Skip to main content

योग जीवन जीने की एक उत्तम कला है

योग के उद्देश्य, योग का इतिहास, योग शिक्षा का अर्थ, योग शिक्षा का उद्देश्य, योग का इतिहास pdf, योग क्या है परिभाषा, योग का महत्व, योग की परिभाषा दीजिये, सकारात्मक जीवन पद्धति योग, योग की उपयोगिता, योग चिकित्सा की परिभाषा, योग का लक्ष्य क्या है, योग की विभिन्न परिभाषा दीजिये, योग का परिचय क्या है, गीता में योग की परिभाषा, यम योग की परिभाषा

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में अनेक ऐसे पल हैं जो हमारी स्पीड पर ब्रेक लगा देते हैं। हमारे आस-पास ऐसे अनेक कारण विद्यमान हैं जो तनाव, थकान तथा चिड़चिड़ाहट को जन्म देते हैं, जिससे हमारी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है। ऐसे में जिंदगी को स्वस्थ तथा ऊर्जावान बनाये रखने के लिये योग एक ऐसी रामबाण दवा है जो, माइंड को कूल तथा बॉडी को फिट रखता है। योग से जीवन की गति को एक संगीतमय रफ्तार मिल जाती है।

योग हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान है। संसार की प्रथम पुस्तकऋग्वेद में कई स्थानों पर यौगिक क्रियाओं के विषय में उल्लेख मिलता है।भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग का प्रारम्भ माना जाता है। बाद में कृष्ण, महावीर और बुद्ध ने इसे अपनी तरह से विस्तार दिया। इसके पश्चात पतंजली ने इसे सुव्यवस्थित रूप दिया।

पतंजली योग दर्शन के अनुसार –  योगश्चित्तवृत्त निरोधः

अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है।

योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे एक सीधा विज्ञान है… जीवन जीने की एक कला है योग। योग शब्द के दो अर्थ हैं और दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

पहला है- जोड़ और दूसरा है समाधि।

जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते, समाधि तक पहुँचना कठिन होगा अर्थात जीवन में सफलता की समाधि पर परचम लहराने के लिये तन, मन और आत्मा का स्वस्थ होना अति आवश्यक है और ये मार्ग और भी सुगम हो सकता है, यदि हम योग को अपने जीवन का हिस्सा बना लें। योग विश्वास करना नहीं सिखाता और न ही संदेह करना और विश्वास तथा संदेह के बीच की अवस्था संशय के तो योग बिलकुल ही खिलाफ है। योग कहता है कि आपमें जानने की क्षमता है, इसका उपयोग करो।

अनेक सकारात्मक ऊर्जा लिये योग का गीता में भी विशेष स्थान है। भगवद्गीता के अनुसार –

सिद्दध्यसिद्दध्यो समोभूत्वा समत्वंयोग उच्चते

अर्थात् दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योग है।

महात्मा गांधी ने अनासक्ति योग का व्यवहार किया है। योगाभ्यास का प्रामाणिक चित्रण लगभग 3000 ई.पू. सिन्धु घाटी सभ्यता के समय की मोहरों और मूर्तियों में मिलता है। योग का प्रामाणिक ग्रंथ ‘योग सूत्र’ 200 ई.पू. योग पर लिखा गया पहला सुव्यवस्थित ग्रंथ है।

ओशो के अनुसार, ‘योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे एक सीधा प्रायोगिक विज्ञान है। योग जीवन जीने की कला है। योग एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। एक पूर्ण मार्ग है-राजपथ। दरअसल धर्म लोगों को खूँटे से बाँधता है और योग सभी तरह के खूँटों से मुक्ति का मार्ग बताता है।’

