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मकरासन

मकरासन

सबसे पहले चादर बिछाकर जमीन पर पेट के बल लेट जाइए। उसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मिलाते हुए गाल के नीचे रख लीजिए। दोनों पैरों को मिलाकर सांस को अंदर कीजिए, उसके बाद सांस को बाहर करते हुए दोनों कोहनियों को अंदर की तरफ खींचिए। इस क्रिया को कम से कम 5 बार दोहराइए। उसके बाद पेट पर दोनों हथेली दोनों गाल के नीचे और कोहनियां मिला कर रखिए। सांस को आराम से लेते हुए पैरों को बारी-बारी घुटने से मोडिए। कोशिश कीजिए कि आपके पैरों की एडी नितंबों को छुए। इस क्रिया को 20 बार दोहराइए।

पहले की स्थिति में रहते हुए अब दोनों पैरों को एक साथ मोडिए। इस क्रिया को कम से कम 20 बार दोहराइए। पैरों को मुडा रखकर गर्दन को घुमाकर दोनों पैरों की एडियों को देखने का प्रयास कीजिए।
इसके बाद पेट पर हाथों की कलाई को रखने के बाद चिन (ठुड्डी) को कलाई पर रखिए। इसमें भी दोनों पैर आपस में मिले हुए हों। अब सांस को अंदर करते हुए पेट को फुलाने का प्रयास कीजिए, पेट को फुलाकर कुछ सेकेंड तक रुकने की कोशिश कीजिए। पूरे शरीर को ढीला छोडकर इस क्रिया को पांच बार दोहराएं।

मकरासन करने से लाभ

  • मकरासन आरामदायक आसन के अंतर्गत आता है।
  • जब भी पेट के बल लेटकर यह आसन किया जाता है तब सांस लेने की गति बढ जाती है, सांस की गति को सामान्य करने के लिए मकरासन किया जाता है।
  • मकरासन के प्रत्येक दिन अभ्यास करने से समस्त कोशिकाओं, मांसपेशियों को आराम मिलता है।
  • मकरासन से शरीर में खून का संचार सुचारु रूप से होने लगता है जिससे वे हमेशा स्वस्‍थ और निरोगी रहते है।
  • मकरासन की क्रिया में फेफड़े फैलते है जिससे इनके अंदर ऑक्सीजन अधिक मात्रा में अंदर जाती है तथा कार्बनडाइआक्साफइड बाहर निकलती है।
  • मकरासन से दमा रोग व सांस से संबंधित रोगों को समाप्त करने में भी सहायता मिलती है।
  • मकरासन को करने से शवासन के भी लाभ प्राप्त होते है। मकरासन कमर दर्द, पीठ दर्द, सर्वाइकल में आराम देता है।
     

मकरासन करते वक्त सावधानी 

  • मकरासन करते वक्त दोनों पैरों में इतना अंतर होना चाहिए कि वे जमीन को ना छुएं।
  • सीना जमीन से ऊपर की तरफ उठा हुआ होना चाहिए।
  • दोनों हाथों की कैंची जैसी आकृति बनाने के बाद ही सिर को बीच में रखते हैं।
  • सांस लेने की प्रक्रिया सामान्य अवस्था में होनी चाहिए।

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