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अग्निसार क्रिया
सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। यह क्रिया में कपालभाती प्राणायाम जैसा नहीं है, बार बार साँस बाहर नहीं करनी है। सास को पूरी तरह बाहर निकालने के बाद बाहर ही रोक कर पेट को आगे पीछे करना है।
लाभ
- कब्ज, ऐसिडिटी, गँसस्टीक, जैसी पेट की सभी समस्याऐं मिट जाती हैं।
- हर्निया पूरी तरह मिट जाता है।
- धातु, और पेशाब के संबंधित सभी समस्याऐं मिट जाती हैं।
- मन की एकाग्रता बढ़ेगी|
- व्यंधत्व से छुटकारा मिल जायेगा|