ਆਧੁਨਿਕ ਜੀਵਨਸ਼ੈਲੀ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ
ਕਿਫਾਇਤੀ ਅਤੇ ਅਤਿ ਆਧੁਨਿਕ ਜੀਵਨ ਸ਼ੈਲੀ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਣ ਕਾਰਨ, ਅੱਜ ਦਾ ਮਨੁੱਖ, ਦਬਾਅ ਅਤੇ ਤਣਾਅ ਦੀ ਇੱਛਾ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਵੀ, ਹਫੜਾ-ਦਫੜੀ, ਬਿਮਾਰੀ, ਮਨਮੋਹਣੀ, ਨਿਰਾਸ਼ਾ, ਅਸਫਲਤਾ, ਕੰਮ, ਕ੍ਰੋਧ, ਲੋਭ, ਮੋਹ, ਹਉਮੈ, ਈਰਖਾ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਮੁਸ਼ਕਲ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਦਗੀ. ਪਾਣੀ, ਹਵਾ, ਧੁਨੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਉਹ ਨਕਾਰਾਤਮਕ ਬੁਰਾਈਆਂ ਦਾ ਵੀ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਨਤੀਜੇ ਵਜੋਂ, ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਸਰੀਰਕ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਮਾਨਸਿਕ ਅਸੰਤੁਲਨ, ਚਿੰਤਾਵਾਂ, ਉਦਾਸੀ, ਸੂਚੀ-ਰਹਿਤ ਅਤੇ ਗਲਤ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਘੇਰ ਲਿਆ. ਉਸਦੇ ਮਨ ਦੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਭੰਗ ਹੈ, ਪਰ ਸਾਡੀ ਭਾਰਤੀ ਮਿਥਿਹਾਸਕ ਯੋਗਾ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਥਿਤੀਆਂ ਦਾ ਦ੍ਰਿੜਤਾ ਨਾਲ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ.
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वज्रासन योग, भोजन के बाद करने के फायदे एसिडिटी में
गैस और एसिडिटी के कई साधारण कारण हो सकते हैं। यह हमारे खाना खाने के कारण हो सकता है जो अत्यधिक तैलीय, नमकीन, मसालेदार या मीठा होता है। एसिडिटी का एक अन्य संभावित कारण खाना खाने के तुरंत बाद सोना हो सकता है। इस समस्या से बचने के लिए आप खाना खाने के तुरंत बाद वज्रासन योग को करें।
भोजन के बाद वज्रासन के फायदे विषाक्त पदार्थ दूर करने में
यदि आपके शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकलने में कठिनाई होती हो तो भोजन के बाद वज्रासन करने से मल-मूत्र में त्यागने में काफी आसानी होती है और शरीर में बीमारियां नहीं लगती हैं।
स्लिप डिस्क के लिए योग भुजंगासन
भुजंगासन योग आपकी पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ को एक अच्छा खिंचाव देता है और स्लिप डिस्क के कारण होने वाले दर्द से राहत देता है। भुजंगासन योग को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीट ऊपर के ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
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खाना खान के बाद वज्रासन करने के लाभ पीरियड में
महिलाओं के लिए भोजन के बाद वज्रासन योग करना पीरियड के समय लाभदायक होता है। यह योग महिलाओं में होने वाली अनियमित माहवारी और दर्द को कम करने में सहायक होते है। महिलाओं के लिए पीरियड्स का समय बहुत ही पीड़ादायक होता। वज्रासन योग करने से उस समय होने वाले दर्द, ऐंठन और तनाव से छुटकारा मिलता है।
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वज्रासन करते समय बरतें सावधानियां
दि आप इस योग को करते समय लापरवाही करते हैं तो यह नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन यदि आपके शरीर में किसी विशेष तरह की परेशानी हो तो आपको डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी योग आसन नहीं करना चाहिए।
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स्लिप डिस्क के लिए योगासन
क्या आपको भी कभी कभी कमर में अचानक से बहुत तेज दर्द होता है? यदि हां तो यह समस्या स्लिप डिस्क की वजह से हो सकती है। स्लिप डिस्क को हर्नियेट डिस्क (herniate Disc) के नाम से भी जाना जाता है। स्लिप डिस्क की समस्या आज बढ़ाती जा रही है, यह अधिकांश 22 से 40 वर्ष की उम्र के लोगों को अधिक परेशान करती है। आप इसका इलाज योग की मदद से कर सकते है, आज हम आपको स्लिप डिस्क के लिए योगासन के बारे में बताएंगे।
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गुडघेदुखी साठी योगासन | Janufalak Aakarshan | Fatafat Yoga-TV9
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मानेपासून ते मांड्यांपर्यंतचा जडपणा सहज जाईल | Uthith Hast Ardh Uttan Aasan | Fatafat Yoga-TV9
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Yoga for vertebrae & spine | अर्ध प्रसारीत पदोत्तान आसन | Fatafat Yoga with Dipti Deshpande-TV9
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“योग विज्ञान है” – ओशो
योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है।
जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।
नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।