शून्य मुद्रा करने की सावधानी
शून्य मुद्रा
शून्य मुद्रा -मध्यमा उंगली आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। मध्यमा अँगुली (बीच की अंगुली) को हथेलियों की ओर मोड़ते हुए अँगूठे से उसके प्रथम पोर को दबाते हुए बाकी की अँगुलियों को सीधा रखने से शून्य मुद्रा बनती हैं।
शून्य मुद्रा करने का समय व अवधि : शून्य मुद्रा को प्रतिदिन तीन बार प्रातः,दोपहर,सायं 15-15 मिनट के लिए करना चाहिए | एक बार में भी 45 मिनट तक कर सकते हैं |
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