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योग

योग के नियम

क्‍या आप योग को अपने जीवन में शामिल करना चाहते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन जिन लोगों को योग के नियम पता नहीं है, या योग कैंसे करते हैं तो यह लेख उनकी मदद कर सकता है। अपने शुरुआती लक्ष्‍यों या योग के लिए यहां कुछ नियम दिये गए हैं आइए इन्‍हें जानें।

योग क्‍या है

जो लोग योग के फायदे प्राप्‍त करना चाहते हैं, उन्‍हें सबसे पहले यह पता होना चाहिए कि योग क्‍या है। यह समझना बहुत ही आवश्‍यक है कि योग क्‍या है। क्‍योंकि योग एक ऐसी तकनीक है जो आपके शरीर के विभिन्‍न अंगों को प्रभावित करती है। कुछ लोग इसे प्रशिक्षण की प्राचीन विधि कहते हैं। कुछ लोग योग को कठिन आसनों की संज्ञा देते हैं। योग शब्‍द वास्‍तव में संघ को दर्शाता है। यह एक ऐसा अभ्‍यास है जो शरीर के विभिन्‍न अंगों, मुद्राओं, ध्‍यान और नियंत्रित श्वास के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है। योग न केवल आपके शरीर को मजबूत करता है बल्कि आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को भी बढ़ावा देता है।

योग क्‍या है, योग के प्रकार और फायदे

पिछले कुछ समय से योग ने बहुत ही लोकप्रियता हासिल कर ली है। बहुत से लोग योग के लाभ जानते हैं। लेकिन फिर भी बहुत सी आवादी योग के फायदे से अनभिज्ञय है। कई अध्‍ययनों ने योग के फायदे होने की पुष्टि की है साथ ही बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य सलाहकार योग को अपनाने की सलाह भी देते हैं। कहा भी जाता है ‘कई रोगों की एक दवा है योग’ जो लोग नियमित व्‍यायाम करते हैं उन्‍हें कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन योग क्‍या है, इसे कैंसे करें, योग के नियम क्‍या हैं, योग के प्रकार और फायदे। इस तरह के तमाम प्रश्‍नों का जबाब आपको इस लेख में मिल जायेंगा। आइए जाने योग के बारे में सब कुछ जो आपके

बकासन योग क्या है

बकासन संस्कृत के दो शब्दों बक (Baka) और आसन (Asana) से मिलकर बना है, जहां बक का अर्थ बक या बगुला (Crane) और आसन का अर्थ मुद्रा ( Posture) है। इस आसन को करते समय बगुले की तरह पैर उठाकर शरीर का संतुलन बनाया जाता है इसी कारण इसे बकासन कहा जाता है। बकासन से मिलता जुलता योग मुद्रा ककासन (Kakasana) है, दोनों में बिल्कुल मामूली सी भिन्नता है लेकिन फायदे एक जैसे होते हैं। हड्डियों एवं मांसपेशियों सहित शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने के लिए लोगों के बीच यह आसन बहुत लोकप्रिय है।

बकासन योग करने की विधि और फायदे

बकासन योग या क्रेन (crane) आसन एक ऐसा आसन है जिसे खुशहाली और हमेशा जवां (youthfulness) बने रहने का एशियाई प्रतीक माना जाता है। चीन के लोग इस आसन को लंबी उम्र का प्रतीक मानते हैं। यह आसन स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद होता है लेकिन स्त्रियों के शरीर को छरहरा बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पेट और पीठ की मांसपेशियों एवं भुजाओं को मजबूत बनाने के लिए बकासन योग सर्वोत्तम आसन माना जाता है। हालांकि यह आसन करने में व्यक्ति को थोड़ी कठिनाई जरूर होती है लेकिन एक बार शरीर का संतुलन बनने के बाद इसका अभ्यास आसानी से किया जा सकता है। इस लेख में आप बकासन योग करने का तरीका और ब

उत्तानपादासन योग क्या है

उत्तानपादासन नाम संस्कृत से लिया गया हैं, उत्तानपादासन मुद्रा का नाम दो शब्दों “उत्तान” और “पाद” से मिलकर बना हैं, जिसमे “उत्तान” शब्द का अर्थ ऊपर उठा हुआ और “पाद” शब्द का अर्थ पैर होता हैं। पीठ के बल लेट कर यह आसन किया जाता हैं इसलिए इसे उत्तानपादासन नाम दिया गया हैं, यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए अच्छा है। इसे द्विपादासन के नाम से भी जाना जाता हैं, द्विपादासन में “द्वि” अर्थात दोनों का खड़ा होना और “पदा” का अर्थ हैं पैर, इसका पूरा अर्थ दोनों पैरो का खड़ा होना। आइये हम उत्तानपादासन करने का तरीका और उसके फायदे के बारे में जानते हैं।

पाचन क्रिया सुधारने में पद्मासन योग के लाभ

पद्मासन (Lotus Pose)  करने से पेट के आसपास के हिस्सों का अच्छे से मसाज हो जाता है जिससे पेट की तरफ रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने के साथ ही यह आसन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है।

पद्मासन योग के फायदे अनिद्रा (Insomnia) को दूर करने में

पद्मासन में गहरी सांस लेने की क्रिया से मस्तिष्क शांत रहता है और रात में नींद न आने की समस्या दूर होती है।

शिल्पा शेट्टी योगा स्लिम कमर के लिए धनुरासन

इस आसन को करते समय शरीर धनुष के आकृति का बन जाता है। इस मुद्रा में पेट और जांघ धनुष के हिस्से के रूप में होता है और पैरों का निचला हिस्सा एवं भुजाएं धनुष के तने हुए हिस्से का काम करता है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है जिसे करने पर कई तरह के फायदे होते हैं।

धनुरासन करने से वजन तो घटता ही है साथ में यह पीठ के निचले हिस्से (lower back) को मजबूत करता है, अस्थमा से बचाता है और रीढ़ (spine)को अधिक लचीला बनाने के साथ ही शरीर के कई हिस्सों को स्वस्थ रखता है।

व्याघ्रासन योगा कुल्हे और रीढ़ को मजबूत करने के लिए

इस योगासन का नाम व्याघ्रासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है जहां व्याग्र का अर्थ बाघ(tiger) और आसन का अर्थ मुद्रा(pose) है। बाघ जब गहरी नींद से उठता है और अपने शरीर को खिंचता है तो जो आकृति बनती है उसे ही व्याघ्रासन कहते हैं।