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खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए योग

खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए योग

योगासन के आसनों में खास बात होती है कि हर आसन अपने आप में पूर्ण होता है। योग के इन आसनों के जरिए सेहतमंद तो आप खुद को बना ही सकते है बल्कि योग के जरिए आप अपने सौंदर्य और खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए रख सकते है। योग के ये आसन आपकी त्वचा को ढीली नहीं पड़ने देंगे। योगासन के ये आसान आसन और पोज आपके यौवन के साथ आपकी खूबसूरती को भी बनाए रखेंगे। योग के ये आसन आपको सौंदर्य से लबालब कर देंगे। हमारे चेहरे में ही सौंदर्य और खूबसूरती का राज छिपा है जिसे अपनाकर मनचाहा सौंदर्य और यौवन पाया जा सकता है। हम अपने चेहरों को एक निश्चित आकार देकर और आसान आसनों के जरिए सुंदरता और यौवन को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।
 शेर की तरह चेहरा (सिंहासन) : धीरे-धीरे सांस लें और उसे थोड़ी देर तक रोककर रखें। फिर आप अपने जीभ को बाहर निकाले। अपनी आखों को पूरी तरह से जितना हो सकें खोलें। इस अवस्था में बैठे रहे और जितना हो सकें अपनी जीभ को मुंह से बाहर निकालें। यह आपके शरीर में रक्त संचार बढ़ाता है। साथ ही इससे मांसपेशियों का तनाव भी खत्म होता है।  

मछली की तरह चेहरा (मत्सय आसन): इस आसन में शरीर का आकार मछली जैसा बनता है, इसलिए यह मत्स्यासन कहलाता है। इस आसन को करने के लिए आप लंबी सांस लें। इसे थोड़ी देर तक रोक कर रखे। पहले पद्मासन लगाकर बैठ जाएं। फिर पद्मासन की स्थिति में ही सावधानीपूर्वक पीछे की ओर चित होकर लेट जाएं। ध्यान रहे कि लेटते समय दोनों घुटने जमीन से ही सटे रहें। फिर दोनों हाथों की सहायता से शिखास्थान को भूमि पर टिकाएं। उसके बाद बाएं पैर के अंगूठे और दोनों कोहनियों को भूमि से लगाए रखें। एक मिनट से प्रारम्भ करके पांच मिनट तक अभ्यास बढ़ाएं। फिर हाथ खोलकर हाथों की सहायता से सिर को सीधा कर कमर, पीठ को भूमि से लगाएं। फिर  हाथों की सहायता से उठकर बैठ जाएँ। आसन करते वक्त श्वास-प्रश्वास की गति सामान्य बनाए रखें।

इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है। गला साफ रहता है तथा छाती और पेट के रोग दूर होते हैं। रक्ताभिसरण की गति बढ़ती है, जिससे चर्म रोग नहीं होता। दमे के रोगियों को इससे लाभ मिलता है। पेट की चर्बी घटती है। खाँसी दूर होती है।

आंखों से कसरत  (नेत्रासन): गहरी सांस लें और अपनी गर्दन को सीधा रखें। अपनी आखों को बायी तरफ घुमाएं। इस अवस्था में कुछ देर तक रहने की कोशिश करें। कुछ सेकेंड के बाद अपनी आंखों को दायी तरफ घुमाएं। इस प्रक्रियो को दोहराते रहे। आंखों की पुतलियों उस अमुक दिशा में पूरी तरह घूमनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें।

गाल से योग: मुंह में जितना हो सकें हवा भर लें । फिर उसे कुछ देर तक रोकें। आपका गाल पूरी तरह फूल जाएगा क्योंकि उसमें हवा भरा हुआ है। इस अवस्था में 30 से 60 सेकेंड तक रहें। फिर मुंह में जमा सांसों को नाक के जरिए छोड़ दें। इस प्रक्रियां को तीन से छह बार दोहराएं।

हथेलियों से योग: अपनी हथेलियों को रगड़कर उन्हें गर्मी प्रदान करें। फिर आंखों को बंद करें और उन्हें अपनी हथिलियों से ढक लें। फिर अपनी नाक के दोनों नथुनों से सांस लें। जितनी देर तक रोक सकते हो रोकें। इससे आपकी आखों को आराम मिलेगा। आप खुद को रिलैक्स महसूस करेंगे। आपकी मांसपेशियों का तनाव दूर होगा। इस बात का ध्यान रखें कि गर्म हथेलियों से चेहरे को पूरी तरह ढकें।  
 
गर्दन से वर्जिश: आप बिल्कुल सीधी अवस्था में बैठ जाएं। आपकी रीढ़ की हड्डियों बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। अपनी हाथों को सीधा कर लें। फिर धीरे से हाथों को मोड़े। फिर उसके बाद उसे सीधा करें। इससे आपको गर्दन के दर्द से छुटकारा मिलेगा। आपको गर्दन की मांसपेशियों में आराम मिलेगा। गर्दन को बिल्कुल सीधी रखें।  

होठों से योग: गहरी सांस लें। अपनी आंखों को बंद कर लें। अपने होठों को जितना संभव हो सकें सख्त करके बंद कर ले। फिर अपने चेहरे को सख्त कर लें। आप इस प्रकार करने की कोशिश करें जैसे आप खुद को रोने से रोकने की कोशिश कर रहे है। फिर अपने चेहरे को ढीला कर ले। जितनी देर रह सकें रहे रहे। सांसों को रोकें रखें। जब जरूरत हो तब सांस लें। इससे आपके पूरे चेहरे का व्यायाम होगा और आराम मिलेगा।

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