मासिक धर्म के लिए योग भुजंगासन

कोबरा पोज या भुजंगासन योग महिलाओं के प्रजनन अंगों के लिए एक उत्कृष्ट योग आसन है। यह पाचन में भी सुधार करता है, आपकी छाती को खोलता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।

भुजंगासन योग को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, जिसमें आपकी पीट ऊपर की ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें की आपके कमर से नीचे का शरीर जमीन से ऊपर ना उठे। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।

माहवारी के लिए योग उष्ट्रासन

उष्ट्रासन योग महिलाओं के पीरियड्स को नियमित करने और मासिक धर्म के दर्द से राहत देने के लिए एक बेहतरीन योग है। यह कंधे और पीठ को भी मजबूत करता है, मुद्रा और लचीलेपन में सुधार करता है, आपके आंतरिक अंगों की मालिश करता है।

उष्ट्रासन योग को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा कर उस पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपनी कमर के यहाँ से पीछे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाएं। अपने सिर को पीछे झुका लें और दोनों हाथों को पैर की एड़ियों पर रखें। उष्ट्रासन की स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।

पीरियड के लिए योग बद्ध कोणासन

बद्ध कोणासन योग मासिक धर्म की समस्याओं के उपचार के लिए सबसे बेहतर आसन में से एक है। यह योग महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में सुधार करता है। रक्त परिसंचरण में सुधार करने और गुर्दे तथा मूत्राशय को उत्तेजित करने में मदद करता है। बद्ध कोणासन प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है।

मासिक धर्म के लिए योग धनुरासन

धनुरासन योग करना महिलाओं के मासिक धर्म के लिए लाभदायक माना जाता है। यह आपके प्रजनन तंत्र के लिए सबसे अच्छे पोज़ में से एक है। यह एक मूल हठ योग आसन है जो पेट की चर्बी को कम करने, आपकी रीढ़ की हड्डी, जांघों और टखनों को मजबूत करने में फायदेमंद है।

पीरियड में कौन सा योग करना चाहिए

पीरियड में योग करना महिलाओं के लिए कई प्रकार से फायदेमंद होता है। अगर आप जानना चाहती है कि पीरियड में कौन सा योग करना चाहिए तो, आप मासिक धर्म के दौरान निम्न योग आसन को कर सकती हैं।

पीरियड टाइम में योग करना चाहिए या नहीं

क्या आप पीरियड के दौरान योग करने के बारे में सोच रहीं है। यदि आप इस बारे में चिंतित हैं कि मासिक धर्म में योग करना चाहिए या नहीं? तो हम आपको बता दें कि सभी महिलाएं माहवारी के दौरान भी योग को कर सकती है।

नियमित योग आपके शरीर और आपके दिमाग के लिए फायदेमंद है। कोई भी वैज्ञानिक कारण नहीं है कि आपको अपने पीरियड्स के दौरान अपने योग नहीं करना चाहिए। वास्तव में, इस बात के प्रमाण हैं कि पीरियड्स के दौरान योग इसे दर्द को कम करने में मददगार हो सकता है।

पीरियड में योग करना चाहिए या नहीं और पीरियड में करने वाले योग

मासिक धर्म के लिए योग महिलाओं में होने वाली अनियमित माहवारी और दर्द को कम करने में सहायक होते है। महिलाओं के लिए पीरियड्स का समय बहुत ही पीड़ादायक होता।

पीरियड्स में योग करने से उस समय होने वाले दर्द, ऐंठन और तनाव से छुटकारा मिलता है। मासिक धर्म के समय एक्सरसाइज की जगह योग आसन करना अधिक लाभदायक होता है।

आज इस लेख में हम आपको बतायेंगे की पीरियड में योग करना चाहिए या नहीं और अगर माहवारी में योग करें तो कौन से योग आसन करें और इन्हें करने में क्या सावधानियां रखनी चाहिए। आइये मासिक धर्म के लिए योग (Yoga Poses For Healthy Period In Hindi) के बारे में विस्तार से जानते है।

SLIM LEGS! 15 min No Jumping Quiet Home Workout | VICKY ROSS

THE BEST EXERCISES FOR SEXY, SLIM LEGS. I put a focus on booty, but also including lots of exercises for the inner & outer thighs! If you need breaks - TAKE THEM! Don't worry too much about that. You will improve over time :) that's the best feeling! The video is in full length which means you can just follow whatever I’m doing 45s for each exercise. IMPORTANT!: - For all Squats and Lunges: make sure to always push through your HEELS (back of your feet) on your way up. This puts more focus on the booty. - Also try to keep your knees behind your toes when you squat or lunge down.

OSHO: I Am Not a Worshiper of Poverty

Osho on poverty and Rolls-Royces This is a video excerpt of one of the many responses Osho gave in a series of press interviews. "I am not a worshiper of poverty. That's what those Rolls Royces prove. I respect wealth. Nobody before me has the guts to say it. The pope cannot say that he respects wealth, although he is the wealthiest man on the earth. I am not a hypocrite. I am the poorest man on the earth. I don't have a single cent with me. But I want to prove to these people that what attracts their mind." – OSHO "I was very amazed by his ninety-odd Rolls-Royces.

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।