योग का इतिहास
भारत में योग का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है और मानसिक, शारीरिक एवं आध्यात्म के रूप में लोग प्राचीन काल से ही इसका अभ्यास करते आ रहे हैं। योग की उत्पत्ति सर्वप्रथम भारत में ही हुई इसके बाद यह दुनिया के अन्य देशों में लोकप्रिय हुआ। प्राचीन काल में यहां लोग मस्तिष्क की शांति के लिए ध्यान करते थे। योग की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई है जिन्हें आदि योगी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को दुनियाभर के योगियों का गुरू माना जाता है। इसके बाद ऋषि-मुनियों से योग को लोकप्रिय बनाया और योग ने दुनिया भर में ख्याति अर्जित की। आज सूर्य नमस्कार (sun salutation), अनुलोम-विलोम सहित कई योगासन एवं ध्यान का
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021
World Yoga Day इस साल अर्थात् वर्ष 2021 में सातवीं बार 21 जून दिन शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। अब यह बड़े पैमाने पर लोगों के बीच लोकप्रिय हो चुका है और देश भर के लोग एक मंच पर इकट्ठे होकर योग दिवस का आयोजन कर रहे हैं।
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योग दिवस कब मनाया जाता है
हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस दुनिया भर के देशों में 21 जून को मनाया जाता है।
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनियाभर के देशों में 21 जून को मनाया जाता है। 21 जून को योग दिवस मनाने का विचार सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने एक भाषण के दौरान प्रस्तावित किया था। उन्होंने इस दिन योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि उत्तरी गोलार्ध में 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र के इस घोषणा के बाद वर्ष 2015 से हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 आंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 2014 में हुई और इसे संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बाद वर्ष 2015 से हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। योग मन, मस्तिष्क एवं शरीर का एक अभ्यास है जो मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। योग की विभिन्न शैलियां होती हैं जिनमें शारीरिक मुद्राएं, सांस लेने की टेक्निक और मेडिटेशन एवं रिलैक्सेशन आदि
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Shoulder External Rotation with Lunge
Shoulder External Rotation with Lunge
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Single Leg Bridge Lower
Single Leg Bridge Lower
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Single Leg Bridge
पश्चिमोत्तानासन करते समय सावधानियां
किसी भी आसन का अभ्यास करने पर फायदों के साथ उसके कुछ नुकसान भी होते हैं। लेकिन आमतौर पर नुकसान तब होता है जब शरीर में कोई विशेष परेशानी हो औऱ हम उसकी अनदेखी कर किसी आसन का अभ्यास कर रहे हों। आइये जानते हैं पश्चिमोत्तानासन में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
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पश्चिमोत्तानासन के फायदे अनिद्रा की समस्या दूर करने में
इस आसन का अभ्यास करने से व्यक्ति को सही तरीके से नींद आती है और अनिद्रा (insomnia) की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप, बांझपन (infertility) और डायबिटीज की समस्या को दूर करने में भी यह आसन फायदेमंद होता है।
“योग विज्ञान है” – ओशो
योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है।
जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।
नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।