சர்வாங்காசனம்

சர்வம், அங்கம், ஆசனம் ஆகிய 3 வடமொழிச் சொற்களின் கூட்டுச் சொல்தான் சர்வாங்காசனம். சர்வம் என்றால் அனைத்து என்றும் அங்கம் என்றால் உறுப்பு என்றும் ஆசனம் என்றால் நிலை என்றும் பொருள் வழங்கப்படுகிறது. அதாவது உடல் முழுதும் பயிற்சியில் ஈடுபடும் முறைதான் சர்வாங்கசனம்.

સર્વાંગાસન

શીર્ષાસનને આસનોનો રાજા કહેવામાં આવે છે તો સર્વાંગાસનને આસનોનો પ્રધાન કહેવામાં આવે છે. આપણા શરીરનાં બાહ્ય તેમ જ આંતરીક લગભગ બધાં જ અંગો પર આ આસનનો પ્રભાવ પડતો હોવાથી એને સર્વાંગાસન કહે છે. ગળા પાસે શરીરની એક બહુ જ અગત્યની ગ્રંથી થાઈરોઈડ આવેલી છે જે શરીરની તંદુરસ્તી જાળવવામાં મહત્ત્વની છે. સર્વાંગાસન યોગ્ય રીતે કરવામાં આવે તો તેનાથી થાઈરોઈડ ગ્રંથી પર સૌથી વધુ અસર થાય છે, આથી એ રીતે આ આસન શરીરનાં સર્વ અંગો પર અસર કરે છે, તેથી જ એને સર્વાંગાસન કહેવામાં આવે છે. થાઇરોઇડ ગ્રંથીના નીયમન માટે આ આસન આદર્શ ગણાય છે.

योग से दूर होते हैं टेंशन रोग

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर इंसान तनाव और टेंशन से गुजर रहा है। लेकिन इस तनाव का सबसे बुरा असर हमारे शरीर पर पड़ता है। ऐसे में हर दिन सिर्फ 5 मिनट के योग से ना सिर्फ आपका मन शांत होगा बल्कि टेंशन भी दूर होगी और शरीर और दिमाग भी फिट रहेगा। आगे की स्लाइड्स पर क्लिक करें और जानें कुछ ऐसे आसन जिससे दूर होगी आपकी टेंशन...

बलासन:- इसे चाइल्ड पोज भी कहते हैं। बच्चों की मुद्रा में बैठने से दिमाग को आराम मिलता है, तनाव और चिंता में कमी आती है। ये आसन हमारे तंत्रिका-तंत्र और लसीका प्रणाली के लिए भी काफी अच्छी है।

लड़का हो या लड़की योग करो स्वस्थ रहो

योगा, विश्व को आज के शहरीकरण के दौर में स्वस्थ रखने का रामबाण इलाज है, जिसके तर्ज पर ही 21 जून को विश्व योगा दिवस के मनाया जाता है। योग सभी के लिए है और इसका नियमित अभ्‍यास करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं। यह न केवल बीमारियों से बचाता है बल्कि नियमित योग करने से शरीर मजबूत होता है। लड़कों को योग क्‍यों करना चाहिए, इससे उनको क्‍या-क्‍या फायदा होगा। इस लेख में इसके बारे में चर्चा करते हैं।

73% योगा टीचर लड़कियां हैं, ऐसे में ह्वाई शुड गर्ल्स हैव ऑल द योगा?

इससे आपकी बॉ़डी फ्लेक्सिबल होगी और दर्द की शिकायत कम होगी।

Matsyasana

This reduces the stiffness in the muscles around cervical, thoracic and lumbar regions. It also strengthens the lungs. A good exercise to improve the health of asthma patients.

How to do Matsyasana? 

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।