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पीठ के दर्द को ठीक करने के लिए कौन सा योग आसन करना उचित है?

पीठ के दर्द को ठीक करने के लिए कौन सा योग आसन करना उचित है?

पीठ दर्द एक लक्षण है, स्वयं बीमारी नहीं है। अनेक प्रकार की बीमारियों की वजह से पीठ दर्द हो सकता है।

सर्वप्रथम ठीक निदान अनिवार्य है, तभी समुचित चिकित्सा हो सकेगी।

निवेदन है कि अस्थि रोग विशेषज्ञ से मिलकर, आवश्यक हो तो एक्स-रे, एम आर आई या सी टी स्कैन द्वारा सटीक डायग्नोसिस कराइए।

फिर चिकित्सक की सलाह अनुसार फिजियोथैरेपिस्ट या कुशल योगाचार्य से परामर्श लीजिए।

उदाहरण:

पीठ दर्द के एक कारण में सामने झुकने के लिए मना किया जाता है और पीछे मुड़ने वाला आसन सिखाया जाता है। जबकि पीठ दर्द के दूसरे कारण में सामने झुकने वाला आसन उचित है और पीछे मुड़ने की अनुमति नहीं दी जाती।

चेतावनी:

बगैर विस्तृत जानकारी के अपने मन से कुछ भी शुरू कर देने पर कभी-कभी लाभ की जगह हानि भी संभव है।

आजकल कमर दर्द की समस्या बहुत आम हो गयी है| यह समस्या किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है| दरहसल इसके पीछे का मुख्य कारण मांसपेशियों में तनाव और जोड़ों में खिंचाव का होना है| इसके अतिरिक्त कैल्शियम की कमी हो जाना, वजन का अधिक बढ़ना, गलत तरीके से बैठना भी इसके पीछे का एक कारण है|

ऐसे बहुत से काम है जिन्हे झुककर करना पढता है| नतीजन पीठ दर्द, कमर दर्द, सरवाइकल जैसी समस्याए तो आम है| इस दर्द से राहत पाने के लिए लोग दवाइयों का सेवन करते है| और रोज रोज दवाइयों का सेवन करना अच्छा नहीं होता है|

इसलिए अगर इस समस्या को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका कुछ है तो वो है योग और आसन| यदि आप कमरदर्द से राहत पाना चाहते है तो नियमित मकरासन का अभ्यास करें। इससे आपको पीठ दर्द और कमर दर्द की समस्या से राहत मिल जाएगी|

भी कहा जाता हैं। मकरासन ही एक ऐसा ही आसन है जो हमारे रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों के दर्द को दूर करता है| इस आसन को सभी उम्र के लोग कर सकते हैं| मकरासन योग में शरीर की स्तिथि मगरमच्छ समान होती है इसलिए इस आसन को मकरासन कहा जाता हैं।

मकरासन कमर और कंधो में तकलीफ से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बेहद ही फायदेमंद योगासन हैं। यहाँ तक की उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए भी यह लाभकर हैं। आइये जानते है इसे करने की विधि क्या है:-

मकरासन की विधि

  • Crocodile Pose करने के लिए सबसे पहले तो समतल स्थान पर कंबल बिछाकर पेट के बल लेट जाये|
  • पेट के बल लेटने के बाद सबसे पहले ठोड़ी को भूमि पर टिकाएं।
  • इसके पश्चात गर्दन को उठायें और दोनों हाथों को कुहनियों से मोड़कर कुहनियों पर खड़ा करें और हथेलियों से ठुड्डी को आधार दें।
  • अब कुहनियों को थोड़ा फैलाकर इस तरह रखें कि गर्दन और कमर पर दबाब कम रहे।
  • अब साँस को भरते हुए अपने पैरो को मोड़ें और छोड़ते हुए पैर को सीधा करे|
  • इस प्रक्रिया बारी बारी से दोनों पेरों से दोहराएँ।
  • लेकिन एक बात का ख्याल रहे की अधिक दर्द होने पर मकरासन न करें|
  • हर्निया की शिकायत होने पर भी इस आसन को न करें।
  • इस आसन को करने के बाद कुछ समय पीठ के बल लेटकर शवासन जरूर करें।

मकरासन करने के लाभ

  1. मकरासन का अभ्यास करने से निम्नलिखित फायदे मिलते है|
  2. मकरासन करने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है|
  3. इससे घुटनों तथा पेट के सभी विकार दूर होते है|
  4. दमा या सांस संबंधी रोगों में इसे करने से लाभ मिलता है|
  5. इसके नियमित अभ्यास से मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
  6. मकरासन का अभ्यास लम्बाई बढ़ाने में भी सहायक है।
  7. इस आसन को करने से सर्दी, ज़ुकाम, खांसी आदि में लाभ मिलता है।
  8. यह शरीर के अंदर शूक्ष्म शक्ति को बढ़ाता है नतीजन शरीर मजबूत होता है।
  9. थकान होने पर कुछ देर रिलैक्स होने के लिए इस आसन को करने से लाभ मिलता है|
  10. यह रोजमर्रा के दर्द जैसे कमर दर्द, पीठ दर्द और सरवाइकल में आराम देता है|
  11. यह आसन पाचन शक्ति ठीक करता हैं और शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बनाता है|
  12. इस आसन का अभ्यास मेरुदंड के नीचे वाले भाग में होने वाले सभी रोगों से निजाद दिलाता है|
  13. उच्च रक्तचाप, अस्थमा, स्लिप डिस्क, गर्दन तथा कमर दर्द में इसे करना विशेष लाभप्रद है।
  14. जो लोग मोटापा दूर करना चाहते है उनके लिए यह आसन फायदेमंद है| इससे बढ़ा हुआ पेट फ्लैट हो जाता है।

मकरासन एक बहुत ही सरल और उपयोगी योग आसन हैं। इस आसन को करते वक्त यदि कोई तकलीफ हो तो योग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए। यहाँ जानिए इसमें बरते जाने वाली कुछ सावधानिया|

मकरासन में सावधानी बरते

  • हर्निया की शिकायत होने पर मकरासन का अभ्यास ना करे|
  • इसे करने पर अत्याधिक दर्द या असुविधा होने पर भी इस आसन को करने से बचे|
  • यह आसन को करने के बाद कुछ समय पीठ के बल लेटकर शवासन अवश्य करे।
  • इसके अतिरिक्त इस आसन को करते वक्त घुटने से पैर नहीं मोडना चाहिए। जब ठोड़ी भूमि पर टिकी हो तब केवल 10 से 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।

जिन लोगो को मेरुदंड, पैरों या जांघों में कोई गंभीर बीमारी या फिर किसी तरह की परेशानी हो तो वह योग चिकित्सक से सलाह लेकर ही यह आसन करें।

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