइजीन का ख्याल रखें

जिम में एक्सरसाइज करते हुए पसीना आना तो आम बात है इसलिए जिम जाते समय अपने जिम बैग में तौलिया या नैपकिन रखना कभी ना भूलें। हमेशा एक एक्सरसाइज ख़त्म होने के बाद तौलिये से अच्छी तरह पसीना पोछना ना भूलें और ना ही पसीना पोछने के लिए किसी और का नैपकिन इस्तेमाल करें इससे इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है और कई गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती है।

एक ही दिन सारी एक्सरसाइज ना करें

अगर आप पहली बार जिम जा रहे है और आपको लगता है की सारी की सारी एक्सरसाइज एक ही दिन कर लेनी चाहिए तो यह बिलकुल गलत है। क्योकि हर एक्सरसाइज का अपना एक दिन होता है आप सभी एक्सरसाइज एक ही दिन नहीं कर सकते है। इसलिए यदि आपको शरीर के अलग अलग भागों की एक्सरसाइज के बारे में नहीं पता है और किस दिन कौन सी एक्सरसाइज करनी है यह भी आप नहीं जानते है तो हमेशा अपने ट्रेनर की सहायता लें खुद करने की कोशिश बिलकुल ना करें।

जिम के पहले दिन हैवी एक्सरसाइज ना करें

जिम के पहले दिन कभी भी भारी वेट उठाने या हैवी एक्सरसाइज करने से बचें इससे आपको शारीरिक कष्ट हो सकता है और चोट भी लग सकती है। इसलिए जिम के पहले दिन हमेशा हल्की एक्सरसाइज ही करें जैसे कार्डियो या ट्रेडमिल चलाना।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।