खांसी और जुकाम बस दस मिनट..........गायब

मौसम के परिवर्तन के कारण संक्रमण से कई बार वाइरल इंफेक्शन के कारण हमारे गले व फेफड़ों में जमने वाली एक श्लेष्मा होती है जो खांसी या खांसने के साथ बाहर आता है। यह फायदेमंद और नुकसानदायक दोनों है। इसे ही कफ कहा जाता है। अगर आप भी खांसी या जुकाम से परेशान है तो बिना दवाई लिए भी रोज सिर्फ दस मिनट इस मुद्रा के अभ्यास से कफ छुटकारा पा सकते हैं।

मुद्रा- बाएं हाथ का अंगूठा सीधा खडा कर दाहिने हाथ से बाएं हाथ कि अंगुलियों में परस्पर फँसाते हुए दोनों पंजों को ऐसे जोडें कि दाहिना अंगूठा बाएं अंगूठे को बहार से कवर कर ले,इस प्रकार जो मुद्रा बनेगी उसे अंगुष्ठ मुद्रा कहेंगे।

एनर्जी बढ़ाने का घरेलू नुस्‍खा सेब का सिरका

थकावट दूर करने और शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए एप्‍पल साइडर सिरका एक और अच्‍छा उपाय है। यह आपके शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह स्‍वास्‍थ्‍य ऑनिक इलेक्‍ट्रोलाइट्स (electrolytes) से भरा होता है जो आपकी ऊर्जा के स्‍तर को बढ़ाने और आपकी सहनशक्ति को उत्‍तेजित करने में सहायक होता है। यदि आप भी अपनी शारीरिक कमजोरी को दूर करना चाहते हैं तो सेब के सिरका को अपने व्‍यंजनों और आहार में शामिल कर सकते हैं।

शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के उपाय मैग्नीशियम युक्‍त आहार

मैग्नीशियम की कमी शरीर की ताकत और सहनशक्ति को कम कर सकती है। मैग्नीशियम शरीर में ग्‍लूकोज को तोड़ने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है जो ऊर्जा के लिए आवश्‍यक है। मैग्नीशियम युक्‍त खाद्य पदार्थों का उचित मात्रा में सेवन करना कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं जैसे ऐंठन, सिरदर्द और चिंता आदि से छुटकारा दिला सकता है। यदि आपको ऊर्जा में कमी का अनुभव हो तो आप मैग्‍नीशियम आधारित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। दैनिक आधार पर पुरुषों को लगभग 350 मिलीग्राम और महिलाओं को 300 मिलीग्राम मैग्नीशियम की आवश्‍यकता होती है।

शरीर की ताकत बढ़ाये ग्रीन टी

नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करना आपके स्‍टैमिना और एनर्जी लेवल को बढ़ा सकता है। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल्‍स (polyphenols) थकान को कम करने, तनाव को दूर करने और अच्‍छी नींद लेने में सहायक होते हैं। एक अध्‍ययन के अनुसार नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करने से 24 प्रतिशत तक व्‍यायाम प्रदर्शन की स्टेमिना को बढ़ा सकता है।

शरीर की ताकत बढ़ाने की दवा अखरोट

शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए अखरोट एक अच्‍छा विकल्‍प है क्‍योंकि इसमें ओमेगा-3 अच्‍छी मात्रा में होता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड प्राप्‍त करने का सबसे अच्‍छा तरीका मछली का सेवन करना है। लेकिन जो लोग शाकाहारी होते हैं उनहें ओमेगा-3 फैटी एसिड प्राप्‍त करने के लिए अखरोट का करना चाहिए। अखरोट का नियमत सेवन हृदय को स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होता हे। इसके अलावा आप अपने शरीर की फिटनेस को बनाए रखने और शरीर की ताकत में वृद्धि करने के लिए भी अखरोट का उपयोग कर सकते हैं। जानकारों के अनुसार अखरोट में स्‍वस्‍थ वसा के साथ ही ऐसे पोषक तत्‍व और खजिन पदार्थ होते हैं जो शरीर में खराब कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम करने मे

