Skip to main content

योग

सर्वाइकल के लिए योग : मत्स्यासन

मत्स्यासन यानी मछली की तरह किया जाने वाला आसन। यह योगासन हमारी रीढ़ की हड्डी को मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है। इसके साथ ही, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या से राहत मिलती है। इस आसन को करने से हमारे कंधे और गर्दन की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है।

कसरत, योग और फ़िटनेस की आवश्यकता

अन्य देशों जैसा हमारे यहाँ शारीरिक तन्दुरूस्ती पर खास ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे देशों में जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को अपना जीवन यापन करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। पर हम आगे देखेंगे यह ज़रूरी नहीं है कि कड़ी मेहनत से शारीरिक तंदरुस्ती सुनिश्चित हो जाए। शारीरिक कसरत से ताकत भी बढ़ती है और तनाव और थकान को झेलने की क्षमता भी। इससे कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव होता है, स्वास्थ्य में सुधार होता है और कई एक बीमारियॉं ठीक भी हो जाती हैं। इस अध्याय में शारीरिक तन्दुरूस्ती क्या है इसके बारे में हम जानेंगे और कुछ एक कसरतों के मुख्य अवयवों के बारे में भी।

बुजुर्गों के लिए आसान योगासन : कटिचक्रासन

यह आसन शरीर को सीधा रखने में मदद करता है, क्योंकि इससे स्पाइन सीधी रहती है। इसके अलावा, यह हाथों और पैरों की मसल्स को मजबूती प्रदान करता है। बुजुर्गों के लिए योगासन में यह आसन काफी आसान है और फायदेमंद भी है। इसे करने के लिए पैरों को थोड़ा सा खोलकर आराम से खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने हाथों को कंधे की सीध में रखते हुए सामने की तरफ फैला लें। अब लंबी और गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए जितना हो सके अपनी कमर को दायीं तरफ ले जाएं और सिर को दाएं कंधे की तरफ झुकाएं। अब सांस लेते हुए पिछली वाली पोजीशन में आ जाएं और फिर इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं।

योग से शरीर के आठ ग्लैंड करते हैं सुचारू रूप से काम

नियमित योग करने से न केवल आप बीमारियों से दूर रहते हैं बल्कि शरीर के तमाम ग्लैंड भी सुचारू रूप से काम करते हैं। शरीर में ग्लैंड अहम भूमिका निभाते हैं, वो कुछ ऐसा बनाते हैं या कुछ रिलीज करते हैं जिस कारण शरीर सुचारू रूप से काम करता है। शरीर में कई प्रकार के ग्लैंड होते हैं जो मुख्य रूप से दो प्रकार एंडोसिरिन व एक्सोसिरिन के अंतर्गत आते हैं। एंडोसिरिन ग्लैंड हार्मोन बनाने के साथ रिलीज करते हैं जो हमारी रक्त कोशिकाओं से होते हुए शरीर में जाते हैं। यही हमारे विकास के साथ मेटॉबॉलिज्म, मूड, यहां तक कि रिप्रोडक्शन में मदद करते हैं।

सर्वाइकल के लिए योग : सूर्य नमस्कार

कोई भी व्यक्ति जिसे गर्दन में दर्द, कंधे में दर्द और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस हो उसके लिए यह आसन बेहद उपयोगी है। हालांकि, इसे करते समय बेहद सावधान रहना चाहिए। अगर आपको यह आसन नहीं आता, तो किसी विशेषज्ञ के निर्देशों का पालन करते हुए ही इस आसन को करें। इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। सूर्य नमस्कार करने के लिए बारह चरणों का पालन करना होता है।

योग से जुड़ी सात भ्रांतियां

सद्‌गुरु: इस पूरी धरती पर ज्यादातर लोग योग को ‘आसन’ समझ बैठते हैं। योग विज्ञान ने जीवन से जुड़े तकरीबन हर पहलू के बारे में तमाम तरह की बातें उजागर की हैं, लेकिन आज दुनिया योग के सिर्फ शारीरिक पहलू को ही जानती है। जबकि योगिक पद्धति में आसनों को बहुत कम महत्व दिया गया है। दो सौ से भी अधिक योग सूत्रों में से मात्र एक सूत्र आसनों के लिए है। लेकिन किसी तरीके से यही एक सूत्र आजकलं खासी अहमियत पा रहा है।

योग क्या है ? योग के 10 फायदे

योग शब्द संस्कृत की ‘युज’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना यानि शरीर,मन और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना |योग के महान ग्रन्थ पतंजलि योग दर्शन में योग के बारे में कहा गया है|

“ योगश्च चित्तवृत्ति निरोध : “ l

यानि मन की वृत्तियों पर नियंत्रण करना ही योग है l

गीता में कहा गया है – योग: कर्मसु कौशलम l

यानि कर्मों में कौशल या दक्षता ही योग है।

योग के 10 फायदे  / Benefits of Yoga in Hindi

खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए योग

योगासन के आसनों में खास बात होती है कि हर आसन अपने आप में पूर्ण होता है। योग के इन आसनों के जरिए सेहतमंद तो आप खुद को बना ही सकते है बल्कि योग के जरिए आप अपने सौंदर्य और खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए रख सकते है। योग के ये आसन आपकी त्वचा को ढीली नहीं पड़ने देंगे। योगासन के ये आसान आसन और पोज आपके यौवन के साथ आपकी खूबसूरती को भी बनाए रखेंगे। योग के ये आसन आपको सौंदर्य से लबालब कर देंगे। हमारे चेहरे में ही सौंदर्य और खूबसूरती का राज छिपा है जिसे अपनाकर मनचाहा सौंदर्य और यौवन पाया जा सकता है। हम अपने चेहरों को एक निश्चित आकार देकर और आसान आसनों के जरिए सुंदरता और यौवन को लंबे समय तक बनाए रख सकते

क्या योग इस्लाम विरोधी है?

इस्लाम मतलब आप किस इस्लाम कि बात कर रहे है? ज़्यादातर मुस्लमान जिस हन्नाफी इस्लाम का अमल करते है उसके हिसाब से योग इस्लाम विरोधी नही है।

यदि आप वहाब्बी इस्लाम कि बात करतें हैं तो ज़िंदगी में जो चिज़े सब लोग करते है उस में से 80–90% चिज़े जैसे गाना गाना, फिल्में देखना, बिना हिजाब घर से बाहर निकलना, टी वी देखना वैगैरा सब इस्लाम विरोधी है। फिर योग तो दुर कि बात है।


योग शब्द यूजिर योगे से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना

योग’ और ‘मेडिटेशन’ के बीच क्या अंतर है?

योग एक सम्पूर्ण प्रक्रिया व प्रणाली है जबकि मेडिटेशन या ध्यान महज एक भाग है अष्टांगिक योग प्रणाली का।

योग का अर्थ है - “मिलन”। जीव की समष्टिगत चेतना का व्यष्टिगत चेतना से एकाकार होना ही योग है।

पातंजल योगसूत्र के अनुसार - “योगश्चित्तवृत्ति निरोधः” —

अर्थात, चित्त की समस्त वृत्तियों यथा - प्रमाण-विपर्यय-विकल्प-निद्रा और स्मृति रूप समस्त वृत्तियों का पूरी तरह से निरुद्ध हो जाना ही योग है।

योग समाधि को भी कहते हैं क्योंकि यह ‘योग’ शब्द “युज् समाधौ” से निष्पन्न होता है, ना कि “युजिर् योगे” संयोग अर्थ वाली युजिर धातु से।