योग
योग और सुदर्शन क्रिया में क्या अंतर है?
योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। योग मे हर आसन और प्राणायाम मे साँसों का विशेष महत्व होता है
वही दूसरी तरफ अगर सुदर्शन क्रिया की बात की जाए तो यह एक सहज लयबद्ध शक्तिशाली तकनीक है जो विशिष्ट प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं को एक ताल में लाती है। अध्यात्मिक खोज है यह क्रिया को सबसे पहले लाने और सिखाने का श्रेय श्री श्री रविशंकर जी को जाता है ,यह क्रिया हमें अनंत की एक झलक देती है। सुदर्शन क्रिया स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परे के ज्ञान का अज्ञात रहस्य है!
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फेंफड़े शुद्ध करने के योगा टिप्स
व्यक्ति प्राकृतिक श्वास लेना भूल गया है। प्रदूषण और तनाव के कारण उसकी श्वास उखड़ी-उखड़ी और मंद हो चली है। यहां प्रस्तुत है श्वास को शुद्ध करने के योगा टिप्स।
1.जहां भी प्रदूषण भरा माहौल हो वहां केवली प्राणायाम करने लगें और उस प्रदूषण भरे माहौल से बच निकलने का प्रयास करें। यदि रूमाल साथ रखते हैं तो केवली की आवश्यकता नहीं।
2.बदबू से बचें, यह उसी तरह है जिस तरह की हम खराब भोजन करने से बचते हैं। बेहतर इत्र या स्प्रे का इस्तेमाल करें। श्वासों की बदबू के लिए आयुर्वेदिक इलाज का सहारा ले सकते हैं।
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नौकासन सिर से ले कर पैरों तक की सभी बीमारियां दूर करे
नौका आसन यानी नाव के समान मुद्रा। पीठ एवं मेरूदंड को लचीला व मजबूत बनाये रखने के लिए नौकासन का अभ्यास काफी लाभदायक होता है। यह आसन ध्यान और आत्मबल को बढ़ाने में भी कारगर होता है। कंधों एवं कमर के लिए भी यह व्यायाम फायदेमंद है। शरीर को सुडौल बनाये रखने के लिए भी यह आसन बहुत ही लाभदायक होता है। 7 योग आसन जो आपके पेट को रखें स्वस्थ इससे पाचन क्रिया, छोटी-बड़ी आँत में लाभ मिलता है। अँगूठे से अँगुलियों तक खिंचाव होने के कारण शुद्ध रक्त तीव्र गति से प्रवाहित होता है, जिससे काया निरोगी बनी रहती है। हर्निया रोग में भी यह आसन लाभदायक माना गया है। निद्रा अधिक आती हो तो उसे नियंत्रित करने मे ये नौका आ
ਸ਼ੂਗਰ ਰੋਗ ਨੂੰ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਕਰਨ ਲਈ 10 ਯੋਗਾਸਨ
ਇਕ ਪਾਸੇ ਨਿਯਮਤ ਯੋਗਾ ਤੁਹਾਨੂੰ ਤੰਦਰੁਸਤ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਮੁਕਤ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਸ਼ੂਗਰ ਰੋਗ ਨੂੰ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜੇ ਕੁਝ ਖਾਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਯੋਗਾ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ. ਆਓ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕੁਝ ਖਾਸ ਯੋਗਾਸਨਾਂ ਬਾਰੇ ਜੋ ਸ਼ੂਗਰ ਰੋਗ ਨੂੰ ਘਟਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮਦਦਗਾਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ.
