योग
दुनिया को क्यों है योग की ज़रूरत
आधुनिक युग ने मनुष्य को इतना प्रायौगिक बना दिया है कि वह हर चीज़ को वैज्ञानिक दृष्टि से परखने की कोशिश करता है। अगर उसका मस्तिष्क उस बात को मान लेता है तो वह उसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करता है। अगर ऐसा नहीं हो पाता तो वह अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल करके वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए उसका हल निकालने का प्रयत्न करता है। विज्ञान के कामयाब सफर ने आज मनुष्य की जिंदगी को आसान और खुबसूरत बना दिया है। यही वजह है कि आज जीवन के हर रंग और रूप में हर स्तर पर आपको विज्ञान की झलक देखने को मिल जाएगी। आज हम कह सकते हैं कि आज का युग वैज्ञानिक युग है। आज विज्ञान ने हर क्षेत्र में तेज़ी से विकास किया है।<
- Read more about दुनिया को क्यों है योग की ज़रूरत
- Log in to post comments
योग करें और किडनी को मजबूत बनाए
किडनी शरीर के मुख्य अंगों में से एक है। शरीर में किडनी का काम है रक्त में से पानी और बेकार पदार्थों को अलग करना। इसके अलावा शरीर में रसायन पदार्थों का संतुलन, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायता करता है। इसका एक और कार्य है विटामिन-डी का निर्माण करना, जो शरीर की हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है
- Read more about योग करें और किडनी को मजबूत बनाए
- Log in to post comments
कर्मयोग से तात्पर्य
“अनासक्त भाव से कर्म करना”। कर्म के सही स्वरूप का ज्ञान।
कर्मयोग दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘कर्म’ तथा ‘योग’ ।
कर्मयोग के सन्दर्भ ग्रन्थ – गीता, योगवाशिष्ठ एवं अन्य।
1. कर्मों का मनोदैहिक वर्गीकरण –
- Read more about कर्मयोग से तात्पर्य
- Log in to post comments
योग करते समय रहें सावधान... और बनें स्वास्थ्य
कहते हैं जहां भोग है वहां रोग है. जहां योग है वहां निरोग, लेकिन गलत योग रोगी बना सकता है. यानी योग करते समय सावधान रहें.
एक्सरसाइज करना अच्छी बात है. यह शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखती है. लेकिन अधकचरा ज्ञान कभी-कभी आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकता है.
इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले कुछ बातें जरूर ध्यान कर लें. फिट रहने के कुछ खास मंत्र होते हैं जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में यदि शामिल कर लें तो आप फिटनेस की ओर निरंतर बढ़ते चले जायेंगे.
प्रशिक्षक से सलाह ले
- Read more about योग करते समय रहें सावधान... और बनें स्वास्थ्य
- Log in to post comments
योग और जिम में से क्या बेहतर है?
जिम और योगा दोनों शरीर को स्वस्थ बनाता है । पर दोनों में कुछ अंतर है।
- Read more about योग और जिम में से क्या बेहतर है?
