वृक्षासन

वृक्षासन का अर्थ है वृक्ष के समान मुद्रा. इस आसन को खड़े होकर किया जाता है. नटराज आसन के समान यह आसन भी शारीरिक संतुलन के लिए बहुत ही लाभप्रद है
वृक्षासन करने की विधि :
- सीधा तनकर खड़े हो जाइये.
- शरीर का भार बाएं पैर पर डालिए और दांए पैर को मोड़ियो.
- दाएं पैर के तलवे को घुटनों के ऊपर ले जाकर बाएं पैर से लगाइये.
- दोनों हथेलियों को पार्थना मुद्रा में छाती के पास लाइये.
- अपने दाएं पैर के तलवे से बाएं पैर को दबाइये.
- बाएं पैर के तलवे को ज़मीन की ओर दबाइये.
- सांस लेते हुए अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाइये.
- सिर को सिधा रखिए और सामने की ओर देखिये.
- इस मुद्रा में 15 से 30 सेकेण्ड तक बने रहिये.
- दोनों तरफ इस मुद्रा को 2 से 5 बार दुहराइये.
वृक्षासन करने की लाभ :
- वृक्षासन शारीरिक अंगों में संतुलन और दृढ़ता के लिए बहुत ही लाभप्रद है
- इस योग के अभ्यास से शारीरिक तनाव दूर होता है
- यह आसन पैरों एवं टखनों में लचीलापन लाता है
- यह हिप्स और घुटनों में स्थित तनाव को भी दूर करने में कारगर होता है
Aasan
- वृक्षासन
Tree pose or Vrksasana originally comes from the Sanskrit words vriksa or vriksha meaning “tree” and asana meaning “pose” or posture. Once you perform your Vrksasana standing in front of a mirror, your body should look like a human tree, beautiful, balanced and strong. This yoga pose will need a bit of focus and patient, and a smile if you lose your balance!
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Vrikshasana - The Tree Pose
Vrikshasana or the tree pose helps to strengthen the muscles, tendons, and ligaments of the legs.
How to do Vrikshasana?