1-ਪ੍ਰਾਣਾਯਾਮ
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10 योगासन जो मधुमेहपर लगाम लगाएं
नियमित योग एक तरफ जहां आपको स्वस्थ रखता है वहीं दूसरी तरफ गंभीर बीमारियों से भी निजात दिलाता है। अगर मधुमेह में नियमित कुछ खास तरह के योग किए जाएं तो मधुमेह को कंट्रोल कर सकते हैं। आइए जानें कुछ खास योगासनों के बारे में जो डायबिटीज को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
1-प्राणायाम
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मधुमेह में फायदेमंद हैं गौमुखासन
हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने मधुमेह (डायबिटीज) दिवस पर कहा कि ऋषि प्रणीत जीवनचर्या अपनाने से इस जटिल रोग से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि गौमुखासन के नियमित अभ्यास एवं सविता ध्यान से काफी राहत मिल सकती है।
डॉ. चिन्मय के अनुसार, सुबह जल्दी उठकर उगते हुए सूर्य का ध्यान, यज्ञोपैथी एवं नियमित आसनों के अभ्यास डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज का मरीज अक्सर तनाव में रहता है। ऐसे में नियमित प्राणायाम एवं सात्विक आहार मन के साथ तन को शांत एवं स्वस्थ रख सकता है।
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योगासन करें और बनाएं सुन्दर बॉडी
बढ़ते प्रचलन ने लोगों को भी ज्यादा सतर्क बना दिया है। बढ़ती कमर और बढ़ते चयापचय (मेटाबॉलिज्म) विकार- कैंसर, डायबिटीज़ और अन्य बीमारियों को देखते हुए लोग स्वास्थ्य, डाइट प्लान और फिटनेस को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। एक लंबे समय से मैं मानती आ रही थी कि योगा में सिर्फ व्यायाम शामिल होते हैं, जिसमें आसन को कुछ सेकंड तक बनाए रखना ही मुख्य उद्देश्य होता है। यही नहीं, मेरा सोचना था कि योगा वह लोग करते हैं जो स्वस्थ तो हैं, लेकिन वह अपने शरीर में लचीलापन लाना चाहते हैं। जिम में उच्च प्रखर कसरत करने के अलावा, मैंने कभी भी वजन कम करने के लिए योग को प्रभावी कसरत नहीं माना। मुझे योगा के विभिन्न आसन
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गूढ़ यौगिक विधियों की सरलतम व्याख्या
योग अपने आप में एक अनोखा व शक्तिशाली विज्ञान है। यह आज के भौतिक विज्ञान से कई गुना अधिक प्रभावशाली तथा रहस्यमय है। आज के अणु- परमाणु की शक्तियों से कहीं ज्यादा शक्तियाँ इस विज्ञान में समायी हैं। आज से लाखों वर्षों पूर्व हमारे ऋषि- मनीषि इस विज्ञान से, उसकी सम्यक् प्रयोग विधियों से परिचित थे। आज धर्मशास्त्र का जो विशाल ढाँचा देखने को मिलता है, वह इसी विज्ञान की व्याख्या- विवेचन मात्र है। वेद, उपनिषद् आदि तमाम आर्ष साहित्य इसी विज्ञान के विकास- विस्तार हैं। इस विज्ञान को साधने, उसकी शक्तियों को हस्तगत करने के लिए कठिन साधनाएँ करनी पड़ती हैं। इसकी एक- एक शक्ति को प्राप्त करने लिए वर्षों ही नहीं
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राजयोग (अष्टांग योग) क्या है ?
राजमार्ग का अर्थ है आम- रास्ता। वह रास्ता जिस पर होकर हर कोई चल सके। राजयोग का भी ऐसा ही तात्पर्य है। जिस योग की साधना हर कोई कर सके। सरलतापूर्वक प्रगति कर सके। महर्षि पतंजलि निर्देशित राजयोग के आठ अंग हैं।
1. यम
सभी प्राणियों के साथ किये जाने वाले व्यावहारिक जीवन को यमों द्वारा सात्त्विक व दिव्य बनाना होता है। यम पाँच हैं।
सत्य- बात को ज्यों का त्यों कह देना सत्य नहीं है, वरन् जिसमें प्राणियों का अधिक हित होता हो, वही सत्य है।
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पुरुषों के योग करने के फायदे
आज-कल अकसन पुरुषों को जिम में घंटो पसीना बहाते हुए देखा जाता है। कुछ पुरुष तो समय के इतने पक्के होते हैं कि वह हफ्तों के सातो दिन मासपेशियां बनाने के लिये तैयार रहते हैं। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो पार्क में कसरत और योग करने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है। पुरुष सोंचते हैं कि जिम में जा कर ट्रेडमिल पर एक घंटा दौड़ लेने से और कुछ देर मासपेशियां बना लेने से वह पूरी तरह से फिट हो जाएंगे। मगर ऐसा सोंचना पूरी तरह से गलत है।
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