Skip to main content

Common Yoga Protocol

Common Yoga Protocol - Day 1

सामान्य योग अभ्यासक्रम ( प्रोटोकाल ) का उद्देश्य लोगो और जन समुदाय के बीच योग के विषय में सामन्य जागरूकता का प्रसार करना है। ताकि लोग योग के माध्यम से सामंजस्य एवं शांति प्राप्त कर सके। योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म , आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग केवल व्ययाम ही नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकति के साथ एकत्व खोजने का भाव है। योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन करता है तथ

Common Yoga Protocol - Day 2

सामान्य योग अभ्यासक्रम ( प्रोटोकाल ) का उद्देश्य लोगो और जन समुदाय के बीच योग के विषय में सामन्य जागरूकता का प्रसार करना है। ताकि लोग योग के माध्यम से सामंजस्य एवं शांति प्राप्त कर सके। योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म , आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग केवल व्ययाम ही नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकति के साथ एकत्व खोजने का भाव है। योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन करता है तथ

Common Yoga Protocol - Day 3

सामान्य योग अभ्यासक्रम ( प्रोटोकाल ) का उद्देश्य लोगो और जन समुदाय के बीच योग के विषय में सामन्य जागरूकता का प्रसार करना है। ताकि लोग योग के माध्यम से सामंजस्य एवं शांति प्राप्त कर सके। योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म , आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग केवल व्ययाम ही नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकति के साथ एकत्व खोजने का भाव है। योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन करता है तथ

Common Yoga Protocol - Day 4

सामान्य योग अभ्यासक्रम ( प्रोटोकाल ) का उद्देश्य लोगो और जन समुदाय के बीच योग के विषय में सामन्य जागरूकता का प्रसार करना है। ताकि लोग योग के माध्यम से सामंजस्य एवं शांति प्राप्त कर सके। योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म , आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग केवल व्ययाम ही नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकति के साथ एकत्व खोजने का भाव है। योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन करता है तथ

Common Yoga Protocol - Day 5

सामान्य योग अभ्यासक्रम ( प्रोटोकाल ) का उद्देश्य लोगो और जन समुदाय के बीच योग के विषय में सामन्य जागरूकता का प्रसार करना है। ताकि लोग योग के माध्यम से सामंजस्य एवं शांति प्राप्त कर सके। योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म , आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग केवल व्ययाम ही नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकति के साथ एकत्व खोजने का भाव है। योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन करता है तथ

Common Yoga Protocol - Day 6

सामान्य योग अभ्यासक्रम ( प्रोटोकाल ) का उद्देश्य लोगो और जन समुदाय के बीच योग के विषय में सामन्य जागरूकता का प्रसार करना है। ताकि लोग योग के माध्यम से सामंजस्य एवं शांति प्राप्त कर सके। योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म , आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग केवल व्ययाम ही नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकति के साथ एकत्व खोजने का भाव है। योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन करता है तथ