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आसन

पवनमुक्तासन करने में बरतें सावधानियां

 जो व्यक्ति पीठ के दर्द या कमर में दर्द से पहले से ही पीड़ित हों उन्हें पवनमुक्तासन करने से बचना चाहिए।
यदि आपको उच्च रक्तचाप, माहवारी की समस्या और गर्दन में दर्द हो तो पवनमुक्तासन करने में सावधानी बरतें।
यदि आपके सीने में दर्द (chest pain) की समस्या हो या गर्दन में कोई पुरानी चोट हो तो इस आसन को करने से बचें।
आमतौर पर ज्यादातर आसन खाली पेट ही किया जाता है लेकिन पवनमुक्तासन को खाली पेट करने से बचें।
गर्भवती महिलाओं को पवनमुक्तासन करने से बचना चाहिए।
यदि आप पेट के अल्सर (stomach ulcer) से पीड़ित हैं तो आपको पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
 

अर्थराइटिस में पवनमुक्तासन के फायदे

यह आसन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो एसिडिटी, अर्थराइटिस के दर्द एवं हृदय रोगों (heart problems) से ग्रसित हैं। पवनमुक्तासन पेट की अनचाही चर्बी को कम करने में भी बहुत सहायक होता है।

पवन मुक्तासन के फायदे कमर दर्द में

यदि आपको सियाटिका (sciatica) की बीमारी है या कमर में दर्द एवं स्लिप डिस्क (slip disc) में परेशानी हो तो आपको पवनमुक्तासन का प्रतिदिन अभ्यास जरूर करना चाहिए।

महिलाओं के लिए पवनमुक्तासन के फायदे

यह एक ऐसा आसन है जिसे महिलाओं को जरूर करना चाहिए। विशेषरूप से गर्भाशय की समस्या से पीड़ित महिलाओं को इस आसन को करने की सलाह दी जाती है। यह आसन गर्भाशय (uterus) से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। जनन क्षमता बेहतर बनाने में भी यह आसन फायदेमंद होता है।

पवनमुक्तासन के फायदे

Pawanmuktasana ke fayde in Hindi यह आसन आमतौर पर पेट की हवा को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही शरीर के अंदर जमा अशुद्धियों को भी बाहर करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा भी पवनमुक्तासन करने के कई फायदे होते हैं, तो आइये जानते हैं इस आसन को करने से क्या फायदे होते हैं।

पवनमुक्तासन करने का तरीका

शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana Yoga) करने का तरीका बहुत आसान है। लेकिन इस आसन का अभ्यास करने में आपको थोड़ी कठिनाई जरूर हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि इस आसन का अभ्यास सही तरीके से किया जाए। आइये जानते हैं पवनमुक्तासन करने का तरीका।

पवनमुक्तासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां

पवनमुक्तासन करने का तरीका, पवनमुक्तासन के फायदे और पवनमुक्तासन करते समय राखी जाने वाली सावधानियों के बारे में पवनमुक्तासन संस्कृत के दो शब्दों पवन (Pawan) और मुक्त (Mukta) से मिलकर बना है, जहां पवन का अर्थ हवा (air) और मुक्त का अर्थ छोड़ना (release) है।जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह आसन पेट के पाचन तंत्र (digestive tract) से अनावश्यक गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए इसे अंग्रेजी में हवा बाहर निकालने का आसन (Wind Releasing Pose) कहा जाता है। पवनमुक्तासन एक उत्कृष्ट आसन है जो अच्छे पाचन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

मत्स्यासन करते समय सावधानियां

चूंकि मत्स्यासन गर्दन और मांसपेशियों (muscles) से जुड़ा हुआ आसन है। इसलिए इस आसन को करते समय विशेष सावधानी की जरूरत होती है।
 यदि आप उच्च अथवा निम्न ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं तो आपको मत्स्यासन करने से बचना चाहिए।
गर्दन में पुरानी चोट या पीठ और कमर में गंभीर दर्द हो तो इस आसन को करने से परहेज करें।
प्रेगनेंसी में मत्स्यासन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह कोख पर अधिक दबाव डालता है और इससे कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
हर्निया (hernia) के मरीजों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हो तो उसे मत्स्यासन नहीं करना चाहिए।

आइये जानें कि मत्स्यासन करने के फायदे क्या हैं

सांस की बीमारी में मत्स्यासन के फायदे – मत्स्यासन करने से अस्थमा रोग के लक्षण कम हो जाते हैं। इसके अलावा यह आसन श्वसन से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में भी फायदेमंद होता है।

मत्स्यासन के फायदे सिरदर्द (Headache) में – गर्दन पर अधिक दबाव  होने के कारण सिर दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। इस स्थिति में मत्स्यासन करने से सिर दर्द दूर हो जाता है।

नपुंसकता दूर करने में मत्स्यासन के फायदे – प्रतिदिन इस योगासन का अभ्यास करने से पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ती है एवं नपुंसकता की समस्या दूर हो जाती है।

मत्स्यासन के फायदे

मत्स्यासन का प्रतिदन अभ्यास करने से शरीर के कई विकार दूर हो जाते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह आसन बहुत ही फायदेमंद होता है। इस आसन में गर्दन को पीछे झुकाने की प्रक्रिया(bending process) के कारण गर्दन में स्थित थॉयराइड ग्लैंड बेहतर होती है।