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સુત-વજ્રાસન

સુત-વજ્રાસન

 

सुप्त का अर्थ था सोया हुआ अर्थात वज्रासन की स्थिति में सोया हुआ. આ આસનમાં पीठ के बल लेटना पड़ता है, આ આસનને સપ્ત-વજ્રાસન કહે છે, જ્યારે વજ્રાસન બેઠક કરી રહી છે. આ આસન વજ્રાસનનું વિસ્તૃત સ્વરૂપ છે. इस आसन को हलासन या कोई भी आगे की ओर किये जाने वाले आसनों के बाद. આ આસનમાં સ્વાધિષ્ઠાન ચક્ર, મેરુદંડ અને કમર ઉમેરવા પર ધ્યાન આપવું જોઈએ.

सुत-वज्रासन की विधि-

स्थिति में आइए (दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठाएँगे ) दोनों पैर मिलाइए, हाथ बराबर में, कमर सीधी रहेंगे।अब वज्रासन स्थिति में बैठेंगे।पैरों में पीछे रखेंगे साथ निंबित जमीन से लगते अब धीम से कुहनियों के सहारे पीठ के बलजमीन પર લેટ જાઓ. घुटनो को ज़मीन सेँगे ,हाथों को सिर के उपर रहेंगे या नमस्कार में सीने पर भी रख सकते हैं कुछ देर समान स्थिति में फिरेंगे फिर दोनों कुहनियों की सहायता से उठकर बस जाते हैं.

सुत-वज्रासन की सावधानी-

વધુ કમર પીડા અને घुटने दर्द के रोग न करें.

सुप्त-वज्रासन की लाभ-

વક્ષસ્થલ અને મેરુદંડ માટે લાભદાયક છે. મેરુદંડ સુંદર હતો. ઉદર સંબંધિત તમામ પ્રકારના રોગોમાં લાભકારી છે. पेट की चर्बी भी घटती है.

 


सुप्त का अर्थ होता है सोया हुआ अर्थात वज्रासन की स्थिति में सोया हुआ। इस आसन में पीठ के बल लेटना पड़ता है, इसिलिए इस आसन को सुप्त-वज्रासन कहते है, जबकि वज्रासन बैठकर किया जाता है। यह आसन वज्रासन का विस्तृत रूप है। इस आसन को हलासन या कोई भी आगे की ओर किये जाने वाले आसनों के बाद करें। इस आसन में स्वाधिष्ठान चक्र, मेरूदंड तथा कमर के जोड़ पर ध्यान एकाग्र करना चाहिए।

सुप्त-वज्रासन करने की विधि- 

  1. स्थिति में आइए (दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएँगे ) दोनों पैर मिलाइए , हाथ बराबर में, कमर सीधी रखते हुए।
  2. अब वज्रासन स्थिति में बैठेंगे।पैरों में पीछे  अंतर रखेंगे जिससे नितंब जमीन से लग जाए अब  धीरे से दोनों कुहनियों के सहारे से  पीठ के बल जमीन पर लेट जाएँगे । 
  3. घुटनो को ज़मीन से लगाएँगे ,हाथों को सिर के उपर रखेंगे या नमस्कार मुद्रा में सीने पर भी रख सकते हैं  कुछ देर इसी स्थिति में रहेंगे फिर
  4.  दोनों कुहनियों की सहायता से उठकर बैठ जाते है।

सुप्त-वज्रासन करने की सावधानी-  

  • अधिक कमर दर्द व घुटने दर्द  के रोगी न करें।

सुप्त-वज्रासन करने की लाभ-

  1. वक्षस्थल और मेरुदंड के लिए लाभदायक है। 
  2. मेरुदंड लचीला होता  है। 
  3. उदर संबंधी सभी तरह के रोगों में लाभकारी है।  
  4. इससे पेट की चर्बी भी घटती है।
সুপ্তবজ্রাসন