- Log in to post comments
योग क्या है
पतंजलि योग-दर्शन में योग | योग-दर्शन में मोक्ष को अपनाने के लिये तत्वज्ञान पर अधिक बल दिया गया है। योग-दर्शन के अनुसार तत्वज्ञान की प्राप्ति तब तक नहीं हो सकती जब तक मनुष्य चित्त विकारों से परिपूर्ण है। अतः योग-दर्शन में चित्त की स्थिरता को प्राप्त करने के लिये तथा चित्तवृत्ति का निरोध करने के लिए योग-मार्ग की व्याख्या हुई है। योग-दर्शन में योग का अर्थ चित्तवृत्तियों का निरोध है। योग-दर्शन में राजयोग का विवेचन मिलता है। योग-मार्ग की आठ सीढ़ियाँ हैं। इसीलिये इसे अष्टांगयोग भी कहा जाता है।
यह अष्टांग-मार्ग इस प्रकार है
- Read more about योग क्या है
- Log in to post comments
प्रेगनेंसी के समय में योगा
भले ही प्रेगनेंसी का समय बहुत ही तनावपूर्ण माना जाता हो, लेकिन उस अवस्था में आपको अपनी मन की शांति को बनाए रखना चाहिये। अगर तन और मन शांत रहेगा, तो यह स्ट्रेसफुल प्रोसेस भी बिल्कुल आसान हो जाएगा। इसके लिये जरुरी है कि प्रेगनेंसी के दौरान में योग आसन किया जाए, जिसको करने के पहले डॉक्टर की सलाह ले लें। योगा, चौथे महीने से ले कर प्रेगनेंसी के नवे महीने तक करने की सलाह दी जाती है। आइये जानते हैं कि प्रेनेंसी के दौरान कौन सा योगा करना फायदेमंद रहेगा।
- Read more about प्रेगनेंसी के समय में योगा
- Log in to post comments
दिमाग के लिए कुछ योगासन
दिनभर की थकान और तनाव के बाद कई बार हम छोटी छोटी चीजें भूल जाते हैं। लेकिन दिन में सिर्फ 10 मिनट योगा करने से इस परेशानी को भी दूर कर सकते हैं और अपनी याद्दाश्त मजबूत कर सकते हैं।
सर्वांगसन
कंधों के बल अपने शरीर को ऊपर की तरफ उठाने की यह मुद्रा दिमाग तक खून के बहाव को बढ़ाती है। यह योग आपको भावात्मक रूप से भी मजबूत बनाता है।
भुजंगासन
- Read more about दिमाग के लिए कुछ योगासन
- Log in to post comments
स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, नपुंसकता की योग चिकित्सा
मनुष्य ने स्वयं की गलतियों से शरीर को रोगी और अपूर्ण बना दिया | योग अपने आप में पूर्ण वैज्ञानिक विद्या है | हमारे ऋषियों ने योग का प्रयोग भोग के वजाय आध्यात्मिक प्रगति करने के लिए जोर दिया है जो नैतिक दृष्टि से सही भी है | परन्तु ईश्वर की सृष्टि को बनाये रखने के लिए संसारिकता भी आवश्यक है, वीर्यवान व्यक्ति ही अपना सर्वांगीण विकास कर सकता है,संतानोत्पत्ति के लिए वीर्यवान होना आवश्यक है पौरूषवान (वीर्यवान) व्यक्ति ही सम्पूर्ण पुरुष कहलाने का अधिकारी होता है | वीर्य का अभाव नपुंसकता है इसलिए मौज-मस्ती के लिए वीर्य का क्षरण निश्चित रूप से दुखदायी होता है | ऐसे व्यक्ति स्वप्नदोष,शीघ्रपतन और नपुं
- Read more about स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, नपुंसकता की योग चिकित्सा
- Log in to post comments
योग का जीवन में महत्व
यह प्रमाणित तथ्य हैं की योग मुद्रा, ध्यान और योग में श्वसन की विशेष क्रियाओं द्वारा तनाव से राहत मिलती है, योग मन को विभिन्न विषयों से हटाकर स्थिरता प्रदान करता है और कार्य विशेष में मन को स्थिर करने में सहायक होता है.
हम मनुष्य किसी चीज़ की ओर तभी आकर्षित होते हैं जब उनसे हमें लाभ मिलता है. जिस तरह से योग के प्रति हमलोग आकर्षित हो रहे हैं वह इस बात का संकेत हैं कि योग के कई फायदे हैं. योग को न केवल हमारे शरीर को बल्कि मन और आत्मिक बल को सुदृढ़ और संतुष्टि प्रदान करता है. दैनिक जीवन में भी योग के कई फायदे हैं, आइये! इनसे परिचय करें.
- Read more about योग का जीवन में महत्व
- Log in to post comments