कमर पतली करने के योग

कमर को पतली करने के लिए नीचे कुछ योग आसन को करने के तरीके और उनसे होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी जा रहीं है जिससे आप इन योग आसन को आसानी से कर सकें।

कमर कम (पतली) करने के योग

कमर की चर्बी कम करने के लिए योग एक आसान तरीका हैं। महिला हो या पुरुष हर कोई स्लिम और फिट रहना चाहता है। आज हम आपको बतायेंगें कमर के आसपास की एक्ट्रा चर्बी को कैसे आप योग के माध्यम से कम कर सकते हैं। एक पतली कमर देखने में आकर्षक और सेक्सी लगती हैं। कमर को कम करने के लिए कई प्रकार की एक्सरसाइज है जिनसे आसानी से कमर को कम किया जा सकता हैं, परन्तु उन एक्सरसाइज को करने के लिए आपको जिम जाने की आवश्कता होती हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कमर कम करने और कमर की चर्बी को घटाने के लिए कुछ योग आसन को करने के तरीके को बताने जा रहें है जिससे आप आसानी से अपने घर पर ही एक पतली और आकर्षक कमर पा सकती हैं।

निम्न रक्तचाप के लिए योग शवासन

शवासन योग को सभी योग आसन करने के बाद किया जाता है क्योंकि यह विश्राम मुद्रा है। यह थकान को दूर करता है और उत्साह के साथ दिन की शुरुआत करने के लिए शरीर को सक्रिय करता है। अपना अभ्यास पूरा करने के लिए शवासन योग में कम से कम एक मिनट के लिए आराम करें। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1.5 से 2 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 40 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है। शवासन मुद्रा का अर्थ सोना नहीं हैं बस आपको ऑं

लो ब्लड प्रैशर के लिए योग सर्वांगासन

इस योग को अच्छे से करने के लिए आपको धैर्य और अभ्यास की अधिक आवश्यकता होती है। अपने कंधों पर खड़े रहने के लिए कुछ ताकत, संतुलन और लचीलापन (गर्दन में) महत्वपूर्ण है। सर्वांगासन शरीर को कई लाभ देता है जिसमें निम्न रक्तचाप का समाधान भी शामिल है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट के सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा देते हुए उठायें।

पवनमुक्तासन योग फॉर लो ब्लड प्रेशर

पवनमुक्तासन निम्न रक्तचाप को अपने सामान्य प्रवाह में वापस लाने के लिए एक आसान और प्रभावी मुद्रा है। पवनमुक्तासन योग में रहने के दौरान गर्दन उठाना आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन यह कुछ समय बाद आसान हो जाएगा। यह योग रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और पीठ के निचले हिस्से में तनाव को कम करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैर को घुटने से मोड़ें और घुटने को अपने मुँह की ओर कर लें। अपने कंधों को ऊपर उठायें, अपनी नाक से घुटने को छूने का प्रयास करें। इस आसन को आप 10 से 60 सेकंड के लिए करने का प्रयास करें।

लो बीपी के लिए योग शिशुआसन

शिशुआसन बालासन योग के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को आप लंबे समय तक आसानी से कर सकते हैं। यह आसन शरीर को तनाव और थकान से छुटकारा दिलाता है और मस्तिष्क को शांत करता है। इस योग से निम्न रक्तचाप को नियंत्रित करने की इसकी क्षमता होता हैं। इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले आप किसी योगा मैट पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अपने हिप्स को अपनी एड़ियों पर रखें, साँस को अंदर की ओर लें और अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर रखें, इसमें अपनी हथेली को खुली रखें तथा उंगलियों को सीधा रखना हैं।

निम्न-रक्तचाप में सुधार हेतु योग उत्तानासन

उत्तानासन योग को पादहस्तासन योग के नाम से भी जाना जाता हैं। इस आसन को करने में शरीर के ऊपरी हिस्से में रक्त अच्छी तरह से फैलता है। इस योग को नियमित रूप से करने से हृदय मजबूत होता है। यह योग मस्तिष्क को रक्त के प्रवाह में सुधार करता है इसके साथ ही यह चक्कर आना और थकान को कम करता है। उत्तानासन करने से निम्न रक्तचाप आपके दिल को कभी भी नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। इसके लिए आप बस सुनिश्चित करें कि आप अपने आप को तनाव ना दें। उत्तानासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।

निम्न रक्तचाप के लिए योग अधोमुख श्वान आसन

अधोमुख श्वान आसन या डाउनवर्ड फेसिंग डॉग (Downward Facing dog) रक्त के परिसंचरण को विशेष रूप से ऊपरी रीढ़ के क्षेत्र में उत्तेजित करता है। यह योग मस्तिष्क को शांत करता है और थकान के शरीर से छुटकारा दिलाता है। इसलिए इस योग को करने से लो ब्लड प्रैशर की समस्या दूर हो जाती है। यह सामान्य रूप से आपको स्वस्थ बनाने के साथ आपके कोर को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ा सा अंतर रखें। अब आगे की ओर झुकते जाएं अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखे।

लो ब्लड प्रेशर के लिए योग

निम्न रक्तचाप के लिए योग अधोमुख श्वान आसन – Adho Mukha Svanasana Yoga for low blood pressure in Hindi
निम्न-रक्तचाप में सुधार हेतु योग उत्तानासन – Uttanasana yoga for low blood pressure in Hindi
लो बीपी के लिए योग शिशुआसन – Low BP ke liye yoga Child’s Pose in Hindi
पवनमुक्तासन योग फॉर लो ब्लड प्रेशर – Pawanmuktasana Yoga for low blood pressure in Hindi
लो ब्लड प्रैशर के लिए योग सर्वांगासन – Sarvangasana (Shoulder Stand Pose) for low BP in Hindi
निम्न रक्तचाप के लिए योग शवासन – Savasana Yoga for low blood pressure in Hindi

निम्न रक्तचाप के लिए योग

निम्न-रक्तचाप में सुधार हेतु योग: निम्न रक्तचाप के लिए योग बहुत ही लाभदायक होता हैं। निम्न रक्तचाप या हाइपोटेंशन एक शारीरिक स्थिति है जिसमें रक्तचाप का स्तर 90/60 मिमी Hg से कम हो जाता है। डॉक्टरों का मानना ​​है कि निम्न रक्तचाप तब तक हानिकारक नहीं है जब तक कि यह चक्कर आना, बेहोशी और सदमे जैसे लक्षण दिखाई न दें। हाइपोटेंशन के कुछ अन्य लक्षणों में सिरदर्द, सीने में दर्द, दौरे पड़ना, लंबे समय तक दस्त और उल्टी शामिल हैं। निम्न रक्तचाप, एनीमिया, पोषण की कमी, हृदय की समस्याओं और कुछ लोगों को हार्मोनल परिवर्तन जैसे विभिन्न कारणों से हो सकता है। गंभीर मामलों में इससे मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अं

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।