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बकासन करने के फायदे रीढ़ की हड्डी को टोन करने में

बकासन करने से पीठ और पेट की मांसपेशियां सीधी अवस्था में हो जाती हैं। यह आसान रीढ़ की हड्डी को टोन करने का कार्य करता है जिसके कारण हड्डी से जुड़े रोगों का खतरा कम होता है।

शरीर को लचीला बनाने में बकासन के फायदे

बकासन करने से शरीर की मांसपेशियां लचीली होती है जिससे व्यक्ति का शरीर आकर्षक दिखायी देता है। यह आसन करने से कलाई और भुजाएं भी मजबूत होती हैं जिससे व्यक्ति को हाथों में आसानी से चोट नहीं लगती है।

बकासन के फायदे मानसिक मजबूती के लिए

प्रतिदन निर्धारित समय पर बकासन करने से व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होता है और वह हर तरह की परेशानियों का सामना आसानी से कर सकता है। यह आसन करने से व्यक्ति में ऐसी क्षमता विकसित होती है कि वह भावनात्मक रूप से कमजोर नहीं पड़ता है।

बकासन करने के फायदे

चूंकि इस आसन को करने में पूरे शरीर एक साथ शामिल होता है इसलिए शरीर के सभी अंगों को इसका लाभ पहुंचता है। बकासन करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास तो पैदा होता ही है साथ में वह भावनात्मक रूप से भी मजबूत होता है। इसके अलावा बकासन करने के अन्य फायदे निम्न हैं।

बकासन करने का तरीका

How to do bakasana in Hindi आमतौर पर यह माना जाता है कि बकासन एक कठिन मुद्रा है इसलिए इस आसन का अभ्यास करने से पहले इसे करने के तरीके के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर लें इसके बाद ही आसन का अभ्यास करें। बकासन करने का सही तरीका इस प्रकार है।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।