तितली आसन के फायदे और करने के तरीके

योग के अंतर्गत कई आसन आते है| सभी से शरीर को भिन्न भिन्न लाभ मिलते है| कुछ आसन करने में बेहद ही सरल होते है तो कुछ कठिन| यदि आप घर पर ही आसन करना चाहते है, तो सरल आसनो का चयन करना बेहतर है| इन्ही में से एक आसन है तितली आसन इन आसनों को करने से भले ही आपने केवल फायदों के बारे में सुना है| लेकिन यदि इन आसनो को गलत तरीके से किया जाये तो यह हमारे शरीर को नुकसान भी पंहुचा सकते है| आज हम तितली आसन के फायदे (Titli asana) और करने का तरीके को जानेगें

Afternoon full body stretch

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वायुभक्षण प्राणायाम

योग अनुसार वज्रोली तथा वायुभक्षण प्राणायाम भी है और क्रिया भी। दोनों ही प्राणायाम से हम पाचन व यौन संबंधी छोटी-छोटी समस्या से समाधान पा सकते हैं।

सूर्य भेदन प्राणायाम

इसमें पूरक दायीं नासिका से करते हैं। दायीं नासिका सूर्य नाड़ी से जुड़ी मानी गई है। इसे ही सूर्य स्वर कहते हैं। इस कारण इसका नाम सूर्य भेदन प्राणायाम है।
 

Relaxing yoga in the park

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“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।