शरीर का एनर्जी लेवल बढ़ाये नारियल तेल

नारियल का तेल आपकी ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने में बहुत ही फायदेमंद होता है। नारियल के तेल में स्‍वस्‍थ वसा और विशेष रूप से मध्‍यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं जो आसानी से पच जाते हैं और प्रत्‍यक्ष और त्‍वरित ऊर्जा दिलाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नारियल का तेल दिल को स्‍वस्‍थ रखने और प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। नियमित रूप से सेवन करने पर नारियल का तेल पेट की चर्बी को कम करने में भी सहायक होता है।

शरीर की ताकत बढ़ाने के घरेलू नुस्‍खे केला

केला एक पौष्टिक और स्‍वादिष्‍ट फल है जो शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के घरेलू नुस्‍खे में उपयोग किया जा सकता है। शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए विभिन्‍न प्रकार के खनिज पदार्थ और पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता होती है। केला भी ऐसा ही खाद्य पदार्थ है जो शरीर की ताकत को बढ़ाने में सहायक होता है। केला में पोटेशियम की अच्‍छी मात्रा होती है। परिश्रम और व्‍यायाम के दौरान शरीर में  इलेक्‍ट्रोलाइट की कमी हो सकती है जो थकान और कम ऊर्जा दर्शाता है। एक अध्‍ययन में बताया गया कि व्‍यायाम या कठिन परिश्रम करने वाले लोगों के शरीर में त्‍वरित ऊर्जा प्राप्त करने में केला बहुत ही प्रभावी होता है। अपने शरीर की क्षमता और

हमेशा एक्सरसाइज से पहले वार्मअप जरुर करें

अगर आप पहली बार जिम जा रहे है और आप बहुत जोश में है की आप बहुत हैवी एक्सरसाइज करेंगे तो थोड़ा रुकिए क्योकि ऐसा करना बिलकुल गलत होगा और इससे आपकी शरीर की नसों और टिश्यू को नुकसान पहुँच सकता है। कभी भी कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले वार्मअप करना बहुत ही जरुरी होता है क्योकि अगर आप वार्मअप करके एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो आपकी मसल्स को चोट पहुँचने का डर रहता है जिससे आपको फ्रैक्चर या गंभीर चोट का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जिम जाते ही सबसे पहले थोड़ी सी स्ट्रेचिंग और वार्मअप करना बहुत ही जरुरी है।

जिम के पहले दिन करें इन नियमों का पालन

आज के समय में लोगों में जिम का क्रेज दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। हर युवा चाहे वो लड़कियां हो या फिर लड़के हों हर किसी को जिम जाना है, बॉडी बनाना है। नियमित रूप से व्यायाम करना आपकी सबसे अच्छी आदतों में से एक हो सकती है। अगर आप भी जिम जाने के बारे में मन बना रहे है तो जिम के पहले दिन कौन कौन से नियमों का पालन करना जरुरी है उसके बारे में जरुर जान लें नहीं तो पहले दिन ही ज्यादा एक्सरसाइज कर लेने से आपको शारीरिक तकलीफ हो सकती है और हो सकता है चोट का भी सामना करना पड़े। इसलिए जिम के पहले दिन कुछ नियमों का पालन आपको इन परेशानियों से बचा सकता है।

कुछ भारी खाकर या एकदम खाली पेट ना जायें जिम करने

यह जिम करने का सबसे पहला और महत्वपूर्ण नियम है की कभी भी जिम करने से पहले कोई हैवी नाश्ता ना करें और ना ही एकदम खली पेट जिम करने जायें क्योकि दोनों ही सूरतों में आपको नुकसान पहुँच सकता है। यदि आप जिम से पहले भर पेट खा कर जिम करने जायेंगे तो आपको एक्सरसाइज करते समय उल्टी या घबराहट होने की समस्या हो सकती है, ठीक वैसे ही अगर आप बिलकुल खाली पेट एक्सरसाइज करेंगे तो आपको चक्कर और कमजोरी लगने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा जिम जाने के दो घंटे पहले कुछ हल्का नास्ता करें उसके बाद ही जिम जाकर एक्सरसाइज करें, ऐसा करने से आपको जिम में एक्सरसाइज करते समय कोई परेशानी नहीं होगी।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।