हनुमानासन करते समय सावधानियां

आसन का अभ्यास करते समय कुछ बिंदु हमेशा ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि योगा या आसन सेहत के लिए जितना लाभकारी होता है, शरीर में कोई विशेष परेशानी होने पर आसन का अभ्यास करना हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए हनुमानासन का अभ्यास करते समय ये सावधानियां बरतें।

हनुमानासन के फायदे अस्थमा को ठीक करने में

इस आसन के दौरान लगातार सांस लेने और छोड़ने से फेफड़े(lungs) अच्छी तरह से खुल जाते हैं और अस्थमा के अटैक का खतरा कम हो जाता है। प्रतिदिन हनुमानासन का अभ्यास करने से श्वसन संबंधी बीमारियां दूर हो जाती हैं।

हनुमानासन करने के फायदे महिलाओं में बांझपन दूर करने में

यह आसन पेल्विक में खून के प्रवाह को बढ़ाने का कार्य करता है और प्रजनन अंगों(reproductive organs) को हल्का मसाज और टोन करने का काम भी करता है। यह आसन नितंबों की ओपनिंग के तनाव को कम करता है और महिलाओं में बांझपन की समस्या को दूर करने में सहायक होता है।

हनुमानासन के फायदे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने में

यह आसन पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। हनुमानासन पैरों और कूल्हों (buttock) में खून के प्रवाह को बेहतर बनाता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति जिनके इन अंगों में खून का प्रवाह बेहतर नहीं होता है उन्हें इस आसन (aasan) का अभ्यास जरूर करना चाहिए।

अनिद्रा दूर करने में हनुमानासन करने के फायदे

जिन लोगों को रात में नींद न आने की समस्या है उनके लिए हनुमानासन बहुत फायदेमंद होता है। इस आसन के दौरान सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया से स्ट्रेस और चिंता कम होती है और यह मस्तिष्क को राहत प्रदान करता है। इसलिए नींद की समस्या(Insomnia) दूर करने में यह आसन बहुत कारगर है।

हनुमानासन करने के फायदे साइटिका से राहत दिलाने में

हनुमानासन का नियमित अभ्यास करने से साइटिका के दर्द(sciatic pain) से राहत मिलती है। यह आसन कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और उन्हें लंबा करता है। विशेषरूप से साइटिका के दर्द को दूर करने के लिए यह आसन बेहद फायदेमंद होता है।

हनुमानासन करने के फायदे गर्भावस्था में फायदेमंद

यह आसन प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि यह प्रसव के दौरान होने वाले दर्द(labor pains) को कम करता है और बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। जो महिलाएं गर्भावस्था के पहली तिमाही में इस आसन का अभ्यास करती हैं उन्हें बच्चे को जन्म देने में अधिक परेशानी नहीं होती है।

हनुमानासन के फायदे शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में

प्रतिदिन हनुमानासन करने से शरीर के अंदर जमा हानिकारक (harmful) पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा यह आसन पेट की मांसपेशियों का मसाज करने का काम करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। इसलिए शरीर को साफ रखने और दूषित हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए यह आसन किया जाता है।

हनुमानासन करने के फायदे

यह शरीर के ऊपरी हिस्से का आसन है जिसमे पूरे शरीर एवं पेट की मांसपेशियों (abdominal muscles) का मसाज हो जाता है। इस आसन को करने से स्वास्थ को विभिन्न फायदे होते हैं।

हनुमानासन करने का तरीका

यह एक ऐसा आसन है जो अन्य आसन से बहुत अलग है। शुरूआत में हनुमानासन का अभ्यास करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए शुरूआत में थोड़ी देर लेकिन सही तरीके से हनुमानासन का अभ्यास करना चाहिए। आइये जानते हैं हनुमानासन करने का तरीका(steps) क्या है।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।