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योग

योगा से हेयर केयर

बालों समस्या अब आम हो चली है। इसका कारण शहर का प्रदूषण, धूल, धुवां और दूषित भोजन-पानी। इस सबके कारण सिर से लेकर पांव तक त्वचा रुखी हो जाती है। रुखी त्वचा से जहां, डैंड्रफ और बालों से संबंधित अन्य रोग होते हैं वहीं यह चर्म रोग का कारण भी बन सकता है।

हालांकि बाल झड़ने का एक और कारण है- तनाव और अन्य मानसिक परेशानियां। आओ हम जानते हैं कि योग इस सबसे छुटकारा दिलाने में हमारी क्या मदद कर सकता है।

दर्शन में योग का महत्व

भारतीय धर्म और दर्शन में योग का अत्यधिक महत्व है। आध्या‍त्मिक उन्नत‍ि या शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग की आवश्यकता व महत्व को प्राय: सभी दर्शनों एवं भारतीय धार्मिक सम्प्रदायों ने एकमत व मुक्तकंठ से स्वीकार किया है।

योग –एक वैज्ञानिक विवेचना

भारतीय दर्शन में मानव जीवन का लक्ष्य , धर्म, अर्थ, काम ,मोक्ष-ये चार पुरुषार्थ हैं, जिनमें अन्तिम लक्ष्य मोक्ष को परम पुरुषार्थ माना गया है। वेदिक व उपनिषदीय ज्ञान के अनुसार अन्तिम लक्ष्य अमृत प्राप्ति या मोक्ष है, यही वास्तविक मोक्ष है । योग शास्त्र के अनुसार ’ आत्मा का परमात्मा से मिलन’ ही योग है । जबकि गीता के अनुसार-’ योगः कर्मसु कौसलम”, प्रत्येक कर्म को कुशलता से, श्रेष्ठतम रूप से करना ही योग है। यही तो विज्ञान की मूल मान्यता है, वर्क इज़ वर्शिप’ ।

स्लिप डिस्क के लिए योग भुजंगासन

भुजंगासन योग आपकी पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ को एक अच्छा खिंचाव देता है और स्लिप डिस्क के कारण होने वाले दर्द से राहत देता है। भुजंगासन योग को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीट ऊपर के ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।

स्लिप डिस्क के लिए योगासन

क्या आपको भी कभी कभी कमर में अचानक से बहुत तेज दर्द होता है? यदि हां तो यह समस्या स्लिप डिस्क की वजह से हो सकती है। स्लिप डिस्क को हर्नियेट डिस्क (herniate Disc) के नाम से भी जाना जाता है। स्लिप डिस्क की समस्या आज बढ़ाती जा रही है, यह अधिकांश 22 से 40 वर्ष की उम्र के लोगों को अधिक परेशान करती है। आप इसका इलाज योग की मदद से कर सकते है, आज हम आपको स्लिप डिस्क के लिए योगासन के बारे में बताएंगे।

योग का अर्थ,परिभाषा महत्व एवं उद्देश्य

प्रस्तावना ज्ञान का मूल वेदों में निहित है। दार्शनिक चिन्तन तथा वैदिक ज्ञान का निचोड आत्म तत्व की प्राप्ति है। आत्मतत्व की प्राप्ति का साधन योग विद्या के रूप में इनमें (वेद) उपलब्ध है। योगसाधना का लक्ष्य कैवल्य प्राप्ति है। वैदिक ग्रन्थ, उपनिषद्, पुराण और दर्शन आदि में यत्र-तत्र योग का वर्णन मिलता है । जिससे यह पुष्टि होती है कि योग वैदिक काल से सृष्टि में उपलब्ध है। योग के अर्थ एवं परिभाषाओं का वर्णन प्रस्तुत इकाई में किया जा रहा है।

मन को शांत रखने का उपाय है योग

योग के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति आसानी से अपने मन को शांत रख सकता है। योग करने के दौरान हमारे मस्तिष्क से कई प्रकार के हार्मोन रिलीज होते है, जो मन की बेचैनी और व्याकुलता को दूर करके आपके मन को शांति और दिमाग को आराम देते हैं। मन को शांत करने के लिए आप निम्न योग आसान कर सकते हैं:

ब्रिज पोज
जानुशीर्षासन
उत्तानासन योग
भुजंगासन
बालासन
अनुलोम विलोम प्राणायाम
शवासन
सुप्त बद्ध कोणासन।

ਆਧੁਨਿਕ ਜੀਵਨਸ਼ੈਲੀ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ

ਕਿਫਾਇਤੀ ਅਤੇ ਅਤਿ ਆਧੁਨਿਕ ਜੀਵਨ ਸ਼ੈਲੀ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਣ ਕਾਰਨ, ਅੱਜ ਦਾ ਮਨੁੱਖ, ਦਬਾਅ ਅਤੇ ਤਣਾਅ ਦੀ ਇੱਛਾ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਵੀ, ਹਫੜਾ-ਦਫੜੀ, ਬਿਮਾਰੀ, ਮਨਮੋਹਣੀ, ਨਿਰਾਸ਼ਾ, ਅਸਫਲਤਾ, ਕੰਮ, ਕ੍ਰੋਧ, ਲੋਭ, ਮੋਹ, ਹਉਮੈ, ਈਰਖਾ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਮੁਸ਼ਕਲ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਦਗੀ. ਪਾਣੀ, ਹਵਾ, ਧੁਨੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਉਹ ਨਕਾਰਾਤਮਕ ਬੁਰਾਈਆਂ ਦਾ ਵੀ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਨਤੀਜੇ ਵਜੋਂ, ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਸਰੀਰਕ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਮਾਨਸਿਕ ਅਸੰਤੁਲਨ, ਚਿੰਤਾਵਾਂ, ਉਦਾਸੀ, ਸੂਚੀ-ਰਹਿਤ ਅਤੇ ਗਲਤ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਘੇਰ ਲਿਆ. ਉਸਦੇ ਮਨ ਦੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਭੰਗ ਹੈ, ਪਰ ਸਾਡੀ ਭਾਰਤੀ ਮਿਥਿਹਾਸਕ ਯੋਗਾ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਥਿਤੀਆਂ ਦਾ ਦ੍ਰਿੜਤਾ ਨਾਲ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ.

आधुनिक जीवन शैली में योग का महत्‍व

अर्थप्रधान एवं अतिव्‍यस्‍त आधुनिक जीवन शैली अपनाने के कारण आज का मानव न चाहते हुए भी दबाव एवं तनाव, अविश्राम, अराजकता, रोग ग्रस्‍त, अनिद्रा, निराशा, विफलता, काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्‍या तथा अनेकानेक कष्‍टपूर्ण परिस्थितियों में जीवन निर्वाह करने के लिए बाध्‍य हो गया है। जल, वायु, ध्‍वनि तथा अन्‍न प्रदूषण के साथ-साथ ऋणात्‍मक दुर्भावनाओं का भी वह शिकार बन चुका है। परिणामस्‍वरूप अनेकानेक शारीरिक रोगों के साथ-साथ मानसिक असंतुलन, चिंताएं, उदासी, सूनापन एवं दुर्भावनात्‍मक विचार उसे चारों ओर से घेर लेते हैं। उसके मन की शान्ति भंग हो जाती है लेकिन इन परिस्थितियों का दृढ़ता के साथ सामना करन

खून में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए योग

अपने शरीर में सही ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखने में निम्न योग आपकी मदद कर सकते हैं। आइये इन्हें करने के तरीके को विस्तार से जानते हैं।