योग करने से पहले क्या करे

किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी कुछ तैयारियां जरूरी होती है | इसी प्रकार योग करने से पहले कुछ तैयारियां जरूरी होती है और सही समय का चुनाव योग के लिए उचित स्थान स्थान का साफ सुथरा होना संचित हवा का होना और योग के करने की जगह पर किसी भी प्रकार के चुगने वाले चीज नहीं होने चाहिए योग अगर प्रातः काल खुले में किया जाए तो यह सर्वोत्तम होता है अन्यथा आप अपने घर के अंदर भी साफ सुथरी जगह पर नियमित रूप से योग कर सकते हैं|
निरोगी काया के उद्देश्यों को साधने वाले योग को लेकर आजकल विश्व भर में काफी उत्साह है। 21 जून को विश्व योग दिवस की तिथि निश्चित किए जाने के बाद दुनिया भर में योग को लेकर लोगों की उत्सुकताएं बढ़ी हैं। बहुत से लोगों सेहतमंद जीवन के लिए योग को अपनाया है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके मन में योग को लेकर बहुत सारे सवाल हैं। ऐसे लोग टीवी, इंटरनेट आदि की सहायता से योगाभ्यास कर तो लेते हैं लेकिन उनके मन में योग को लेकर जो भ्रम होता है उसका निदान नहीं मिल पाता। आज हम ऐसे लोगों के मन में उठने वाले सवालों को जानने की कोशिश करेंगे।
वर्कआउट बेहतर है या योग – योग को सिर्फ आसन की वजह से जाना जाता है लेकिन यह शरीर, दिमाग और सांसों के तालमेल से किया जाने वाला अभ्यास है। यह शरीर को लचीला बनाता है। मानसिक शांति, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को ऊर्जान्वित करने में योग हमारी मदद करता है। दूसरी ओर जिम में हम खूब पसीना बहाते हैं ताकि हमारा शरीर फिट रहे। वर्कआउट करना एक शारीरिक अभ्यास है जबकि योग में शरीर, मन और सांस तीनों की भागीदारी होती है।
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योग का सही समय क्यों है जरूरी
जब आप योग करने का सही समय चुनते हैं तो योग के फायदों को पाते हैं.
योग करने का सही समय सबसे जरूरी और अहम होता है. अगर आप यो करने का सही समय और स्थान नहीं चुनते हैं तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है.
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नियम के अभाव में योग का पूर्ण लाभ नहीं मिलता है।
- योगाभ्यास के लिए सुबह का समय सबसे उत्तम है। यदि समय का अभाव है तो सायंकाल में भी योग का अभ्यास कर सकते हैं।
- प्रातःकाल के समय शौच, दातुन आदि से निवृत्त होकर खाली पेट ही योगासन (Yoga) करना चाहिए, या शौच के बाद वातावरण के अनुकूल स्नान करके योगासन करना सर्वोत्तम है।
- सुबह का योगाभ्यास ज्यादा लाभकारी रहता है, क्योंकि रातभर की पर्याप्त नींद से तन-मन ऊर्जावान् एवं प्रफुल्लित रहता है एवं मन में किसी भी प्रकार का तनाव नहीं रहता है।
- योग का अभ्यास (Yoga) करते समय श्वाँस की प्रक्रिया पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।
- योगाभ्यास के समय मन को शांत रखना चाहिए, जिससे योगाभ्यास के समय हम अपनी चेतना को शरीर के अंग पर पड़ने वाले प्रभाव पर स्थिर कर सकें।
- भोजन के 4-5 घंटे के बाद या हल्का नाश्ता करके 2 घंटे के बाद योगाभ्यास किया जा सकता है।
- योगाभ्यास (Yoga) सदैव शान्त व प्रसन्न-चित्त मुद्रा में स्वच्छ एवं खुले वातावरण में करना चाहिए।
- एक आसन के बाद उसका पूरक आसन अवश्य करना चाहिए। जैसे सर्वांगासन के बाद सुप्त वज्रासन करना चाहिए।
- योगाभ्यास समतल भूमि पर दरी या चादर बिछाकर करें। इससे अधिक मात्रा में ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है।
- किसी भी योगाभ्यास को सहज व सरल रूप में करना है, अन्यथा इससे हानि भी हो सकती है।
- योगाभ्यास के समय शरीर पर ढीले-ढाले वस्त्रा पहनने चाहिए। जो योगाभ्यास के अनुकूल हो।
- कठिन योगाभ्यास के पश्चात् विश्राम अवश्य करना चाहिए। विश्राम के लिए शवासन या मकरासन उपयुक्त है।
