प्रेगनेंसी के समय में योगा

भले ही प्रेगनेंसी का समय बहुत ही तनावपूर्ण माना जाता हो, लेकिन उस अवस्था में आपको अपनी मन की शांति को बनाए रखना चाहिये। अगर तन और मन शांत रहेगा, तो यह स्ट्रेसफुल प्रोसेस भी बिल्कुल आसान हो जाएगा। इसके लिये जरुरी है कि प्रेगनेंसी के दौरान में योग आसन किया जाए, जिसको करने के पहले डॉक्टर की सलाह ले लें। योगा, चौथे महीने से ले कर प्रेगनेंसी के नवे महीने तक करने की सलाह दी जाती है। आइये जानते हैं कि प्रेनेंसी के दौरान कौन सा योगा करना फायदेमंद रहेगा।
1. यसतिकाआसन - मासपेशियों की स्ट्रेचिंग सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और दोनों पैरो को सीधा फैला लें। अपने दोनों हाथों को एक साथ सिर के ऊपर की ओर सीधे फैलाएं। उसके बाद अपनी बॉडी को स्ट्रैच करें और सांस को अंदर लें। इस क्रिया को तकरीबन 6 मिनट तक के लिये होल्ड करें और धीरे से नार्मल हो जाएं।
2. सूप्ता वध्रआसन - लचीलापन लाने के लिये पीठ के बल पर लेट जाएं, पैरों को फैला लें। उसके बाद अपने दोनों घुटनों को मोंड़ कर मिला लें। फिर अपने कमर के ऊपर वाले भाग को घुटनों से मिलाएं और नमस्ते जैसा पोज बनाएं। इस पोज को 6 सेकेंड के लिये ऐसे ही रहने दें। इस पोज को करने से पेट का निचला हिस्सा लचीला बनता है, जिससे बच्चे को जन्म देना बहुत आसान हो जाता है। इसके आलावा यह रीढ की हड्डी को भी मजबूती देता है, जिससे पीठ दर्द नहीं होती।
3. उष्ट्रासन - रीढ़ की हड्डी मजबूत करने के लिये इस आसन को करने के लिए जमीन पर दरी बिछाकर घुटनों के बल खड़े हो जाएं इसके बाद दोनों घुटनो को मिलाकर तथा एड़ी व पंजों को मिलाकर रखें। अब सांस अंदर खींचते हुए धीरे-धीरे शरीर को पीछे की ओर झुकाकर दोनो हाथों से दोनो एड़ियों को पकड़ने की कोशिश करें। इस स्थिति में ठोड़ी ऊपर की ओर करके रखें व गर्दन को सीधा रखें और दोनो हाथों को भी बिल्कुल सीधा रखें। सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस स्थिति में 30 सैकेंड से 1 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस आसन को करने से शरीर में खून का प्रवाह आपके सिर में होता है और एनर्जी का लेवल बढता है। साथ ही इससे आपकी रीढ़ की हड्डी में मजबूती आएगी।
4. सांस का व्यायाम- इसमें केवल अपनी सांसो को अंदर लें और बाहर छोड़े।
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