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উষ্ট্রাসন

মকরাসন

মকরাসন

যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। এর সমার্থগুলো হলো-মৎস্য বিশেষ, মদনদেবতার পতাকা, গঙ্গার বাহন ইত্যাদি শায়িত অবস্থায় মকর নামক মাছের মতো দেখায় বলে, এই আসনের নাম রাখা হয়েছে মকরাসন (মকর + আসন)।

મકરાસન

મકરાસન : મકર એટલે મગર. આ આસનમાં શરીરની સ્થિતિ મગર જેવી બનતી હોવાથી તેને મકરાસન કહેવામાં આવે છે.

ઘેરંડ સંહિતામાં મકરાસન વિશે નીચે પ્રમાણે ઉલ્લેખ કરવામાં આવ્યો છે.

अथ मकरासनम् ।

अध्यास्यः शेते हृदयं निधाय मूमौ च पदौ च प्रसारर्यमाणौ ।

शिरश्व धृत्वा करदण्डयुग्मे देहाग्निकारं मकरासनं तत् ॥

 

મૂળ સ્થિતિ : એક સ્વચ્છ આસન પર ઊંધા સૂઈ જવું.

मकरासन

सबसे पहले चादर बिछाकर जमीन पर पेट के बल लेट जाइए। उसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मिलाते हुए गाल के नीचे रख लीजिए। दोनों पैरों को मिलाकर सांस को अंदर कीजिए, उसके बाद सांस को बाहर करते हुए दोनों कोहनियों को अंदर की तरफ खींचिए। इस क्रिया को कम से कम 5 बार दोहराइए। उसके बाद पेट पर दोनों हथेली दोनों गाल के नीचे और कोहनियां मिला कर रखिए। सांस को आराम से लेते हुए पैरों को बारी-बारी घुटने से मोडिए। कोशिश कीजिए कि आपके पैरों की एडी नितंबों को छुए। इस क्रिया को 20 बार दोहराइए।

বালাসন

বালাসন

যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। বাল শব্দের একাধিক অর্ধ রয়েছে। এখানে বাল শব্দটি বালক সমার্থে গৃহীত।

बालासन

बालासन करने की विधि 

किसी भी आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले उसे करने के सही तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। इसका कारण यह है कि सही तरीके से आसन का अभ्यास(practice) न करने से शरीर में समस्या उत्पन्न हो सकती है। आइये जानते हैं बालासन करने का सही तरीका क्या है।

শীর্ষাসন

শীর্ষাসন : যোগশাস্ত্রে বর্ণিত আসন বিশেষ। মানবদেহের শীর্ষ স্থান হলো মাথা। মাথার উপর ভর করে এই দেহভঙ্গী রচনা করা হয় বলে এর নাম শীর্ষাসন (শীর্ষ + আসন) রাখা হয়েছে।

এই আসনের অর্ধরূপটি নামে পরিচিত। এই আসনের বর্ধিত প্রকরণগুলো হলো ―অর্ধ-শীর্ষাসন, একপদ শীর্ষাসন, একপদ পার্শ্ব শীর্ষাসন, নিরাবলম্ব শীর্ষাসন, পরিবৃত্ত বজ্র শীর্ষাসন, বিপরীত পরিবৃত্ত কোণাসন, শীর্ষ-পদাসন, সলম্বা শীর্ষাসন।
 

શીર્ષાસન

શીર્ષાસનને આસનોનો રાજા કહેવામાં આવે છે. માથાના બળે કરવામાં આવતુ હોવાથી આ આસનને શીર્ષાસન કહેવામાં આવે છે. આપણા શરીરના બધા જ તંત્રોની તંદુરસ્તી જાળવવા જો એક આસનનું નામ લેવાનું હોય તો શીર્ષાસનનું લઈ શકાય. ખાસ કરીને નાડીતંત્રને ચેતનવંતી બનાવવા તથા શારીરિક અને માનસિક તનાવમાંથી મુક્તિ મેળવવા માટે શીર્ષાસન અજોડ છે. શીર્ષાસન માનવો માટે અમૃત સમાન છે. જરા અને વ્યાધિને પણ દૂર કરે અને શરીરને સર્વાંગે નિરોગી બનાવે તેવું સર્વશ્રેષ્ઠ રસાયણ છે

शीर्षासन

सिर के बल किए जाने की वजह से इसे शीर्षासन कहते हैं। शीर्षासन एक ऐसा आसन है जिसके अभ्यास से हम सदैव कई बड़ी-बड़ी बीमारियों से दूर रहते हैं। हालांकि यह आसन काफी मुश्किल है। यह हर व्यक्ति के लिए सहज नहीं है। शीर्षासन से हमारा पाचनतंत्र अच्छा रहता है, रक्त संचार सुचारू रहता है। शरीर को बल प्राप्त होता है।