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आसन

चक्रासनम

चक्रासन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और शरीर लचीला बनता है। इसके अभ्यास से पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी मदद मिलती हैं।

धनुरासन

धनुरासन पेट की चर्बी तेजी से घटाने में मददगार है धनुरासन के नियमित अभ्यास से कब्‍ज़, पीठ दर्द, पेट की सूजन, थकान और मासिक धर्म के समय होने वाली समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है। इससे आपके शरीर में लचीलापन भी आता है।

बालासन

इस आसन को रोज करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पेट की चर्बी घटती है।

बालासन करने की विधि
सबसे पहले आसान बिछाइए।
फिर दोनों घुटने के बल जमीन पर बैठ जाइए।
अब आपके शरीर का सारा भार आपकी पैरों की एड़ियों पर होना चाहिए।
एक लम्बी गहरी सांस लेते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
इस मुद्रा में आपका सीना जांघों को और माथा फर्श को छूएगा।
कुछ सेकंड इस अवस्था में रहें और वापस उसी अवस्था में आ जाएं।
 

चक्‍की चलनासन

अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो रोज़ाना चक्की चलनासन का अभ्यास ज़रूर करें। इससे कुछ ही दिनों में फर्क नज़र आने लगेगा।

चक्‍की चलनासन करने की विधि
समतल ज़मीन पर दरी या चटाई बिछाकर बैठ जाइए।
अब अपने दोनों पैरों को आपस में सटा कर सामने की ओर फैलाएं।
फिर अपने दोनों हाथों को आपस में मिलाकर पकड़ लें।
अब दोनों हाथों को 5 से 6 बार घड़ी की दिशा में घुमाएं।
फिर कुछ देर रूककर घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाएं।
फिर रिलैक्स हो जाएं।

तितली आसन करने में सावधानी

अगर घुटनों में किसी प्रकार की चोट या दर्द हो तो यह आसन ना करें।
यदि आपको साइटिका या पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो तो तितली आसान ना करें।
इस आसन को करते समय पैरों को ज्यादा जोर से नहीं हिलाएं। जितना हो सके उतना ही करे| अभ्यास करते रहने से धीरे धीरे आपके पैर अच्छे से मुड़ने लगेंगे|
ऊपर आपने जाना तितली आसन के फायदे Titli Asana in Hindi यदि आप भी उपरोक्त लाभ चाहते है तो तितली आसन का अभ्यास जरूर करे| योग शरीर व मन का विकास करता है| इसके अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ हैं

तितली आसन का सरल रूपांतर

तितली आसन को आसान बनाने के लिए पैरों को शरीर के कम करीब लायें।
अगर घुटनों में दर्द महसूस हो, या जो महिलायें गर्भावस्था में हो, उन्हे घुटनों के नीचे एक तौलिया या कंबल गोल करके रख लेना चाहिए।
यदि आपके पीठ के निचले हिस्से में तकलीफ है तो रीढ़ की हड्डी सीधी रखकर ही यह मुद्रा करें
 

तितली आसन के फायदे (लाभ)

शरीर लचीला बनाये: जाँघो,कटि प्रदेश व् घुटनो का अच्छा खिंचाव होने से श्रोणि व् कूल्हों में लचीलापन बढ़ता है।

मांसपेशियों का खिचाव करें कम: तितली आसन करने से अंदरूनी जांघ की मांसपेशियों में बहुत खिचाव होता है, जो इस आसन से ख़त्म हो जाता है।

पैरो की थकान दूर करेलम्बे समय तक खड़े रहने व् चलने की वजह से होने वाले थकान को मिटाता है।

मासिक धर्म में दिलाये आराम: मासिक धर्म के दौरान होने वाली असुविधा व् रजोनिवृति के लक्षणों से आराम।

तितली आसन करने का तरीका

पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएँ,रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को श्रोणि की ओर लाएँ,पाँव के तलवे एक दुसरे को छूते हुए।
दोनों हाथों से अपने दोनों पाँव को कस कर पकड़ लें। सहारे के लिए अपने हाथों को पाँव के नीचे रख सकते हैं।
एड़ी को जननांगों के जितना करीब हो सके लाने का प्रयास करें।
लेकिन हां यह करते वक्त ध्यान रहे कि हाथ सीधे रहें और शरीर भी पूरी तरह सीधा होना चाहिए|
ऐसा इसलिए करना चाहिए ताकि रीढ़ की हड्डी सीधी हो जाए|
लंबी,गहरी साँस ले, साँस छोड़ते हुए घुटनो व् जांघो को फर्श की ओर दबाएँ।

तितली आसन के फायदे और करने के तरीके

योग के अंतर्गत कई आसन आते है| सभी से शरीर को भिन्न भिन्न लाभ मिलते है| कुछ आसन करने में बेहद ही सरल होते है तो कुछ कठिन| यदि आप घर पर ही आसन करना चाहते है, तो सरल आसनो का चयन करना बेहतर है| इन्ही में से एक आसन है तितली आसन इन आसनों को करने से भले ही आपने केवल फायदों के बारे में सुना है| लेकिन यदि इन आसनो को गलत तरीके से किया जाये तो यह हमारे शरीर को नुकसान भी पंहुचा सकते है| आज हम तितली आसन के फायदे (Titli asana) और करने का तरीके को जानेगें