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व्याघ्रासन

व्याघ्रासन

इस आसन को करते समय आपके शरीर की आकृति बाघ के समान दिखती है इसलिए इस आसन का नाम व्याघ्रासन रखा गया है| इसे करने से आपका बैक पैन तो कम होता ही है साथ ही तनाव से भी आपको मुक्ति मिलती है|

व्याघ्रासन कैसे करते है?

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम वज्रासन की अवस्था में बैठ जाए|
  • अब अपने दोनों घुटनों के बल खड़े हो जाइए और अपने दोनों हाथों को आगे की और करे|
  • अब अपने दाए पैर को पीछे की और उठाये और सिर की तरफ लाये, इस दौरान सांस अंदर की ओर ले|
  • अब अपने पैरो को निचे ले आये और सिर को आगे की तरफ झुकाइए। फिर अपनी नाक को घुटने से लगाएं और सांस धीरे-धीर छोड़ दे।
  • अब वापिस सिर ऊपर की ओर उठाएं और पांव पीछे की तरफ ले जाएं।
  • इस बार इस प्रकिया को बाएं पैर को ऊपर की तरफ ले जाते हुए दोहराएं।
  • हर पैर से कम से कम 5 बार इसे करे|

व्याघ्रासन के लाभ

  1. इस आसन का अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली बनती है|
  2. इसको रोज सुबह के वक्त करने से एकाग्रता में सुधार आता है और तनाव दूर होता है|
  3. यदि आपको साइटिका की बीमारी या फिर हर वक्त कमर में दर्द बना रहता है तो यह आसन आपके लिए फायदेमंद है|
  4. इस आसन को करते वक्त पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है इसलिए इससे पेट की चर्बी भी कम होती है|
  5. इसे करने शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक से होता है और कोलेस्ट्रॉल की समस्या नहीं होती|
  6. इस आसन को नियमित करने से आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रहती है।

व्याघ्रासन में सावधानी

  • यदि आपको पीठ, गर्दन और घुटनो में चोट हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए|
  • यदि आपको किसी तरह की बीमारी है तो पहले डॉक्टर से पूछे फिर ही इस आसन को करे|