मुद्रा
सूर्य मुद्रा फॉर थाइरोइड
सूर्य मुद्रा थायरायड के रोगों में भी बहुत फायदेमंद हैं, हमारे हाथ की हथेली में थायरायड ग्रन्थि का केंद्र बिंदु स्थित होता हैं, सूर्य मुद्रा में अनामिका उंगली से इस केंद्र बिंदु पर दबाव बनता हैं जिसके कारण थायरायड ग्रंथि में कम स्त्राव के कारण इसे होने वाले रोग मोटापा आदि दूर होते हैं।
- Read more about सूर्य मुद्रा फॉर थाइरोइड
- Log in to post comments
सूर्य मुद्रा करने का समय व अवधि
किसी भी प्रकार के योग को नियमित करने की आवश्यकता होती हैं अतः हमे सूर्य मुद्रा रोज करनी चाहियें, अच्छे परिणाम के लिए हमें यह मुद्रा सुबह और शाम के समय करनी चाहियें, शाम के समय आप सूर्य मुद्रा को सूर्यास्त से पहले कर सकते हैं। यह मुद्रा आप 8 मिनिट से 25 मिनिट तक दिन में तीन बार कर सकते हैं। प्रतेक बार सूर्य मुद्रा करने में कम से कम एक घंटे का अंतराल अवश्य होना चाहिए।
- Read more about सूर्य मुद्रा करने का समय व अवधि
- Log in to post comments
सूर्य मुद्रा में बरती जाने वाली सावधानियां
सूर्य मुद्रा करने के वैसे तो अनेक लाभ हैं पर इसे करने से पहले कुछ सावधानी रखनी बहुत जरुरी हैं आप इस मुद्रा को एक दिन में केवल 3 बार ही 15-15 मिनिट के लिए कर सकते हैं। इसे भोजन के पहले करें और सूर्य मुद्रा करने के बाद कम से कम एक घंटे तक भोजन ना करें।गर्मी के मौसम में इसे ज्यादा देर तक ना करें और गर्मी के समय सूर्य मुद्रा करने से पहले थोड़ा पानी पी लेना चाहिए। अधिक रक्तचाप वाले और कमजोर, दुर्बल व्यक्ति इसे ना करें। शरीर में अधिक कमजोरी होने पर सूर्य मुद्रा को ना करें।
- Read more about सूर्य मुद्रा में बरती जाने वाली सावधानियां
- Log in to post comments
प्राणायाम एवं ध्यान पर बैठने की मुद्राएँ
प्राणायाम एवं ध्यान पर बैठने की मुद्राएँ
योग में पाँच सर्वश्रेष्ठ बैठने की अवस्थाएँ/स्थितियाँ हैं :
सुखासन - सुखपूर्वक (आलथी-पालथी मार कर बैठना)।
सिद्धासन - निपुण, दक्ष, विशेषज्ञ की भाँति बैठना।
वज्रासन - एडियों पर बैठना।
अर्ध पद्मासन - आधे कमल की भाँति बैठना।
पद्मासन - कमल की भाँति बैठना।
ध्यान लगाने और प्राणायाम के लिये सभी उपयुक्त बैठने की अवस्थाओं के होने पर भी यह निश्चित कर लेना जरूरी है कि :
शरीर का ऊपरी भाग सीधा और तना हुआ है।
सिर, गर्दन और पीठ एक सीध में, पंक्ति में हैं।
- Read more about प्राणायाम एवं ध्यान पर बैठने की मुद्राएँ
- Log in to post comments
प्राण, अपान और अपानवायु मुद्रा
मुद्राओं का जीवन में बहुत महत्व है। मुद्रा दो तरह की होती है पहली जिसे आसन के रूप में किया जाता है और दूसरी हस्त मुद्राएँ होती है। मुद्राओं से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ प्रस्तुत है प्राण, अपान और अपानवायु मुद्रा की विधि और लाभ।
प्राण मुद्रा : छोटी अँगुली (चींटी या कनिष्ठा) और अनामिका (सूर्य अँगुली) दोनों को अँगूठे से स्पर्श करो। इस स्थिति में बाकी छूट गई अँगुलियों को सीधा रखने से अंग्रेजी का 'वी' बनता है।
- Read more about प्राण, अपान और अपानवायु मुद्रा
- Log in to post comments
मधुमेह को कम करने के लिए सूर्य मुद्रा के फायदे
सूर्य मुद्रा मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत ही लाभदायक हैं, यह मुद्रा हमारे शरीर में उपस्थित चीनी के मात्रा को जला के खत्म कर देती हैं, यह वसा के कारण उत्पन्न्य मोटापे से होने वाले रोगों जैसे मधुमेह और कब्ज को ठीक करती हैं। सूर्य मुद्रा लीवर में होने होने वाले सभी रोगों से बचाता हैं और रक्त में यूरिया की मात्रा को भी नियंत्रित करता हैं।
- Read more about मधुमेह को कम करने के लिए सूर्य मुद्रा के फायदे
- Log in to post comments
ਗੈਰ ਮੁਦਰਾ
- Read more about ਗੈਰ ਮੁਦਰਾ
- Log in to post comments
अपानवायु मुद्रा
- Read more about अपानवायु मुद्रा
- Log in to post comments