योग
मधुमेह कारण एवं निदान
हम दैनिक जीवन में जो आहार लेते हैं उससे हमारे शरीर को विभिन्न पोषक घटक प्राप्त होते हैउसमे शर्करा एक महत्वपूर्ण घटक है ।हमारे भोजन से प्राप्त शर्करा रक्त में मिलकर कोशिकाओं मैं जाती हैं जहां यह ऊर्जा मैं परिवर्तित होती है। रक्त शर्करा को ऊर्जा मैं परिवर्तित होने के लिए एक उतूप्रेरक इन्सुलिन की आवश्यकता होती हैं जो अग्नाशय मैं स्त्रवित होता है।शरीर में वात ,पित्त ,कफादि त्रिदोषज बिषमता जनित विभिन्न रोगों के कारण अग्नाशय मैं प्राकृतिक इन्सुलिन का स्त्राव अनियमित हो जाता है। इससे रक्त शर्करा का ऊर्जा मैं अपचयन नहीं हो पाता तथा शर्करा रक्त मैं रह जाती है।रक्तशर्करा के निरंतर अपरिवर्तन् से रक्त
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ਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਅਲਸਰ ਦਾ ਇਲਾਜ
ਅਲਸਰ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਕਸਰ ਹਾਈਡ੍ਰੋਕਲੋਰਿਕ ਫੋੜੇ, ਪੇਪਟਿਕ ਫੋੜੇ ਜਾਂ ਹਾਈਡ੍ਰੋਕਲੋਰਿਕ ਫੋੜੇ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਉਹ ਤੁਹਾਡੇ ਪੇਟ ਜਾਂ ਛੋਟੀ ਅੰਤੜੀ ਦੇ ਉੱਪਰਲੇ ਹਿੱਸੇ ਤੇ ਫੋੜੇ ਜਾਂ ਜ਼ਖ਼ਮ ਹਨ. ਅਲਸਰ ਬਣਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਖਾਣਾ ਪਚਣ ਵਾਲਾ ਐਸਿਡ ਪੇਟ ਜਾਂ ਅੰਤੜੀਆਂ ਦੀ ਕੰਧ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ. ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਸੀ ਕਿ ਫੋੜੇ ਤਣਾਅ, ਪੋਸ਼ਣ ਜਾਂ ਜੀਵਨ ਸ਼ੈਲੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੋਏ ਸਨ, ਪਰ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੂੰ ਹੁਣ ਪਤਾ ਲੱਗ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਬਹੁਤੇ ਫੋੜੇ ਇਕ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਹੈਲੀਕੋਬੈਕਟਰ ਪਾਈਲਰੀ ਜਾਂ ਐਚ ਪਾਈਲਰੀ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ. ਜੇ ਅਲਸਰ ਦਾ ਇਲਾਜ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ, ਤਾਂ ਉਹ ਇਕ ਹੋਰ ਗੰਭੀਰ ਰੂਪ ਧਾਰਨ ਕਰਦੇ ਹਨ.
ਇਨ੍ਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਰੱਖੋ-
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अल्सर का उपचार योग के माध्यम से
अल्सर, जिसे अक्सर आमाशय का अल्सर, पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक अल्सर कहते हैं, आपके आमाशय या छोटी आँत के ऊपरी हिस्से में फोड़े या घाव जैसे होते हैं। अल्सर उस समय बनते हैं जब भोजन को पचाने वाला अम्ल आमाशय या आँत की दीवार को क्षति पहुँचाता है। पहले यह माना जाता था कि अल्सर तनाव, पोषण या जीवनशैली के कारण होता है किन्तु वैज्ञानिकों को अब यह ज्ञात हुआ है कि ज्यादातर अल्सर एक प्रकार के जीवाणु हेलिकोबैक्टर पायलोरी या एच. पायलोरी द्वारा होता है। यदि अल्सर का उपचार न किया जाये तो ये और भी विकराल रूप धारण कर लेते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल-
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ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਯੋਗਾ ਆਸਣ ਕਰੋ
ਜੇ ਟੱਟੀ ਸਖਤ ਹੈ ਅਤੇ ਰੋਜ਼ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ, ਤਾਂ ਇਸਨੂੰ ਕਬਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਵੇਗਾ. ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆ ਦੇ ਕਾਰਨ, ਇਸਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਕਬਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵਿਚ, ਟੱਟੀ ਬਹੁਤ ਸਖਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਟੱਟੀ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਕੱ toਣ ਲਈ ਜ਼ੋਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ. ਟੱਟੀ ਨੂੰ ਨਰਮ ਕਰਨ ਲਈ, ਇਸ ਵਿਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ. ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਗਲੀਚੇ ਦੀ ਨਿਯਮਤ ਵਰਤੋਂ ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ.
