बालायाम योग कैसे काम करंता हैं

नाखूनों को रगड़ने से आपके स्कैल्प पर रक्त संचार भी बढ़ता है, जिससे आपके रोम छिद्र मजबूत होते हैं जो बालों का गिरना या झड़ना रोकता है।

बालायाम योग को कब करना चाहिए

ऊपर दिए गए नेल रबिंग एक्सरसाइज को करने के तरीके के बाद यदि आप जानना चाहते है कि बालायाम योग को कब करना चाहिए आइये इसे जानते हैं। सभी योग आसान की तरह ही बालायाम योग को करने का सबसे अच्छा समय, सुबह और शाम का होता है। एक बात हमें याद रखनी चाहिए कि किसी भी योग आसन या एक्यूप्रेशर चिकित्सा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए हमें इसे खाली पेट करना चाहिए। बालायाम एक ऐसा योग है जिसे आप टीवी देखते समय या अपनी पसंद के गाने सुनते हुए भी इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं।

बालायाम योग करने का तरीका

नेल रबिंग एक्सरसाइज यानि बालायाम करना बहुत ही आसान है इसे कोई भी बहुत ही आसानी से कर सकता है। इस योग आसान को करने के लिए किसी भी प्रकार के अनुभव और प्रैक्टिस करने की आवश्यकता नहीं होता हैं। आइये बालायाम योग करने के तरीके को विस्तार से जानते हैं।

बालायाम योग या प्रसन्न मुद्रा

जैसे बालायाम को नाखून रगड़ने वाले व्यायाम के रूप में भी जाना जाता है, उसी तरह योगिक भाषा में बालायाम योग को प्रसन्न मुद्रा (Prasanna Mudra) के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए प्रसन्ना मुद्रा बालायाम योग और नेल रबिंग एक्सरसाइज का वैकल्पिक नाम है। आजकल प्रसन्ना मुद्रा या बालायाम योग को हेयरडू (Hairdo) आसन के रूप में भी जाना जाता है।

बालायाम क्या है

दुनिया के अधिकांश हिस्सों में, बालायाम योग को बालों के विकास के लिए नेल रबिंग एक्सरसाइज या नेल एक्सरसाइज (Nail Exercise) या हेयर फॉल के इलाज के लिए नेल एक्सरसाइज के रूप में जाना जाता है। लेकिन भारतीय प्राचीन प्रथा में नाख़ून को रगड़ना बालायाम योग के नाम से जाना जाता हैं। बालायाम योग दो शब्दों “बाल” और “व्यायाम” से मिलकर बना है। इस प्रकार से हम कह सकते है कि यह बालों को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम है। नाखून रगड़ना (Nail Rubbing) व्यायाम बालों के विकास के लिए एक वैकल्पिक रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी (reflexology therapy) है जिसमें एक समान मात्रा में बल के साथ दोनों हाथों के नाखूनों को रगड़ना शामिल है।

बालायाम योग करने की विधि और फायदे

बालायाम योग दोनों हाथों के नाखूनों को आपस में रगड़ने की क्रिया है। यदि आप अपने बाल झड़ने की समस्या से परेशान है और स्वस्थ, चमकदार बाल चाहते है तो आपको बालायाम योग जरूर करना चाहिए। अपने कई बार लोगों को नाखूनों को घिसते देखा होगा जब उनसे पूछा जाता है कि ऐसा करने से क्या होता है, तो वह बोलते है कि ऐसा करने से बाल काले हो जाते हैं। नाखूनों को रगड़ने (Nail Rubbing) की प्रक्रिया को बालायाम योग के रूप में जाना जाता है। यदि आपको इस बात पर भरोसा नहीं कि ऐसा कैसे हो सकता है, तो आज के इस आर्टिकल में आपको सभी सवालों के जवाब मिल जायेंगें। आइये बालायाम योग करने की विधि और फायदे को विस्तार से जानते हैं।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।