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पवन-मुक्त आसन

योग से गैस की दिक्कत को यूं करें गायब

पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। लंबे समय तक अधोवायु को रोके रखने से बवासीर भी हो सकती है। आयुर्वेद कहता है कि आगे जाकर इससे नपुंसकता और महिलाओं में यौन रोग होने की भी आशंका हो सकती है।

गैस बनने के लक्षण 
पेट में दर्द, जलन, पेट से गैस पास होना, डकारें आना, छाती में जलन, अफारा। इसके अलावा, जी मिचलाना, खाना खाने के बाद पेट ज्यादा भारी लगना और खाना हजम न होना, भूख कम लगना, पेट भारी-भारी रहना और पेट साफ न होने जैसा महसूस होना।

പവനമുക്താസനം

മലര്‍ന്നു കിടക്കുക. കൈകള്‍ ശരീരത്തിനിരു വശവുമായി കമിഴ്ത്തി വയ്ക്കുക.കാലുകള്‍ മടക്കി പൃഷ്ഠത്തോടടുപ്പിച്ചു വയ്ക്കുക.കോര്‍ത്തു പിടിച്ച കൈകള്‍ കൊണ്ട് കാല്‍മുട്ടുകളെ വട്ടം പിടിച്ച്, മുട്ടും തുടയും നെഞ്ചിനോടടുപ്പിക്കുക.എന്നിട്ട് ശ്വാസം എടുത്ത് അല്പനേരം നിര്‍ത്തിയ ശെഷം ശ്വാസം വിടുന്നതോടൊപ്പം നെഞ്ചും തലയും തോളും പൊക്കികൊണ്ടൂ വന്ന് കാല്‍ മുട്ടുകളുടെ നടുവില്‍ മൂക്കു/താടി മുട്ടിക്കുക.സാവധാനം ശ്വാസം എടുത്ത് തലയും കാലുകളും പൂര്‍വസ്ഥിതിയിലേക്കു കൊണ്ടു വരിക. ശ്വാസം വിടുക.ഗുണംവയറിലും, പൃഷ്ഠത്തിലുമുള്ള പേശികളെ ബലപ്പെടുത്തും.

पवन-मुक्त आसन

पवन मुक्तासन एक योग है और तीन शब्दों से मिलकर बना है पवन + मुक्त + आसन = पवन मुक्तासन जिसमें पवन = वायु , मुक्त = छुटकारा और आसन = मुद्रा अथार्त इस योग की क्रिया द्वारा दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। इसी कारण इसे पवन मुक्तासन योग कहते हैं | ह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है | और अंग्रेजी मैं इसे Gas Release pose भी कहा जाता है | आयें जानते हैं इसके लाभ और इसे कैसे किया जाए |

दूषित वायु को शरीर से निष्कासित करता है।

ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਯੋਗਾ ਆਸਣ ਕਰੋ

ਜੇ ਟੱਟੀ ਸਖਤ ਹੈ ਅਤੇ ਰੋਜ਼ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ, ਤਾਂ ਇਸਨੂੰ ਕਬਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਵੇਗਾ. ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਦੇ ਕਾਰਨ, ਇਸਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਕਬਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵਿਚ, ਟੱਟੀ ਬਹੁਤ ਸਖਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਟੱਟੀ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਕੱ toਣ ਲਈ ਜ਼ੋਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ. ਟੱਟੀ ਨੂੰ ਨਰਮ ਕਰਨ ਲਈ, ਇਸ ਵਿਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ. ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਗਲੀਚੇ ਦੀ ਨਿਯਮਤ ਵਰਤੋਂ ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ.

ਯੋਗਸਨ ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ

ਕਪਲਭਤੀ:

कब्ज़ से मुक्ति पाने के लिये करें योगआसन

यदि मल सख्त हो और रोज न आये तो उसे कब्ज़ कहेंगे। बहुत अधिक समय से इस समस्या के होने के कारण इसको पुराना कब्ज़ कहते हैं। इसमें मल बहुत सख्त हो जाता है तथा मल को बाहर करने के लिये जोर लगाना पड़ता है। मल को नर्म करने के लिये आवश्यक है कि उस में पानी की मात्रा अधिक हो।  विभिन्न प्रकार के आसनों को नियमित रूप से करने पर हर प्रकार के कब्ज़ से राहत मिलती है। 

कब्ज़ दूर करने के लिये योगआसन 

कपालभाति :