ओपरेशन से बेबी होने के बाद पेट कम करे नवासना योग

सी सेक्शन डिलीवरी अर्थात ऑपरेशन से बेबी होने के बाद वजन कम करने के लिए नवासना (नौकासन) योग बहुत ही अच्छा माना जाता हैं। यह आसन पेट की चर्बी को कम करने के साथ अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए जाना जाता हैं। नवासना करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को अपने सामने सीधा कर के बैठ जाएं बैठे। रीढ़ की हड्डी को सीधा और दोनों  हाथों को सीधा जमीन पर रखें। अब अपने दोनों पैरों को सीधा रखें हुए ऊपर उठायें। संतुलन बनाने के लिए आप थोड़ा सा पीछे की ओर झुके, हाथों को अपने आगे की ओर सीधा रखें। इसमें आपके पैरो और शरीर के ऊपरी हिस्से के बीच कमर पर 45 डिग्री का कोण बनेगा। नावासन में 10 स

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद वजन कम करे मार्जरासन योग

यह आसन करने वाला गाय और बिल्ली के समान दिखाई देता हैं इसलिए इसे अंग्रेजी में काऊ-कैट पोज़ भी कहते हैं। ओपरेशन के बाद महिलाओं का वजन कम करने के लिए यह एक अच्छा योग आसन है। यह आपकी रीड की हड्डी को लोचदार बनता हैं और रक्त के प्रवाह को बढ़ता हैं। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर अपने सिर को सीधा रखें हुयें घुटने टेक के अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें। अब साँस को अन्दर लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर तथा अपनी ठोड़ी को ऊपर करें। अब साँस छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे करें और अपनी ठोड़ी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। इस आसन को कम से कम 5 से 6 बार करें। यह आसन पेट को कम करने के लिए लाभदायक

ऑपरेशन से डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए अर्धमत्स्येन्द्रासन

जिन महिलाओं का बच्चा ओपरेशन से हुआ है वह अपने वजन को कम करने के लिए अर्धमत्स्येन्द्रासन योग को कर सकती है। यह योग किडनी और लिवर को उत्तेजित करता है और शरीर के प्रतिरक्षा स्तर में भी सुधारता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा कर उस पर दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दायं पैर को बाएं पैर के घुटने के सामने रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें तथा अपने सिर और कमर दाहिनी ओर घुमा लें। कुछ देर इस मुद्रा में रहे और फिर यही पूरी प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।

उष्ट्रासन योग के फायदे सी सेक्शन डिलीवरी के बाद वजन कम करने में

उष्ट्रासन या कैमल पोज किडनी के साथ-साथ सभी अंगों की मालिश करता है। यह शरीर के अंगों को ताजा रक्त भेजता है जिससे उन्हें ऑक्सीकरण और डिटॉक्सिफाई किया जाता है। उष्ट्रासन सी सेक्शन डिलीवरी के बाद पेट कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपनी कमर के यहाँ से पीछे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाएं। अपने सिर को पीछे झुका लें और दोनों हाथों को पैर की एड़ियों पर रखें। उष्ट्रासन की स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।

सिजेरियन प्रसव के बाद अतिरिक्त वजन कम करें अधोमुख श्वान आसन योग

अधोमुख श्वान आसन सिजेरियन प्रसव के बाद अतिरिक्त वजन कम करने लिए एक बेहतरीन मुद्रा है। यह आसन आपको तरोताजा और स्फूर्तिवान महसूस कराता है। अधोमुख श्वान आसन मस्तिष्क पर शांत प्रभाव भी डालता है और तनाव से राहत देने में मदद करता है। यह उत्कृष्ट योग पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ा सा अंतर रखें। अब आगे की ओर झुकते जाएं अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखे। दोनों पैरों को हाथों से दूर करें जिससे आपके हाथ और रीढ़ की हड्डी एक सीधी रेखा में आ जाएं। इसमें आपके पैर और सीने के बीच 90 डिग्री का कोण ब

सिजेरियन डिलीवरी के बाद वजन कम करे चाइल्ड पोज़

चाइल्ड पोज़ या बालासन योग सी सेक्शन डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए एक अच्छा योग आसन है। यह योग पीठ और कूल्हों की मांसपेशियों को खींचने में मदद करता है। यह एक लंबे और थकाने वाले दिन के अंत में सोने से पहले करने वाला एक महान आसन है। इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले आप किसी योगा मैट पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अपने हिप्स को अपनी एड़ियों पर रखें, साँस को अंदर की ओर लें और अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर रखें, इसमें अपनी हथेली को खुली तथा उंगलियों को सीधा रखना हैं। साँस को बाहर की ओर छोड़ते हुयें शरीर के ऊपर के हिस्से को को धीरे-धीरे फर्श पर झुकाते जाएं और अपने माथे (सिर) को

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद पेट कम करे वृक्षासन योग

वृक्षासन योग या ट्री पोज महिलाओं के सिजेरियन डिलीवरी के बाद पेट कम करने में मदद करता हैं। यह महिलाओं के श्रोणि क्षेत्र को टोन करता और आपके शरीर को समग्र रूप से बेहतर करता हैं। वृक्षासन योग को करने के लिए संतुलन की आवश्यकता होती है। यह एक पेड़ के समान दिखने वाली स्थिति होती हैं। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने दाएं पैर को उठा के बाएं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठायें और ऊपर ही जोड़ लें। इस स्थति में आप अपनी क्षमता के अनुसार खड़े रहने का प्रयास करें।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए योग ताड़ासन

ताड़ासन योग को माउंटेन पोज भी कहा जाता है। सी सेक्शन डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए ताड़ासन योग बहुत ही प्रभावी होता है। यह योग महिलाओं के शरीर के नियंत्रण में सुधार करने, शक्ति प्राप्त करने और अपनी मांसपेशियों को टोन करने और रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद करता हैं। ताड़ासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी योगा मैट को बिछा के उस पर खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ी सी दूरी बना के रखें। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर आसमान की ओर करके उंगलियों को आपस में फस लें। फिर आप अपनों दोनों हथेलियों को घुमा के उल्टा कर लें, इसमें आपके हाथ की हथेलियां असमान की ओर रहेगी। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओ

सी सेक्शन डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए योग कोबरा पोज

कोबरा पोज को भुजंगासन भी कहा जाता हैं, यह सी सेक्शन डिलीवरी के बाद महिलाओं को कमर दर्द से राहत दिलाने में बेहद प्रभावी है। कोबरा पोज कूल्हों को मजबूत करने, पेट, हाथ और कंधे को टोन करने, रीढ़ को मजबूत बनाने, श्रोणि क्षेत्र में रक्त और ऑक्सीजन परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है। इस आसन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, जिसमें आपकी पीट ऊपर के ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें की आपके कमर से नीचे का शरीर जमीन से ऊपर ना उठे

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।