योग की परिभाषा
योग क्या है
पतंजलि योग-दर्शन में योग | योग-दर्शन में मोक्ष को अपनाने के लिये तत्वज्ञान पर अधिक बल दिया गया है। योग-दर्शन के अनुसार तत्वज्ञान की प्राप्ति तब तक नहीं हो सकती जब तक मनुष्य चित्त विकारों से परिपूर्ण है। अतः योग-दर्शन में चित्त की स्थिरता को प्राप्त करने के लिये तथा चित्तवृत्ति का निरोध करने के लिए योग-मार्ग की व्याख्या हुई है। योग-दर्शन में योग का अर्थ चित्तवृत्तियों का निरोध है। योग-दर्शन में राजयोग का विवेचन मिलता है। योग-मार्ग की आठ सीढ़ियाँ हैं। इसीलिये इसे अष्टांगयोग भी कहा जाता है।
यह अष्टांग-मार्ग इस प्रकार है
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हठयोग क्या है?
हठयोग शारीरिक और मानसिक विकास के लिए विश्व की प्राचीनतम प्रणाली है जिसका शताब्दियों से भारत के योगियों द्वारा अभ्यास किया गया है। मनोकायिक व्यायामों की यह एक अनन्यतम विधि है। हठयोग के आसन मानसिक प्रशांति, शारीरिक संतुलन और दिव्य प्रभाव के साथ प्रतिपादित होते हैं। इससे मेरुदंड लचीला बनता तथा स्नायु संस्थान के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। योगासनों से स्नायओं के मूल का आंतरिक प्राणों द्वारा पोषण होता है। अतएव योगासन अन्य व्यायामों से पृथक है।
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