हिंदी सुविचार और अर्थ
अपने विचारों से तादात्मय तोड़ें - ओशो
Anand
Sat, 04/Sep/2021 - 12:22
अपनी आंखें बंद करें, फिर दोनों आंखों को दोनों भवों के बीच में एकाग्र करें, ऐसे जैसे तुम दोनों आंखों से देख रहे हों। अपनी संपूर्ण एकाग्रता वहां ले जाएं।
एक सही बिंदु पर तुम्हारी आंखें स्थिर हो जाएंगी। और अगर तुम्हारी एकाग्रता वहां है तो तुम्हें अजीब सा अनुभव होगा: पहली बार तुम्हारा साक्षात्कार तुम्हारे विचारों से होगा; तुम साक्षी हो जाओगे। यह चित्रपट की तरह है: विचार दौड़ रहे हैं और तुम साक्षी हो।
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