- स्त्रियों को मासिक धर्म, गर्भावस्था में और प्रसूति के दौरान हल्के योगाभ्यास करना चाहिए।
- रोग से पीड़ित योगाभ्यासी को यह जानना जरूरी है कि कौन-से आसन का अभ्यास करना है और कौन-से आसन का अभ्यास नहीं करना है।
- वज्रासन ही एक ऐसा आसन है। जो भोजन के पश्चात् किया जा सकता है। इसलिए भोजन करने के बाद वज्रासन में अवश्य बैठें।
इसके अतिरिक्त सभी आसन खाली पेट किया जाता है।
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खुद चुनें अपना आसन
खुद ध्यान दें कि आपके लिए योग का कौन-सा आसन बेस्ट है। योग में हर व्यक्ति के लिए कोई न कोई आसन है। अपने लचीलेपन, सहनशक्ति और संतुलन को ध्यान में रखते हुए शुरुआत में वही आसन चुनें। चिंता खत्म होना, दिमाग को शांत करना और शरीर को आराम देना जैसे फायदे योग के बाद ही दिखते हैं। अपने स्वास्थ्य और उद्देश्य को देखते हुए आसन का चयन करें। कमजोरियों और ताकत के बारे में एक्सपर्ट को बताते हुए सही आसन की जानकारी लें।
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धीरे-धीरे करें शुरुआत
आसन के पोज़ को शुरुआत में धीरे-धीरे करें क्योंकि आप कोई एक्सपर्ट नहीं हैं, जो एक बार में सही से कर लें। योग के लिए लचीली बॉडी की आवश्यकता नहीं है। यह पोज़ लचीलापन बढ़ाने और आपकी ताकत बढ़ाने में मदद करेंगे। शुरुआत में योग के बाद बॉडी को थोड़ा दर्द होगा लेकिन अभ्यास करते रहने से यह दर्द खत्म हो जाएगा और बॉडी रूटीन में आ जाएगी।
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सांस लेने का तरीका रखें ध्यान
सांस लेना, सांस छोड़ना और सही से सांस लेना। सही से सांस लेना व्यायाम का ही रूप है। आप आसन का अभ्यास तब तक नहीं कर सकते, जब तक आप मुंह से सांस लेते रहेंगे। लिहाजा, योगासन के दौरान नाक से ही सांस लेना और छोड़ना जरूरी है। योग के दौरान मैंने सबसे पहली चीज़ यही सीखी कि व्यायाम के समय सही से सांस लेने का क्या तरीका है। यही नहीं, सांस लेने और छोड़ने की प्रकिया में संतुलन बनाना भी जरूरी है। आप सांस को जितना लंबा और देर तक ले सकते हैं करें, लेकिन ध्यान रहे कि दबाव डालकर सांस रोकने और खींचने की कोशिश न करें। आपको सांस को लेकर सतर्क होना पड़ेगा। यह सुनने में जितना आसान लगता है, करने में उतना ही मुश्किल होता है।
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संतुलन का है खेल
आप सोच रहे होंगे कि आसन को बना लेना ही काफी है, लेकिन ऐसा नहीं है। जी हां, आसन को बनाने के साथ-साथ उन्हें कुछ समय रोक कर भी रखना चाहिए। संतुलन की ओर ध्यान लगाएं, लेकिन ताकत के साथ नहीं। दिमाग संतुलन बनाने में होना चाहिए न कि पोज़ सही बनाने में।
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आसन के बाद के पोज़
आसन के बाद की सबसे जरूरी चीज, जो हर नौसिखिए को पता होनी चाहिए कि आसन के बाद कैसे रिलेक्स किया जाए। यह भी व्यायाम की ही एक शैली है। इस शवासन के दौरान आप पीठ के बल लेट जाएंगे और सांस पर ध्यान केंद्रित करें। यह शरीर को आराम देने की तकनीक है।
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अभ्यास में अंतर का समय
योग का मतलब यह नहीं है कि खुद को जबरदस्ती घसीटते हुए करते ही जाएं। मेरे हिसाब से एक हफ्ते में चार दिन किया योग भी आपके लिए काफी होता है। खुद को एक्सपर्ट न समझें। अपना संतुलन बनाएं। जितना आपका शरीर कर सकता है, उतना ही करें। समय को लेकर इसमें कोई निय़म नहीं है, लेकिन आपकी मुद्रा के अनुसार आप यह निर्णय ले सकते हैं। जैसे कुछ लोग ताज़गी के लिए योग करते हैं, तो कुछ दिमाग को शांत करने के लिए। सुबह के समय किया योग काफी स्फूर्तिदायक होता है और आपको पूरा दिन ताज़गी देता है। आप शुरुआत शाम में भी कर सकते हैं लेकिन उस समय आराम वाले आसन की ओर ज़्यादा ध्यान दें।
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योग करने का सही समय कब होता है ?
