कमर की चर्बी कम करने के लिए योग परिव्रत सुखासन

अपनी कमर की चर्बी कम करने के लिए परिव्रत सुखासन योग बहुत ही लाभदायक होता है। परिव्रत सुखासन करने से आपकी कमर में खिंचाव आता है। यह योग कमर में जमे वसा को कम करने में मदद करता हैं। परिव्रत सुखासन योग करने के लिए आप सबसे पहले अपने दोनों पैरों को मोड़ कर सुखासन योग की स्थिति में बैठ जाएं। अपनी रीढ़ को पूरी तरह से सीधा रखें। अब स्थाई बैठे हुए अपने शरीर के ऊपर के हिस्से और सिर को दायीं ओर घुमाएं। बाएं हाथ को दाएं पैर के घुटने पर रख लें और दाएं हाथ को सीधा जमीन पर रखा रहने दें। कुछ देर आप इस परिव्रत सुखासन की स्थिति में रहे और फिर यह पूरी क्रिया बायीं ओर करें।

पतली कमर पाने के लिए करें अर्ध चंद्रासन योग

मोटी कमर को पतली करने के लिए अर्ध चंद्रासन योग बहुत ही अच्छा होता है, यह आसानी से आपकी कमर को कम कर सकता है। अर्ध चंद्रासन योग आपके पैरों, नितंबों और रीढ़ को मजबूत करता है। यह आपके हैमस्ट्रिंग को फैलाता है और आपके कूल्हों को खोलता है। अर्ध चंद्रासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। दाएं पैर को आगे की ओर रखें और उसे पर शरीर का भर डालते हुए बाएं पैर को ऊपर उठायें। अब दाएं हाथ को फर्श पर रखें और बाएं हाथ को सामने की ओर सीधा कर लें। इस स्थिति में आपका शरीर फर्श के समान्तर रहेगा। इस आसन को आप 15 से 30 सेकंड के लिए करें।

कमर चर्बी को कम करता है शलभासन योग

शलभासन योग करने से आपकी कमर पर दबाव पड़ता है, यह दबाव आपकी कमर से अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है। शलभासन आपकी ऊपरी और निचली पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह आसन आपकी बाहों को मजबूत करता है और आपके शरीर के धीरज को बढ़ाता है। शलभासन योग को करने के लिए आप एक स्थान पर योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों और पैर को सीधा फर्श पर रखें। अब अपने धड़ और दोनों पैरो को ऊपर की ओर उठायें। साथ में दोनों हाथों को भी ऊपर उठायें। आप इस मुद्रा में कम से कम 20 सेकंड तक रहने की कोशिश करें।

कमर की चर्बी कम करने के योग पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन एक ऐसा आसन है जो आगे की ओर झुकता है और पूरे शरीर को एक अच्छा खिंचाव देता है। पश्चिमोत्तानासन योग को करने से आपकी कमर से चर्बी कम करने में मदद मिलती हैं। यह मुद्रा रक्तचाप को नियंत्रित करती है और रक्त परिसंचरण में सुधार करती है। यह तनाव से राहत देता है और आपके दिमाग को शांत करता है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपने सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 30 से 60 सेकंड

कमर पतली करने का आसन धनुरासन

धनुरासन योग कमर को कम करने के लिए एक बहुत ही अच्छा योग आसन है। इस आसन में आपकी स्थिति ऊपर उठे हुए धनुष के सामान दिखाई देती हैं। यह आसन आपके शरीर के सामने की सभी मांसपेशियों को फैलाने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथों को शरीर के समान्तर रखें और पैरों को पीछे की ओर मोड़ लें। अब अपने हाथों को पीछे ले जाएं और दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकड़ लें। इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें। अंत में दोनों हाथों को खोल के अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें।

कमर की एक्ट्रा चर्बी को कम करें वीरभद्रासन योग

कमर के आसपास की एक्ट्रा चर्बी को कम करने के लिए वॉरियर पोज़ (वीरभद्रासन) सबसे अच्छे पोज़ में से एक है। यह हाथ, कंधे, पैर और एब्डोमिनल को मजबूत और टोन करता है। यह छाती को खोलता है और आपके शरीर के प्रत्येक क्षेत्र में उचित रक्त प्रवाह सुनिश्चित करता है। वीरभद्रासन करने के लिए आप एक साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच लगभग 3.5 फिट की दूरी रखें। अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को उठा के अपने सिर के ऊपर जोड़ लें। इसके बाद अपने दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमा लें।

कमर के बढ़े हुए घेरे को कम करने का योग जानुशीर्षासन

यदि आप अपनी कमर में जमे अतिरिक्त वसा को कम करना चाहते हैं तो आपके लिए जानुशीर्षासन योग एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं। जानुशीर्षासन योग ना केवल कमर के बढ़े हुए घेरे को कम कम करने में मदद करता है बल्कि यही आपके पेट को भी कम करता हैं। यह आसन कूल्हे की हड्डी और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह कब्ज को रोकता है और पेट के क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। जानुशीर्षासन योग रीढ़ की हड्डी को और अधिक लचीला बनाता है और कूल्हों से अतिरिक्त वसा को भी कम करता है। जानुशीर्षासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं।

पतली कमर के लिए योग त्रिकोणासन

कमर को पतली करने के लिए त्रिकोणासन योग बहुत ही अच्छा योग आसन है। यह योग आंतरिक जांघों और पेट की मांसपेशियों को खींचने और रीढ़ को मजबूत करने में भी बेहद फायदेमंद है। त्रिकोणासन योग कूल्हों, हैमस्ट्रिंग, कंधे, छाती और पिंडलियों को खोलता है साथ में कमरे क्षेत्र से वसा कम करने में भी मदद करता हैं। त्रिकोणासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट पर दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर के साइड झुकें और हाथ को जमीन पर रखें। अब दूसरे हाथ को ऊपर करके सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। कुछ देर इस आसन में रहें, अगर आपको जमीन पर हाथ रखने में कठिनाई होती हैं तो आप हा

कमर कम करने के लिए योग वीरभद्रासन 2

वीरभद्रासन 2 योग कमर को कम करने के लिए एक बहुत ही प्रभावी योग आसन है। यह पेट और जांघों के लिए बहुत प्रभावी है। यह कूल्हों को खोलता है और पेट की मांसपेशियों को काम करता है। वीरभद्रासन 2 योग विशेष रूप से आंतरिक जांघों और कमर पर काम करता है। इस आसन की सबसे अच्छी बात यह है कि दोनों पैरों को एक ही समय में एक साथ कसरत मिलती है। वीरभद्रासन-2 करने के लिए आप सबसे पहले एक साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के उस पर दोनों पैरों को 3 से 3.5 फिट फैला लें खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को सीधा जमीन के समान्तर करें और दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमाएं।

कमर कम करने के योग नवासन

नवासन या नौकासन योग पतली कमर को पाने के लिए बहुत ही लाभदायक योग होता हैं। नवासन रेक्टस और अनुप्रस्थ एब्डोमिनिस को सक्रिय करता है और पेट, कूल्हे लचीला बनता, रीढ़ को मजबूत करता है। यह तनाव दूर करने में मदद करता है और पाचन में सुधार करता है। कमर की चर्बी को कम करता है और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह आसन पैर की मांसपेशियों को भी टोन करता है। नवासना करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को अपने सामने सीधा करके बैठ जाएं। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा और दोनों हाथों को सीधा जमीन पर रखें। अब दोनों पैरों को सीधा रखें हुए ऊपर उठायें।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।