कभी घर में खड़े हो जाएं सुबह स्नान करके, दोनों पैर फैला लें और.. - ओशो
तिब्बत में एक बहुत छोटी सी विधि है--बैलेंसिंग, संतुलन उस विधि का नाम है। कभी घर में खड़े हो जाएं सुबह स्नान करके, दोनों पैर फैला लें और खयाल करें कि आपके बाएं पैर पर ज्यादा जोर पड़ रहा है कि दाएं पैर पर ज्यादा जोर पड़ रहा है। अगर बाएं पर पड़ रहा है तो फिर आहिस्ते से जोर को दाएं पर ले जाएं। दो क्षण दाएं पर जोर को रखें, फिर बाएं पर ले जाएं।
एक पंद्रह दिन, सिर्फ शरीर का भार बाएं पर है कि दाएं पर, इसको बदलते रहें। और फिर यह तिब्बती प्रयोग कहता है कि फिर इस बात का प्रयोग करें कि दोनों पर भार न रह जाए, आप दोनों पैर के बीच में रह जाएं।
गर्भाशय तथा जननेन्द्रिय स्रावों में लाभदायक पादहस्तासन
इस आसन में हम दोनों हाथों से अपने पैर के अंगूठे को पकड़ते हैं, पैर के टखने भी पकड़े जाते हैं। चूंकि हाथों से पैरों को पकड़कर यह आसन किया जाता है इसलिए इसे पादहस्तासन कहा जाता है। यह आसन खड़े होकर किया जाता है।
विधि : यह आसन खड़े होकर किया जाता है। पहले कंधे और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएँ। फिर दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाया जाता है। हाथों को कंधे की सीध में लाकर थोड़ा-थोड़ा कंधों को आगे की ओर प्रेस करते हुए फिर हाथों को सिर के ऊपर तक उठाया जाता है। ध्यान रखें की कंधे कानों से सटे हुए हों।
तनाव से मुक्ति
तनाव अपने आप में एक बीमारी है जो कई अन्य बीमारियों को निमंत्रण देता है. इस तथ्य को चिकित्सा विज्ञान भी स्वीकार करता है. योग का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह तनाव से मुक्ति प्रदान करता है. योग मुद्रा, ध्यान और योग में श्वसन की विशेष क्रियाओं द्वारा तनाव से राहत मिलती है, यह प्रमाणित तथ्य है. योग मन को विभिन्न विषयों से हटाकर स्थिरता प्रदान करता है और कार्य विशेष में मन को स्थिर करने में सहायक होता है. तनाव मुक्त होने से शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है
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OSHO Gourishankar Meditation
Osho says that if the breathing is done correctly in the first stage of this meditation, the carbon dioxide formed in the bloodstream will make you feel as high as Gourishankar, Mt. Everest. This “high” is carried into the subsequent stages of soft gazing, soft and spontaneous movement, and silent stillness.
The meditation is to be done with its specific OSHO Gourishankar Meditation music, which indicates and energetically supports the different stages.
For the music availability, see below.
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Focus on Fire : OSHO Meditation
In life, nothing is certain except death.
Secondly: death is not going to happen in the end; it is already happening. It is a process. Just as life is a process, death is a process. We create the now, but life and death are just like your two feet, your two legs. Life and death are both one process. You are dying every moment.
Let me put it in this way: whenever you inhale, it is life, and whenever you exhale, it is death.
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Meditation is Fun
Millions of people miss meditation because meditation has taken on a wrong connotation. It looks very serious, looks gloomy, has something of the church in it, looks as if it is only for people who are dead, or almost dead, who are gloomy, serious, have long faces, who have lost festivity, fun, playfulness, celebration. These are the qualities of meditation. A really meditative person is playful; life is fun for him, life is a leela, a play. He enjoys it tremendously. He is not serious. He is relaxed.
Excerpts from Osho's book
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সর্বাঙ্গাসন
সর্বাঙ্গাসন
যোগশাস্ত্রে বর্ণিত এক প্রকার এক প্রকার আসন। সর্বাঙ্গ=সর্ব + অঙ্গ। শরীরের সকল অঙ্গ এই আসনে যুক্ত করা হয় বলে এর এরূপ নামকরণ করা হয়েছে। এর বর্ধিত প্রকরণ পার্শ্ব-সর্বাঙ্গাসন।
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चित्त का प्रदूषण : ओशो
"इस बात का ध्यान रखो कि तुम्हारे मन में क्या जा रहाहै। लोग बेखबर हैं; वे सब कुछ और कुछ भी पढ़े चले जाते हैं, टी वी पर कोई भी मूर्खतापूण बात देखे चले जाते हैं, कोई भी मूर्खतापूर्ण बात किए चले जाते हैं और एक-दूसरे के सिर में कचरा डाले चले जाते हैं।
ऐसी परिस्थिति को टालो जिसमें तुम बेवजह के कचरे से भर दिए जाते हो। तुम्हारे पास पहले ही बहुत साराहै। तुम्हें उससे हल्का होने की जरूरतहै!
हस्तपदासन
हस्तपादासन क्या है :-
हस्तपादासन एक योग है | जो की तीन शब्दों से मिलकर बना है हस्त + पद + आसन इन तीनों का अर्थ होता है हस्त = हाथ , पद = पैर , आसन = मुद्रा | इसको करने से बहुत लाभ होते हैं | इसे अंग्रेजी मैं Forward Bend Pose कहा जाता है | योग की कई क्रियाओं में से एक है हस्तपादन आसन। इस योग आसन से आपको कई फायदे मिलते हैं। त्वचा के दाग धब्बों के अलावा यह आंखों के नीचे पड़ने वाले काले घेरे को भी खत्म करता है। आयें जानते हैं इसके फायदे और इसे कैसे किया जाए |
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कुण्डलिनी जागरण के लिए कैसे और कितना ध्यान करें? कृपया विस्तार से बताएं?
कुंडलिनी योग के जरिये शरीर में सुप्त शक्तियों को जागृत किया जाता है। और इससे आपको काफी ऊर्जा मिलती है।
कुंडलिनी योग वास्तव में आध्यात्मिक योग है। कुंडलिनी योग न सिर्फ आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे कई रोगों का उपचार और बचाव संभव है।
कुंडलिनी योग करने की विधि –
“योग विज्ञान है” – ओशो
योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है।
जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।
नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।