आप किस तरह के योग का चयन कर रहें है यह आपके तंदुरूस्ती पर निर्भर करता है लेकिन इसके साथ ही आपको सही समय का ज्ञान होना भी ज़रूरी होता है। आपके सहुलियत के लिए योग के सही समय का चुनाव करने के लिए यहाँ 6 नियम दिए जा रहे हैं
क्या सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है ?
यौगिक क्युर फॉर कॉमन डिजीजेज पुस्तक के लेखक डॉ. फूलगेंदा सिन्हा लिखते हैं कि “योग करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है. लेकिन नाश्ता करने के पहले योग अभ्यास करना चाहिए. क्योंकि योग करते समय पेट हल्का व खाली होना चाहिए”
अगर आपको सुबह का समय पसंद नहीं है तो आप दूसरे समय को भी चुन सकते हैं. दूसरे समय का चयन करते वक्त पेट खाली हो यह सुनिश्चित करना चाहिए. खाना खाने के 3 घंटे बाद योग का अभ्यास कर सकते हैं.
खाना खाने के कुछ घंटे बाद ही योग अभ्यास करें
योग करने का सही समय सबसे जरूरी और अहम होता है. अगर आप यो करने का सही समय और स्थान नहीं चुनते हैं तो यह नुकसान भी पहुंचा सकता है.| सुबह के जगह पर अगर आपने योग करने के लिए दूसरे समय का चुनाव किया है तो खाना खाने के तीन-चार घंटे के बाद ही योग अभ्यास करें। यहाँ तक कि चाय, कॉफी, जूस या दूसरा कुछ भी पीया है तो आधा घंटा के बाद ही योग अभ्यास शुरू करें।
योग शुरू करने के पहले खुद को तनावमुक्त और मन को शांत कर लें
योग के लिए समय का चुनाव करने के बाद योग अभ्यास शुरू करने के पहले सबसे ज़रूरी होता है शरीर को आरामदेह स्थिति में रखना। योग में एकाग्रता और शरीर में लचीलेपन की ज़रूरत होती है इसके लिए खुद को शांत रखना ज़रूरी होता है।
चुने हुए समय पर ही नियम से योग करें
डॉ. फूलगेन्दा के अनुसार जिस समय का चुनाव आपने किया है उसी समय पर रोज़ योग करें। इसलिए समय का चुनाव आप अपने रोज के कामों को ध्यान पर रख कर ही कीजिए ताकि अभ्यास का समय इधर-उधर न हो।
शरीर में आए बदलाव को अनुभव करने के लिए नियमित रूप से योग करें
जिस भी योग के सेट का अभ्यास आप कर रहे हैं उसे हफ़्ते में पाँच से छह दिन तक करने के बाद ही आप शरीर में आए बदलाव को देख सकते हैं, जैसे वज़न घटना, तनाव से राहत या दूसरे लक्षण आदि।
योग का अभ्यास ज़्यादा न करें
दिन में एक बार ही योग का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है बशर्ते कि योग गुरू का निर्देश हो। अगर आप सही तरह से योग का अभ्यास करेंगे तो जोड़ों का दर्द, गठिया, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, श्वास रोगों और यहां तक कि कुछ मानसिक बीमारियों से भी राहत पा सकते है। अतः नियम से योग अभ्यास करें और निरोग रहें।
जब हम Yoga Practise Time का सही चुना करते हैं तो इसके फायेद बहुत ज्यादा होते हैं. योग करने का सही समय कई बातों पर निर्भर करता है.