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हनुमानासन करने का तरीका

हनुमानासन करने का तरीका

यह एक ऐसा आसन है जो अन्य आसन से बहुत अलग है। शुरूआत में हनुमानासन का अभ्यास करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए शुरूआत में थोड़ी देर लेकिन सही तरीके से हनुमानासन का अभ्यास करना चाहिए। आइये जानते हैं हनुमानासन करने का तरीका(steps) क्या है।

जमीन पर बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों को दो अलग दिशाओं में फैला लें। दोनों पैर के घुटने एक दूसरे से अलग होने चाहिए और दाहिना पैर आगे की ओर रखें एवं बायां पैर पीछे की ओर फैलाएं।
यह भी सुनिश्चित कर लें कि आपके पैरों की एड़ियां जमीन को छू रही हो। इसके बाद गहरी सांस लें।
इसके बाद श्वास छोड़ें और अपने धड़(torso) को आगे की दिशा में झुकाएं। इस दौरान आपकी उंगलियां जमीन से छूनी चाहिए।
इसके बाद अपने बाएं घुटने को इस तरह से पीछे की ओर रखें कि आपका दाहिना पैर आगे की ओर जमीन को छूए।
इस मुद्रा में आने के बाद अपनी भुजाओं(arms) को अपने सिर से ऊपर उठाएं और दोनों हथेलियों को जोड़ें। अपनी भुजाओं को जितना संभव हो ऊपर की ओर ले जाएं और हल्का सा धड़ और हथेलियों (palm) को पीछे की ओर झुकाएं। इस दौरान सामान्य रूप से श्वास लेते रहें।
इस मुद्रा में 30 से 60 सेकेंड तक बने रहें या जितनी देर तक आप सहज(comfortable) हों उतनी देर तक इस मुद्रा में बने रहें।
इसके बाद अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें और पहले की अवस्था में आ जाएं।
इस आसन का अभ्यास बाएं एवं दाएं पैर को बारी-बारी से आगे रखकर करें।

  1. जमीन पर बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों को दो अलग दिशाओं में फैला लें। दोनों पैर के घुटने एक दूसरे से अलग होने चाहिए और दाहिना पैर आगे की ओर रखें एवं बायां पैर पीछे की ओर फैलाएं।
  2. यह भी सुनिश्चित कर लें कि आपके पैरों की एड़ियां जमीन को छू रही हो। इसके बाद गहरी सांस लें।
  3. इसके बाद श्वास छोड़ें और अपने धड़(torso) को आगे की दिशा में झुकाएं। इस दौरान आपकी उंगलियां जमीन से छूनी चाहिए।
  4. इसके बाद अपने बाएं घुटने को इस तरह से पीछे की ओर रखें कि आपका दाहिना पैर आगे की ओर जमीन को छूए।
  5. इस मुद्रा में आने के बाद अपनी भुजाओं(arms) को अपने सिर से ऊपर उठाएं और दोनों हथेलियों को जोड़ें। अपनी भुजाओं को जितना संभव हो ऊपर की ओर ले जाएं और हल्का सा धड़ और हथेलियों (palm) को पीछे की ओर झुकाएं। इस दौरान सामान्य रूप से श्वास लेते रहें।
  6. इस मुद्रा में 30 से 60 सेकेंड तक बने रहें या जितनी देर तक आप सहज(comfortable) हों उतनी देर तक इस मुद्रा में बने रहें।
  7. इसके बाद अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें और पहले की अवस्था में आ जाएं।
  8. इस आसन का अभ्यास बाएं एवं दाएं पैर को बारी-बारी से आगे रखकर करें।

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