प्राचीन जीवन पद्धति लिये योग, आज के परिवेश में हमारे जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं। आज के प्रदूषित वातावरण में योग एक ऐसी औषधि है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है, बल्कि योग के अनेक आसन जैसे कि, शवासन हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है, जीवन के लिये संजीवनी है कपालभाति प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करता है, वक्रासन हमें अनेक बीमारियों से बचाता है। आज कंप्यूटर की दुनिया में दिनभर उसके सामने बैठ-बैठे काम करने से अनेक लोगों को कमर दर्द एवं गर्दन दर्द की शिकायत एक आम बात हो गई है, ऐसे में शलभासन तथा तङासन हमें दर्द निवारक दवा से मुक्ति दिलाता है।पवनमुक्तासन अपने नाम के अनुरूप पेट से गैस की समस्या को दूर करता है। गठिया की समस्या कोमेरूदंडासन दूर करता है। योग में ऐसे अनेक आसन हैं जिनको जीवन में अपनाने से कई बीमारियां समाप्त हो जाती हैं और खतरनाक बीमारियों का असर भी कम हो जाता है। 24 घंटे में से महज कुछ मिनट का ही प्रयोग यदि योग में उपयोग करते हैं तो अपनी सेहत को हम चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। फिट रहने के साथ ही योग हमें पॉजिटिव एर्नजी भी देता है। योग से शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता का विकास होता है।

url

Article Category

Article Related

Title
पैंक्रियास के लिए योग हलासन
पैंक्रियास के लिए योग गोमुखासन
पैंक्रियास के लिए योग
पादहस्तासन योग करने करते समय यह सावधानी रखें
पादहस्तासन योग करने फायदे शारीरिक ग्रंथि को उत्तेजित करने में
पादहस्तासन योग के लाभ रक्त परिसंचरण में
पादहस्तासन योग करने फायदे हाईट बढ़ाने में
पादहस्तासन योग करने लाभ पाचन सुधारने में
पादहस्तासन योग करने फायदे तनाव कम करे
शुरुआती लोगों के लिए पादहस्तासन योग करने की टिप
पादहस्तासन योग करने से पहले करें यह आसन
पादहस्तासन योग करने का तरीका और लाभ
पीलिया रोग के लिए योग निद्रा
अग्न्याशय के लिए योग पश्चिमोत्तानासन
पैंक्रियास (अग्नाशय) के लिए योग
बुजुर्गों के लिए योगासन- बद्धकोणासन
बुजुर्गों के लिए योगासन- शलभासन
सर्वाइकल के लिए योग : भुजंगासन
योगासन से पाएं साफ और निर्मल त्वचा
योग द्वारा जोड़ों के दर्द का उपचार
सर्वाइकल के लिए योग : मत्स्यासन
कसरत, योग और फ़िटनेस की आवश्यकता
बुजुर्गों के लिए आसान योगासन : कटिचक्रासन
योग से शरीर के आठ ग्लैंड करते हैं सुचारू रूप से काम
सर्वाइकल के लिए योग : सूर्य नमस्कार
योग से जुड़ी सात भ्रांतियां
योग क्या है ? योग के 10 फायदे
खूबसूरती को लंबे समय तक बनाए योग
क्या योग इस्लाम विरोधी है?
योग’ और ‘मेडिटेशन’ के बीच क्या अंतर है?
दुनिया को क्यों है योग की ज़रूरत
योग करें और किडनी को मजबूत बनाए
कर्मयोग से तात्पर्य
योग करते समय रहें सावधान... और बनें स्वास्थ्य
योग क्या है
योग और जिम में से क्या बेहतर है?
प्रेगनेंसी के समय में योगा
दिमाग के लिए कुछ योगासन
स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, नपुंसकता की योग चिकित्सा
योग का जीवन में महत्व
योग मुद्रा क्या है
चित्त की सभी वृत्तियों को रोकने का नाम योग है
श्वेत प्रदर(ल्यूकोरिया) में योग
ये 10 योगासन करने से दूर होती है थायरायड की बीमारी
यौगिक ध्यान से लाभ
योग क्या है योगासनों के गुण एवं योगाभ्यास के लिए आवश्यक बातें
योग से समृद्ध होता जीवन
योगासन दिलाए पीरियड्स के दर्द में आराम
योग के आसन दूर कर सकते हैं डिप्रेशन
​​कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन’ अर्थात कर्म योग