ਯੋਗਸਨ ਕਬਜ਼ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ
ਕਪਲਭਤੀ:
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कब्ज़ से मुक्ति पाने के लिये करें योगआसन
यदि मल सख्त हो और रोज न आये तो उसे कब्ज़ कहेंगे। बहुत अधिक समय से इस समस्या के होने के कारण इसको पुराना कब्ज़ कहते हैं। इसमें मल बहुत सख्त हो जाता है तथा मल को बाहर करने के लिये जोर लगाना पड़ता है। मल को नर्म करने के लिये आवश्यक है कि उस में पानी की मात्रा अधिक हो। विभिन्न प्रकार के आसनों को नियमित रूप से करने पर हर प्रकार के कब्ज़ से राहत मिलती है।
कब्ज़ दूर करने के लिये योगआसन
कपालभाति :
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योगा और आसन में क्या अंतर है?
महर्षि पतंजलि की योग प्रणाली में 8 हिस्से हैं, जिन्हें अष्टांगिक योग कहा जाता है। इनमें से प्रथम पांच को बहिरंग तथा अंतिम तीन को अंतरंग कहते हैं।
प्रथम पांचों के नाम इस प्रकार हैं—यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार।
अंतिम तीन कहलाते हैं—धारणा ध्यान और समाधि।
आसन का अर्थ है : शरीर की ऐसी पोजीशन जिसमें हम अधिक देर तक सुख पूर्वक स्थिर रह सकें।
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ਚੰਗੀ ਨੀਂਦ ਲਈ ਯੋਗਾ ਕਰੋ
ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਆਦਤ ਅਨੁਸਾਰ ਰਾਤ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਨੀਂਦ ਨਹੀਂ ਲੈਂਦੇ, ਤਾਂ ਇਹ ਸੰਭਵ ਹੈ ਕਿ ਤੁਹਾਡੀ ਉਮਰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵਧ ਰਹੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤੁਹਾਨੂੰ ਚੰਗਾ ਮਹਿਸੂਸ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਤੁਸੀਂ ਉਲਝਣ ਵਿਚ ਹੋਵੋਗੇ. ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਸੌਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸੈੱਲ ਦਾ ਪੱਧਰ ਸੁਧਾਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤੀ ਦਿਨ 6-7 ਘੰਟੇ ਦੀ ਨੀਂਦ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ.
ਜੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਕਾਫ਼ੀ ਨੀਂਦ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ, ਤਾਂ ਯੋਗਾ ਇਸ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰੇਗਾ. ਕਈ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨਿਰੰਤਰ ਯੋਗਾ ਦੇ ਅਭਿਆਸ ਨਾਲ ਪਤਾ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਇਨਸੌਮਨੀਆ ਅਤੇ ਸੌਣ ਦੀਆਂ ਅਸਾਧਾਰਣ ਆਦਤਾਂ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ. ਦਿਨ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ, ਯੋਗਾ ਤਣਾਅ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਰਾਤ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਨੀਂਦ ਆਉਂਦੀ ਹੈ.
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अच्छी नींद के लिये योग करें
यदि आदतन आप को रात को अच्छी नींद नहीं आती,तो यह संभव है कि आप की उम्र तेजी से ज्यादा बढ़ रही है और इसके अतिरिक्त आप को अच्छा नहीं लगता होगा और आपकी भ्रमित सोच होगी | जब हम नींद में होते हैं तब हमारा शरीर के कोशिका स्तर में सुधार होता है और विषाक्त पदार्थों का निष्कासन होता है | इसलिये प्रतिदिन ६-८ घंटों की नींद आवश्यक है |
यदि आप की पर्याप्त नींद नहीं होती, तो योग इसमें सहायता करेगा | निरंतर योग के अभ्यास से कई रोगों का निदान हुआ है जिसमें अनिद्रा और असामान्य नींद की आदतें शामिल है | दिन के अंत में योग तनाव से मुक्ति देता है जिससे रात में अच्छी नींद आती है |
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पाचनतंत्र को मजबूत बनाने वाले योगासन
यदि पाचनतंत्र मजबूत हो तो शरीर स्वस्थ और मजबूत बना रहता है। पाचनतंत्र को मजबूत बनाने के कुछ योगासन हैं जिन्हें प्रतिदिन करने से पाचनतंत्र दुरुस्त बनता है और शरीर भी स्वस्थ और मजबूत होता है।
पाचनतंत्र के लिए योग
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प्रत्येक दिन कितना पैदल चलना चाहिऐ ?
स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ काल्मर में 14 रिसर्चर्स ने एक स्टडी में यह साबित किया है कि किस उम्र के व्यक्ति को कितने कदम रोज चलना चाहिए।
अगर उम्र के हिसाब से इतने कदम रोज चलें तो वजन कंट्रोल किया जा सकता है। वजन कंट्रोल में रहने से हार्ट डिजीज, डायबिटीज और हाई BP जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। साथ ही और भी कई तरह के फायदे मिलते हैं।
इसी रिसर्च के आधार पर यहां हम आपको बता रहे हैं कि उम्र के हिसाब से दिनभर में किस व्यक्ति को कितने कदम रोज चलना चाहिए।
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